नागौर. लॉकडाउन और अनलॉक के बाद नागौर जिले के राशन डीलरों ने अपनी परेशानी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कलक्ट्रेट पर वार्षिक कटौती के विरोध में राशन डीलरों ने मौन प्रदर्शन किया. जिसके बाद पोश मशीन खराब होने का मामला उठाते हुए जिला कलेक्टर और जिला रसद अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में राशन वितरण के दौरान कई दिक्कतें इन दिनों राशन डीलरों को आ रही हैं.
अनलॉक होने के बाद बाहरी प्रदेशों से अपने घर पर आए नागौर के लोग को राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक राशन वितरण किया जा रहा है. लेकिन राशन डीलरों को पोस मशीन पेपर वार्षिक कटौती राशि 2015 जुलाई से जुलाई 2020 तक कमीशन में से 5 रुपए प्रति क्विटल वसूलने के लिए विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है. जिसके बाद नागौर जिले के राशन डीलरों ने विरोध करना शुरू कर दिया.
नागौर जिला राशन डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र चौधरी का कहना है कि जुलाई से अगस्त 2020 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रत्येक डीलर को पांच से 10 क्विंटल गेहूं का आवंटन किया गया है. वहीं, सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना में राशन वितरण के दौरान कई जगहों पर दिक्कतें भी आ रही हैं. साथ ही नागौर में राशन डीलरों को जो पोश मशीनें दी गई हैं और यह मशीन काफी पुरानी होने के कारण राशन डीलरों के लिए सिरदर्द बनी हुई है.
जानकारी के मुताबिक नागौर जिले के राशन डीलरों को इन दिनों नागौर जिला मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. राशन डीलरों का इस बारे में कहना है कि मशीन खराब होने के कारण राशन वितरण का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है. ऐसे में उपभोक्ताओं के आक्रोश का शिकार राशन डीलरों को होना पड़ रहा है. इसके अलावा राशन डीलर संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें जो पोस मशीनें दी गई है वह पूर्वर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में दी गई थी, जो कि 2 जी नेटवर्क से चलने वाले तकनीक पर आधारित थी.
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वर्तमान में इंटरनेट के लिए 4 जी तकनीक काम में ली जा रही है, जो कि उनकी मशीन सपोर्ट नहीं कर रही है. ऐसे में उनकी मांग है कि उन्हें 4G नेटवर्क को सपोर्ट करने वाली मशीन दी जाए. ताकि नेटवर्क को लेकर जो दिक्कत आती है वह भी दूर हो सके. नागौर रसद अधिकारी पार्थ सारथी ने बताया कि नागौर जिले में राशन डीलरों की समस्याओं को सुनकर राज्य सरकार को अवगत करवाया जा रहा है. साथ ही पॉश मशीन खराब होने की सूचना की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजी जा रही है.