पाली. जिले के सबसे बड़े पेयजल स्त्रोत जवाई बांध के पानी का बंटवारा तो हो चुका है, लेकिन इस बंटवारे के बाद अब विवाद बढ़ने लगा है. जहां जलदाय विभाग की ओर से अपनी रिपोर्ट में मांग से 1100 एमसीएफटी पानी देने की बात कही गई है, वहीं जलदाय विभाग की इस रिपोर्ट के बाद जवाई बांध कमांड क्षेत्र से जुड़े किसानों में रोष व्याप्त हो चुका है.
जवाई बांध कमांड क्षेत्र के किसानों ने अब अपना विरोध जताना शुरू किया है और जलदाय विभाग को घेरने की तैयारी कर दी है किसानों का आरोप है कि जलदाय विभाग की ओर से रिपोर्ट गलत दी गई है. प्रतिवर्ष जलदाय विभाग की ओर से आरक्षित किए गए पानी का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है.
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जलदाय विभाग की रिपोर्ट देने के बाद जवाई बांध कमांड क्षेत्र के किसानों ने अपना विरोध जताते हुए बताया कि जलदाय विभाग की ओर से जनता के लिए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति शहरी क्षेत्र में 135 लीटर पानी, नगर परिषद में 100 लीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 70 लीटर पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन वास्तविक स्थिति में जलदाय विभाग 48, 72 व 96 घंटे के अंतराल में पेयजल सप्लाई देता है. उन्होंने बताया कि बाकी का पानी रहस्यमय ढंग से गायब हो जाता है. किसानों ने बताया कि जवाई बांध के अलावा जलदाय विभाग के पास पेयजल के और भी कई स्त्रोत हैं, लेकिन जलदाय विभाग की ओर से इस सिर्फ जवाई बांध के पानी पर नजर डाली जा रही है.
जवाई बांध जल वितरण समिति के सदस्यों की मानें तो जलदाय विभाग जवाई बांध से 310 और गांव को दिसंबर माह में जोड़ने की बात कह रहा है. जबकि पूर्व में कागजों में जोड़े गए गांव में भी अभी तक सुचारू पेयजल सप्लाई देने में विभाग विफल रहा है. उपरोक्त तथ्यों के आधार पर इस वर्ष जवाई में आरक्षित जल 2192.50 एमसीएफटी के अलावा स्थानीय बांध होगा स्थानीय जल स्त्रोतों से विभाग के हेमावास बांध से 250 एमसीएफटी सहित करीब 35 सौ एमसीएफटी पानी पेयजल के लिए उपलब्ध रहेगा.
जिसमें से 476 एमसीएफटी पानी विभाग पहले ही ले चुका है. उन्होंने बताया कि जवाई पेयजल परियोजना रिपोर्ट के जनसंख्या मानक एक लाख जनसंख्या के लिए 1 वर्ष में 100 एमसीएफटी के अनुसार 35 लाख की आबादी के लिए पर्याप्त पानी है.