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नागौरः पंचायत समिति में सरपंच संघ की बैठक, टेंडर प्रक्रिया का जताया विरोध

नागौर में गुरुवार को पंचायत समिति में सरपंच संघ की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में नवीन पंचायत समिति स्तर पर रही टेंडर प्रक्रिया का विरोध जताया गया. साथ ही इस दौरान संघ ने कहा कि अगर सरकार ने प्रस्ताव वापस नहीं लिया, तो ग्राम पंचायतों पर ताले लगाए जाएंगे.

सरपंचों की बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित, Condemnation resolution passed in meeting
सरपंच संघ की बैठक
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Published : Jul 23, 2020, 8:35 PM IST

नागौर. सरपंच संघ की ओर से सभागार कक्ष में पंचायत समिति के समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच की अहम बैठक हुई. बैठक के बाद सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि या तो सरकार अपने आदेश पर पुनर्विचार करें, नहीं तो आने वाले वक्त में ग्राम पंचायतों पर ताले लगाए जाएंगे.

सरपंच संघ की ओर बताया गया कि पूर्व में ज्ञापन के जरिए पचायत समिति स्तर पर हो रहे टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कराने की मांग की हैं. आने वाले वक्त में सरकार की विभिन्न योजनाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर बहिष्कार की चेतावनी दी गई है.

सरपंच संघ की बैठक

पढ़ेंः स्पेशल: फसल से खरपतवार हटाने का देसी जुगाड़, समय और खर्च दोनों की बचत

नागौर पंचायत समिति के सरपंच संघ के अध्यक्ष उमा राम भादू ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न योजनाओं में सामग्री सप्लाई ग्राम पंचायत स्तर पर टेंडर प्रक्रिया के तहत टेंडर लेने वाली फॉर्म के जरिए की जाती थी. लेकिन नई व्यवस्था के अनुरूप अब उपखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति स्तर पर विकास कार्यों को लेकर ई-टेंडर निकालने की व्यवस्था शुरू की गई है.

पंचायती राज विभाग की ओर से सामग्री आपूर्ति के लिए अलग-अलग सामग्री के लिए ई-टेंडर निकालने से ग्राम पंचायतों पर सही समय पर विकास कार्य नहीं हो पाएंगे. जिसका सरपंच संघ ने विरोध किया है. पूर्व में ग्राम पंचायत स्तर पर ई-टेंडर होते थे, अब सरपंच संघ ने सरकार के आदेश का विरोध कर रहा है. पंचायत समिति स्तर पर सामग्री सप्लाई का टेंडर देने में भाई भतीजावाद का आरोप लगाया है.

पढ़ेंः LIVE : हाईकोर्ट का निर्णय सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगी स्पीकर जोशी की SLP पर सुनवाई

सरपंच सुरेंद्र भाकल ने बताया पूर्व में विकास कार्य योजना के लिए कार्यों का चयन, प्रशासनिक स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति या अन्य कार्य का भुगतान ग्राम पंचायत स्तर पर होता था, जो कि पंचायत स्तर पर मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के लिए सामग्री सप्लाई के ऑफलाइन टेंडर ग्राम स्तर पर जारी होते थे. अब पंचायती राज विभाग ने नई व्यवस्था के अनुरूप ई-टेंडर प्रणाली को उपखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति पर प्रक्रिया शुरू की गई है.

पंचायत समिति स्तर पर होने वाली ई-टेंडर प्रणाली से समय अधिक लगेगा और ग्राम पंचायत स्तर पर विकास कार्य भी बाधित होंगे. बता दे कि पंचायती राज विभाग में मनरेगा समेत अन्य सभी योजनाओं में सामग्री सप्लाई के लिए पहले ग्राम पंचायत स्तर पर होती थी, पिछले साल से ई-टेंडर प्रणाली में बदलाव करते हुए अब ग्राम पंचायत और से हटाकर उपखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति मे ई-टेंडर प्रणाली व्यवस्था लागू की है. पंचायत सॉफ्टवेयर का प्रभावी क्रियावयन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं.

पढ़ेंः गैंगवार से दहला दौसा: वर्चस्व की जंग में कमलेश बागपुरा ने जीवाराम को उतारा मौत के घाट, Video Viral

इस नई व्यवस्था में ग्राम पंचायत निर्माण कार्यों से संबंधित सभी योजनाओं जैसे वार्षिक विकास कार्य योजनाओं के अनुसार कार्यों का चयन प्रशासनिक स्वीकृति वित्तीय स्वीकृति, समायोजन, यूसी, सीसी जारी करना अथवा अन्य का भुगतान सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा.

नागौर. सरपंच संघ की ओर से सभागार कक्ष में पंचायत समिति के समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच की अहम बैठक हुई. बैठक के बाद सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि या तो सरकार अपने आदेश पर पुनर्विचार करें, नहीं तो आने वाले वक्त में ग्राम पंचायतों पर ताले लगाए जाएंगे.

सरपंच संघ की ओर बताया गया कि पूर्व में ज्ञापन के जरिए पचायत समिति स्तर पर हो रहे टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कराने की मांग की हैं. आने वाले वक्त में सरकार की विभिन्न योजनाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर बहिष्कार की चेतावनी दी गई है.

सरपंच संघ की बैठक

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नागौर पंचायत समिति के सरपंच संघ के अध्यक्ष उमा राम भादू ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न योजनाओं में सामग्री सप्लाई ग्राम पंचायत स्तर पर टेंडर प्रक्रिया के तहत टेंडर लेने वाली फॉर्म के जरिए की जाती थी. लेकिन नई व्यवस्था के अनुरूप अब उपखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति स्तर पर विकास कार्यों को लेकर ई-टेंडर निकालने की व्यवस्था शुरू की गई है.

पंचायती राज विभाग की ओर से सामग्री आपूर्ति के लिए अलग-अलग सामग्री के लिए ई-टेंडर निकालने से ग्राम पंचायतों पर सही समय पर विकास कार्य नहीं हो पाएंगे. जिसका सरपंच संघ ने विरोध किया है. पूर्व में ग्राम पंचायत स्तर पर ई-टेंडर होते थे, अब सरपंच संघ ने सरकार के आदेश का विरोध कर रहा है. पंचायत समिति स्तर पर सामग्री सप्लाई का टेंडर देने में भाई भतीजावाद का आरोप लगाया है.

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सरपंच सुरेंद्र भाकल ने बताया पूर्व में विकास कार्य योजना के लिए कार्यों का चयन, प्रशासनिक स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति या अन्य कार्य का भुगतान ग्राम पंचायत स्तर पर होता था, जो कि पंचायत स्तर पर मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के लिए सामग्री सप्लाई के ऑफलाइन टेंडर ग्राम स्तर पर जारी होते थे. अब पंचायती राज विभाग ने नई व्यवस्था के अनुरूप ई-टेंडर प्रणाली को उपखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति पर प्रक्रिया शुरू की गई है.

पंचायत समिति स्तर पर होने वाली ई-टेंडर प्रणाली से समय अधिक लगेगा और ग्राम पंचायत स्तर पर विकास कार्य भी बाधित होंगे. बता दे कि पंचायती राज विभाग में मनरेगा समेत अन्य सभी योजनाओं में सामग्री सप्लाई के लिए पहले ग्राम पंचायत स्तर पर होती थी, पिछले साल से ई-टेंडर प्रणाली में बदलाव करते हुए अब ग्राम पंचायत और से हटाकर उपखंड मुख्यालय स्थित पंचायत समिति मे ई-टेंडर प्रणाली व्यवस्था लागू की है. पंचायत सॉफ्टवेयर का प्रभावी क्रियावयन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं.

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इस नई व्यवस्था में ग्राम पंचायत निर्माण कार्यों से संबंधित सभी योजनाओं जैसे वार्षिक विकास कार्य योजनाओं के अनुसार कार्यों का चयन प्रशासनिक स्वीकृति वित्तीय स्वीकृति, समायोजन, यूसी, सीसी जारी करना अथवा अन्य का भुगतान सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा.

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