नागौर. जिले के डेगाना में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की रिलीफ सोसाइटी के फंड में लाखों रुपए गबन का मामला सामने आया है. केन्द्र के ऑडिट में इसकी पोल खुली तो जॉइंट डायरेक्टर ने इस संबंध में मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए. इस पर आनन-फानन में सरकारी खाते में गबन की राशि को जमा करा दी गई है. लेकिन इस मामले में एफआईआर अब तक दर्ज नहीं हो सकी है.
जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल में मरीजों से जो राशि पंजीयन या ओपीडी शुल्क के नाम पर ली जाती थी, उसी राशी में से 3 लाख 28 हजार रुपयों का गबन इंटरनल ऑडिट में सामने आया. यह राशि हॉस्पिटल की रिलीफ सोसाइटी के फंड में जमा होती थी. 2011 से मार्च 2021 की ऑडिट में लाखों रुपए के गबन का पर्दाफाश (Money scam in degana comunity health centre) हुआ. इस मामले की जानकारी जब विभाग के जॉइंट डायरेक्टर को मिली तो उन्होंने दोषियों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करवा राशि वसूलने के निर्देश दिए. इस बैंक के खाते में आनन-फानन में सरकारी खाते में गबन की राशि जमा करवाई गई. पूरी रिकवरी की रकम पर्ची वितरक द्वारा बैंक में जमा करवा दी (Money scam in degana comunity health centre) गई है. हालांकि इस मामले में एफआईआर अब तक दर्ज नहीं हो पाई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अजमेर जोन के जॉइंट डायरेक्टर ने 4 दिन पहले नागौर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मेहराम महिया को तत्कालीन डेगाना सीएचसी इंचार्ज और अन्य जिम्मेदारों पर तत्काल एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए थे.
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ये है चिकित्सा विभाग का आदेश : जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेहराम महिया को भेजे आदेश में अजमेर जोन के जॉइंट डायरेक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर कार्यालय के वित्तीय सलाहकार के लेटर का हवाला देते हुए लिखा. इसमें कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डेगाना की अप्रैल 2011 से मार्च 2021 की ऑडिट में राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी, डेगाना की केश बुक में 3 लाख 28 हजार 620 रुपए की राशि को कम जमा कर गबन किया गया है. उन्होंने लिखा इस दौरान गबन की अवधि में पोस्टेड तत्कालीन प्रभारी अधिकारी और लिपिक सहित अन्य कोई कर्मचारी जिनकी इस संबंध में भागीदारी है, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए.