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निकाय चुनाव: पाली में भाजपा ने 30 सीटें ज्यादा जीती, कांग्रेस ज्यों की त्यों

पाली में हुए मतगणना के बाद आए परिणाम में सात निकायों में हुए चुनाव में एक बार फिर से भाजपा ने बाजी मारी है. वहीं साल 2015 के नगर निकाय चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भाजपा ने 30 सीटों पर बढ़त ली है.

rajasthan news, राजस्थान समाचार
पाली में बीजेपी ने मारी बाजी...
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Published : Feb 1, 2021, 12:32 PM IST

पाली. जिले की सात नगर निकायों में परिणाम आने के बाद राजनीति की पूरी गणित साफ हो चुकी है. बता दें कि 7 निकायों में हुए चुनाव में एक बार फिर से भाजपा ने अपनी बाजी मारी है. वहीं साल 2015 के नगर निकाय चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भाजपा ने 30 सीटों पर बढ़त ली है. वहीं कांग्रेस ने 59 सीटों में से एक पर भी बढ़त नहीं बना पाई है. सबसे बड़ी बात यह रही है कि कई वार्ड से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और उनके परिजनों को भी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं नगर निकाय क्षेत्रों की बात करें तो रानी और सोजत नगर निकाय क्षेत्र को छोड़कर सब जगह कांग्रेस को पिछले चुनाव के बनिस्बत इस बार अपनी सीटें गंवानी पड़ी है.

पाली में बीजेपी ने मारी बाजी...

बता दें कि जिले के इन सात नगर निकाय चुनाव के बाद कई सीटों पर उलटफेर देखने को मिले हैं. वहीं कई उम्मीदवार तो ऐसे हारे हैं जो खुद चेयरमैन पद के प्रबल दावेदार थे. निकाय चुनाव में मतदाताओं ने लॉटरी से लेकर एक वोट की कीमत भी प्रत्याशी को समझा दी. वहीं इन चुनाव में पूर्व मंत्री अचला राम की पत्नी और चेयरमैन की प्रबल दावेदार सादड़ी से जीवन लता को मतदाताओं ने नकार दिया.

यह भी पढ़ें: बजट 2021-22 LIVE : थोड़ी देर में राष्ट्रपति भवन जाएंगी वित्तमंत्री , जानिए क्या हैं उम्मीदें

वहीं जैतारण के पूर्व संसदीय सचिव दिलीप चौधरी की पत्नी भारती चुनाव जीतने में कामयाब तो हुई लेकिन बहुमत नहीं मिलने से वह चेयरमैन की दावेदारी से बाहर हो गई. इसके साथ ही बाली के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष लाखाराम चौधरी को भी हार का सामना करना पड़ा है. साथ ही रानी में पूर्व पालिका अध्यक्ष हेमराज जैन को भी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं तखतगढ़ में पूर्व चेयरमैन जयंती जैनम को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. तो वहीं फालना के निवर्तमान चेयरमैन और कांग्रेसी नेता सोमेंद्र गुर्जर की पत्नी सुनीता गुर्जर को भी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं सादड़ी से भी पूर्व चेयरमैन दिलीप सोनी को भी इस बार हार का सामना करना पड़ा है.

कुछ यूं समझिए...

  • लोकसभा, विधानसभा और पंचायतीराज चुनाव के बाद पाली में कांग्रेस की फिर हार
  • पाली के 7 नगर निकाय में 195 वार्ड
  • 25 वार्ड सामान्य, 126 वार्ड ओबीसी, 37 एससी व 7 वार्ड एसटी
  • जिले में 120 सीट पर पुरूष व 75 सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने मारी बाजी
  • जिले में वर्ष 2015 के बजाए इस चुनाव में भाजपा 30 सीटें ज्यादा लाई

सात निकाय का विश्लेषण...

  • सोजत में इस बार भाजपा 1 व कांग्रेस ने 11 सीटों पर बढ़त बनाई
  • सादड़ी में भाजपा ने 7 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की एक सीट घटी
  • तखतगढ़ में भाजपा ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की 2 सीट घटी
  • जैतारण में भाजपा ने 8 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की 4 सीट घटी
  • फालना में भाजपा की 1 सीट घटी. वहीं कांग्रेस को 3 सीटों का नुकसान
  • बाली में भाजपा ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की 4 सीट घटी
  • रानी में भाजपा ने 3 व कांग्रेस ने 3 सीटों पर बढ़त बनाई

पाली. जिले की सात नगर निकायों में परिणाम आने के बाद राजनीति की पूरी गणित साफ हो चुकी है. बता दें कि 7 निकायों में हुए चुनाव में एक बार फिर से भाजपा ने अपनी बाजी मारी है. वहीं साल 2015 के नगर निकाय चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भाजपा ने 30 सीटों पर बढ़त ली है. वहीं कांग्रेस ने 59 सीटों में से एक पर भी बढ़त नहीं बना पाई है. सबसे बड़ी बात यह रही है कि कई वार्ड से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और उनके परिजनों को भी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं नगर निकाय क्षेत्रों की बात करें तो रानी और सोजत नगर निकाय क्षेत्र को छोड़कर सब जगह कांग्रेस को पिछले चुनाव के बनिस्बत इस बार अपनी सीटें गंवानी पड़ी है.

पाली में बीजेपी ने मारी बाजी...

बता दें कि जिले के इन सात नगर निकाय चुनाव के बाद कई सीटों पर उलटफेर देखने को मिले हैं. वहीं कई उम्मीदवार तो ऐसे हारे हैं जो खुद चेयरमैन पद के प्रबल दावेदार थे. निकाय चुनाव में मतदाताओं ने लॉटरी से लेकर एक वोट की कीमत भी प्रत्याशी को समझा दी. वहीं इन चुनाव में पूर्व मंत्री अचला राम की पत्नी और चेयरमैन की प्रबल दावेदार सादड़ी से जीवन लता को मतदाताओं ने नकार दिया.

यह भी पढ़ें: बजट 2021-22 LIVE : थोड़ी देर में राष्ट्रपति भवन जाएंगी वित्तमंत्री , जानिए क्या हैं उम्मीदें

वहीं जैतारण के पूर्व संसदीय सचिव दिलीप चौधरी की पत्नी भारती चुनाव जीतने में कामयाब तो हुई लेकिन बहुमत नहीं मिलने से वह चेयरमैन की दावेदारी से बाहर हो गई. इसके साथ ही बाली के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष लाखाराम चौधरी को भी हार का सामना करना पड़ा है. साथ ही रानी में पूर्व पालिका अध्यक्ष हेमराज जैन को भी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं तखतगढ़ में पूर्व चेयरमैन जयंती जैनम को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. तो वहीं फालना के निवर्तमान चेयरमैन और कांग्रेसी नेता सोमेंद्र गुर्जर की पत्नी सुनीता गुर्जर को भी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं सादड़ी से भी पूर्व चेयरमैन दिलीप सोनी को भी इस बार हार का सामना करना पड़ा है.

कुछ यूं समझिए...

  • लोकसभा, विधानसभा और पंचायतीराज चुनाव के बाद पाली में कांग्रेस की फिर हार
  • पाली के 7 नगर निकाय में 195 वार्ड
  • 25 वार्ड सामान्य, 126 वार्ड ओबीसी, 37 एससी व 7 वार्ड एसटी
  • जिले में 120 सीट पर पुरूष व 75 सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने मारी बाजी
  • जिले में वर्ष 2015 के बजाए इस चुनाव में भाजपा 30 सीटें ज्यादा लाई

सात निकाय का विश्लेषण...

  • सोजत में इस बार भाजपा 1 व कांग्रेस ने 11 सीटों पर बढ़त बनाई
  • सादड़ी में भाजपा ने 7 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की एक सीट घटी
  • तखतगढ़ में भाजपा ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की 2 सीट घटी
  • जैतारण में भाजपा ने 8 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की 4 सीट घटी
  • फालना में भाजपा की 1 सीट घटी. वहीं कांग्रेस को 3 सीटों का नुकसान
  • बाली में भाजपा ने 6 सीटों पर बढ़त बनाई. वहीं कांग्रेस की 4 सीट घटी
  • रानी में भाजपा ने 3 व कांग्रेस ने 3 सीटों पर बढ़त बनाई
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