नागौर. शहर से सटे गोगेलाव गांव स्थित कंजर्वेशन रिजर्व में इन दिनों काफी चहल-पहल है. इसकी वजह है वन्य जीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर के साथ ही यहां एक पौधशाला भी बनाई गई है. जिसमें पौधे तैयार हो रहे हैं. जो मानसून में नागौर को हरा-भरा बनाएंगे. वन विभाग की ओर से बारिश के मौसम में ये पौधे सरकारी विभागों के साथ ही आमजन को भी रियायती दर पर मुहैया करवाए जाएंगे. खास बात यह है कि यहां करीब एक लाख पौधे तैयार हो रहे हैं. इनमें 35 हजार से ज्यादा शीशम के पौधे हैं. ऐसे में इस बारिश में नागौर में सबसे ज्यादा शीशम के पौधे रोपे जाएंगे.
इसके अलावा अन्य छायादार और फलदार पौधों की खेप भी तैयार की जा रही है. नागौर वन विभाग के एसीएफ सुनील गौड़ का कहना है कि पिछले कुछ सालों में नागौर में शीशम के पेड़ों की मांग बढ़ी है. अब तक कम संख्या में शीशम की पौध तैयार की जाती थी. जो कम पड़ने लगी है. कई बार गांवों से लोग शीशम के पौधे लेने आते और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता था. इसलिए इस बार शीशम के पौधों की संख्या सबसे ज्यादा रखी गई है. उन्होंने बताया कि कुल एक लाख पौधे यहां तैयार किए जा रहे हैं.
उनमें करीब 35 हजार शीशम के पौधे शामिल हैं. इसके अलावा अन्य छायादार और फलदार पौधे भी पौधशाला में तैयार किए जा रहे हैं. कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि गोगेलाव वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में पहली बार पौधशाला तैयार की जा रही है. यहां तैयार होने वाले पौधे इस संरक्षित क्षेत्र में लगाए जाएंगे. इसके अलावा सरकारी विभागों और आमजन द्वारा किए जाने वाले पौधरोपण के लिए भी यहां से पौधे दिए जाएंगे.