पाली. प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. कई जिले हैं जहां पर 300 एमएम से ज्यादा बारिश हो चुकी है, लेकिन पाली में अभी भी मानसून ने अपनी दस्तक नहीं दी है. ऐसे में पाली की जनता व किसानों की नजरें बेसब्री से मानसून का इंतजार कर रही है. पाली में 52 बांध, जिनमें से 48 बांधों का पानी पूरी तरह से सूख चुका है. पिछले 6 माह से वह बांध सूखे ही पड़े हैं. अब प्रदेश में आए मानसून से किसान व जनता को उम्मीदें है कि मानसून इस बार पाली में पानी की कमी को दूर करेगा.
जानकारी अनुसार गत वर्ष पाली में औसत से भी कम बारिश हुई थी. मानसून के समय में कम हुई बारिश के कारण पाली जिले में 52 बांधों में से मात्र 20 बांधों में बरसात के पानी की आवक हुई थी. वहीं अन्य बांधों में पानी का टोटा ही रहा. मानसून की सीजन के 7 माह बाद ही पाली में पेयजल संकट गहरा गया था. जून तक अप्रैल से पहले ही पाली में 52 बांधों में से 48 बांध सूखने की कगार पर आ चुके थे.
वहीं अब स्थिति देखें तो ये 48 बांध पूरी तरह से सूख चुके हैं. वहीं पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध पाली की जीवन रेखा जवाई बांध भी सूखने की कगार पर पहुंच चुका है. इधर, पाली में प्री-मानसून ने पहले ही किसानों को धोखा दे दिया. वहीं अब किसान समय पर मानसून आने की उम्मीद लगा रहा है. अगर पाली में समय पर मानसून नहीं आता है तो पाली के लोगों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.