कुचामनसिटी. राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुमावत समाज इस बार चुनावी समर में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा. कुचामन के ग्राम खारिया के सरपंच देवीलाल दादरवाल ने बताया कि शहर के भांवता रोड स्थित शिव मन्दिर में रविवार को कुमावत समाज की एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में समाज के लोगों ने इस बार निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा नही करने का निर्णय किया है. कुमावत समाज ने विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को अपना समर्थन करने का फैसला किया है. बैठक में समाज के हजारों लोग मौजूद थे.
बता दें कि अपने कुशल सामाजिक संगठन के बल पर कुमावत समाज से हरीश कुमावत 4 बार नावां विधानसभा के विधायक रहे. 1985 से 2013 तक इस समाज ने अपना सामाजिक वर्चस्व बनाकर रखा. हरीश कुमावत दो बार नगर पालिका चेयरमैन भी रह चुके है. विधायक के अलावा उनकी पत्नी यशोदा देवी भी नगरपालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं. इसके बाद विधायक का चुनाव हारकर खुद हरीश कुमावत पालिका अध्यक्ष बने.
बगावत के बाद बिगड़ी हालत: इसी समाज ने 2018 में अपना वर्षों पुराना पार्टी से रिश्ता नाता तोड़कर बागी होने का दम दिखाया, जिसका नुकसान भी इसी समाज को हुआ. नावां विधानसभा सीट से साल 2018 के चुनाव में कुमावत समाज की ओर से शिम्भू दयाल कुमावत को भाजपा के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नावां विधानसभा से कैंडिडेट खड़ा किया था, जिसकी वजह से भाजपा के उम्मीदवार विजय सिंह चौधरी को हार का मुंह देखना पड़ा था. साल 2018 में कुमावत समाज के कैंडिडेट शिम्भू दयाल कुमावत को 12 हजार 2 सौ 17 वोट मिले थे.