पाली. कोरोना वायरस के संक्रमण से जनता को बचाने के लिए प्रशासन हर कड़े रुख अपना रहा है. लेकिन इन सभी के बीच पाली में बुधवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से ज्यादा राजनीति वर्चस्व का खतरा नजर आया. वर्चस्व की लड़ाई में पाली के कई जनप्रतिनिधि बुधवार को जिला मुख्यालय पर इकट्ठे होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए.
इन जनप्रतिनिधियों के नारेबाजी करने का कारण प्रशासन द्वारा एक पक्ष के लोगों के लिए इस बंद के दौरान वाहनों और स्वयम के लिए पास जारी करने बताया जा रहा है. इन जनप्रतिनिधियों के हंगामा करने के बाद में पाली जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन, पाली उपखंड अधिकारी रोहिताश्व सिंह तोमर और पाली अतिरिक्त जिला कलेक्टर वीरेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे, लेकिन इनके हंगामे को देखते हुए सभी ने इन जनप्रतिनिधियों से इस वायरस के दौरान मदद करने की अपील की है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिन के देशभर में लॉक डाउन को लेकर पाली में भी इसकी सख्ती की गई है. प्रशासन द्वारा इस सख्ती के दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए वाहनों और आमजन जो आवश्यक सेवाओं में शामिल है. उन सभी के लिए विशेष पास जारी किए गए. इन पास में पाली नगर परिषद क्षेत्र के कई पार्षदों ने भी आवेदन कर जन सेवा के लिए पास जारी करने की अपील की है.
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इसमें से कुछ पार्षदों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर आकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से किसी एक पक्ष के ही पास जारी किए जा रहे हैं. बाकी सभी पार्षद पार्षदों को इससे महरूम रखा है. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद में पाली उपखंड अधिकारी रोहिताश्व सिंह तोमर भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पास जारी करने की जानकारी दी.
साथ ही जनप्रतिनिधियों से इस तरीके से भीड़ इकट्ठा कर कोरोना वायरस के संक्रमण के बंद में लापरवाही बताई है. करीब 2 घंटे तक चली इस मामले के बाद में प्रशासन की ओर से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को उनके वार्ड क्षेत्र में जनसेवा के लिए विशेष पास जारी किए गए है.