ETV Bharat / state

स्पेशल रिपोर्ट: पाली में तुगलक वंश और सुभाषचंद्र बोस की यादें, विरासत में मिले मुहरों-सिक्कों की एक बुजुर्ग लगा रहे प्रदर्शनी

पुरातत्व विभाग के संग्रहालयों के अलावा देश में कई ऐसी जगह हैं, जहां पर भारत के इतिहास से जुड़े अंश मिलते हैं. पाली के चाणोद गांव में रहने वाले एक बुजुर्ग ने भी भारत के इतिहास से जुड़े कई प्रमाणों को संजोकर रखा है. उनके घर में भारत में राज करने वालों की कई निशानियां हैं. उन्होंने तुगलक वंश से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक की जुड़ी यादों को जुटा रखा है.

historical seals and coins, बुजुर्ग लगा रहे प्रदर्शनी
author img

By

Published : Sep 6, 2019, 3:05 PM IST

पाली. भारत के इतिहास को जानने की इच्छा सभी की होती है. चाहे कोई भारतीय हो या विदेशी सैलानी, सभी यहां के इतिहास से जुड़ी रोचकता को समझना चाहते है. पुरातत्व विभाग के संग्रहालयों के अलावा देश में कई ऐसी जगह हैं. यहां पर भारत के इतिहास से जुड़े अंश मिलते हैं.

पाली में तुगलक वंश से लेकर सुभाषचंद्र बोस तक की यादों को संजोए बुजुर्ग लगा रहे मुहरों और सिक्कों की प्रदर्शनी

पाली के एक गांव में भी भारत के गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी बखूबी मिलती है. दरअसल, यहां के चाणोद गांव की एक झोपड़ी में रहने वाले बुजुर्ग ने भारत के इतिहास से जुड़े कई प्रमाणों को संजोकर रखा है. उनके घर में भारत में राज करने वालों की कई निशानियां है. उन्होंने तुगलक वंश से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक की जुड़ी यादों को जुटा रखा है.

पढ़ें: प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सीएम गहलोत ने ली एसपी की क्लास...कहा- हर हाल में कानून व्यवस्था सुधारें

75 साल के अचलाराम घाची ने अपने छोटे से झोपड़े में कई पुरानी मुहरों, सिक्कों और अन्य पुरातत्व के सामानों चीजों को संजोकर रखा है. अचलाराम को ये सभी मुहरे और सिक्के अपने पूर्वजों से विरासत में मिली हैं. पहले तो अचलाराम को खुद को भी पता नहीं था कि इन मोहरों का महत्व कितना है. त्योहार के वक्त इन सभी को निकालकर इनकी पूजा करने के बाद फिर से इन्हें बक्से में बंद कर रख देते थे.

पढ़ें: मुंबई में हुई मौत...शव को एयरलिफ्ट कर लाए बीकानेर...जब ताबूत खोला तो उड़ गए परिजनों के होश

बुजुर्ग अचलाराम घाची को इन मुहरों, सिक्कों और अन्य पुरातत्व के सामानों के महत्व का अहसास तब ज्यादा हुआ, जब लोगों ने इन्हें देखने के लिए उत्सुकता जाहिर की. इसके बाद अचलाराम ने अपने छोटे से झोपड़े में ही इन सभी मोहरों की प्रदर्शनी लगाना शुरू कर दिया. अचलाराम जी के पास भारत के कई राजाओं द्वारा जारी की गई मुहरें और सिक्के संग्रहित हैं.

पाली. भारत के इतिहास को जानने की इच्छा सभी की होती है. चाहे कोई भारतीय हो या विदेशी सैलानी, सभी यहां के इतिहास से जुड़ी रोचकता को समझना चाहते है. पुरातत्व विभाग के संग्रहालयों के अलावा देश में कई ऐसी जगह हैं. यहां पर भारत के इतिहास से जुड़े अंश मिलते हैं.

पाली में तुगलक वंश से लेकर सुभाषचंद्र बोस तक की यादों को संजोए बुजुर्ग लगा रहे मुहरों और सिक्कों की प्रदर्शनी

पाली के एक गांव में भी भारत के गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी बखूबी मिलती है. दरअसल, यहां के चाणोद गांव की एक झोपड़ी में रहने वाले बुजुर्ग ने भारत के इतिहास से जुड़े कई प्रमाणों को संजोकर रखा है. उनके घर में भारत में राज करने वालों की कई निशानियां है. उन्होंने तुगलक वंश से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक की जुड़ी यादों को जुटा रखा है.

पढ़ें: प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सीएम गहलोत ने ली एसपी की क्लास...कहा- हर हाल में कानून व्यवस्था सुधारें

75 साल के अचलाराम घाची ने अपने छोटे से झोपड़े में कई पुरानी मुहरों, सिक्कों और अन्य पुरातत्व के सामानों चीजों को संजोकर रखा है. अचलाराम को ये सभी मुहरे और सिक्के अपने पूर्वजों से विरासत में मिली हैं. पहले तो अचलाराम को खुद को भी पता नहीं था कि इन मोहरों का महत्व कितना है. त्योहार के वक्त इन सभी को निकालकर इनकी पूजा करने के बाद फिर से इन्हें बक्से में बंद कर रख देते थे.

पढ़ें: मुंबई में हुई मौत...शव को एयरलिफ्ट कर लाए बीकानेर...जब ताबूत खोला तो उड़ गए परिजनों के होश

बुजुर्ग अचलाराम घाची को इन मुहरों, सिक्कों और अन्य पुरातत्व के सामानों के महत्व का अहसास तब ज्यादा हुआ, जब लोगों ने इन्हें देखने के लिए उत्सुकता जाहिर की. इसके बाद अचलाराम ने अपने छोटे से झोपड़े में ही इन सभी मोहरों की प्रदर्शनी लगाना शुरू कर दिया. अचलाराम जी के पास भारत के कई राजाओं द्वारा जारी की गई मुहरें और सिक्के संग्रहित हैं.

Intro:पाली. भारत के इतिहास को जानने के लिए भले ही भारतीय हो या विदेशी सैलानी हर उस पुरानी चीज को समझना चाहता है। उनसे हमारे भारत के यादें जुड़ी हुई है। देश में कई ऐसी जगह हैं और पुरातत्व विभाग के म्यूजियम है। जहां पर भारत के इतिहास से जुड़े अंश मिलते हैं। लेकिन पाली का एक छोटा सा गांव चाणोद, जहां पर एक झोपड़ी में रहने वाले बुजुर्ग ने तुगलक तुगलक वंश से लेकर सुभाष चंद्र बोस सहित और भी कई राजा महाराजाओं की यादों को संजो कर रखा है। अगर उनके घर में जाकर देखें तो भारत के इतिहास को पूरी तरह से वहां पर सजाए हुए रखा गया है।


Body: चाणोद गांव के 75 वर्षीय अचलाराम घाची ने अपने छोटे से झोपड़े में कई पुरानी मोहरों, सिक्को व अन्य पुरातत्व चीजों को सजो रखा है। यह सभी मोहरे और सिक्के अचलाराम को उन्हें उनके पूर्वजों ने आगे से आगे विरासत में दिए थे। पहले तो अचलाराम को खुद को भी पता नहीं था कि इन महरो का महत्व कितना है। त्योहार के समय इन सभी को निकालकर इनकी पूजा करने के बाद फिर से इन्हें बक्से में बंद कर रख देते थे। लेकिन जैसे-जैसे लोगों ने इन्हें मोहरों को देखा तो उन्हें इनके बारे में बताया इसके बाद में अचलाराम ने अपने छोटे से झोपड़े में ही इन सभी मोहरों की प्रदर्शनी लगाना शुरू कर दिया। अचलाराम जी के पास में भारत शासन काल में कई राजाओं के द्वारा जारी की गई मुहरे व सिक्के संग्रहित किए हुए हैं। साथ ही देश के क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लिए जारी उनके फोटो वाला 1लाख ओर 10 हजार का नोट भी इन्होंने सजो रखा है


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.