पाली. कोरोना महामारी में मानवीय संवेदनाओं की कई कहानियां सामने आ रही है. जहां मंगलवार को एक ऐसी ही कहानी खिमेल गांव में नजर आई. जहां एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने उससे मुंह मोड़ लिया. उसकी अर्थी को कंधा देने के लिए चार आदमी नहीं मिले. ऐसे में मजबूरन प्रशासन को उसके शव का अंतिम संस्कार करवाना पड़ा.
बताया जा रहा है कि फीमेल निवासी प्रकाश चंद्र की मंगलवार को मृत्यु हो गई थी. पिछले चार-पांच दिन से वह बीमार था. कोरोना के डर से रिश्तेदार और पड़ोसियों ने दूरी बना ली. ऐसे में उसका अंतिम संस्कार करना भी उसके परिवार के लिए एक समस्या बन गया था. मृतक की पत्नी और एक छोटे बच्चे के अलावा घर में दूसरा कोई नहीं था. ऐसे में उसकी पत्नी के सूचना देने के बाद सरपंच रमेश कुमार और ग्राम विकास अधिकारी नंदकिशोर मौके पर पहुंचे और उसके बाद इस संबंध में प्रशासन को सूचना दी गई.
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जहां मंगलवार शाम होते-होते प्रशासन की ओर से चार व्यक्तियों को पीपीई किट पहनाकर शव के अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया. एंबुलेंस वालों ने भी शव को ले जाने से इंकार कर दिया था. ऐसे में मृतक के शव को ट्रैक्टर ट्रॉली में डालकर चारों कर्मचारी अंतिम संस्कार के लिए श्मशान लेकर गए.