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नागौरः राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत 1 से 30 सितंबर तक चल रहे पोषण माह के तहत शुक्रवार को नागौर में जागरूकता कार्यशाला आयोजित हुई. जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाना है.

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Published : Sep 13, 2019, 6:54 PM IST

नागौर. जिले में पांच साल तक के बच्चों की कुल संख्या के सात फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत शुक्रवार को जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई. इस अभियान के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचने की जानकारी दी गई.

नागौर में कुपोषण के प्रति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

वहींआंगनबाड़ी सुपरवाईजर ने अलग-अलग राजस्थानी डिश बनाकर उनकी स्टॉल लगाई और बताया की कौनसी डिश किस तरह बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व देती है. इन डिश का कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने भी स्वाद चखा.कलेक्टर यादव ने बताया कि 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के झुंझनू से ही राष्ट्रीय पोषण अभियान का आगाज किया था. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाना और संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मुहैया करवाना है.

पढ़ें- जयपुर रेलवे प्रशासन की स्वच्छता को लेकर नई पहल

महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ दुर्गसिंह उदावत ने बताया कि देश की 39 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में कुपोषण का शिकार है. इस अभियान का उद्देश्य 2022 तक इस आंकड़े को 25 फीसदी तक लेकर आना है. लोगों को इस दिशा में जागरुक करने के लिए सुबह साईकिल रैली का भी आयोजन किया गया.

नागौर. जिले में पांच साल तक के बच्चों की कुल संख्या के सात फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत शुक्रवार को जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई. इस अभियान के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचने की जानकारी दी गई.

नागौर में कुपोषण के प्रति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

वहींआंगनबाड़ी सुपरवाईजर ने अलग-अलग राजस्थानी डिश बनाकर उनकी स्टॉल लगाई और बताया की कौनसी डिश किस तरह बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व देती है. इन डिश का कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने भी स्वाद चखा.कलेक्टर यादव ने बताया कि 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के झुंझनू से ही राष्ट्रीय पोषण अभियान का आगाज किया था. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाना और संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मुहैया करवाना है.

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महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ दुर्गसिंह उदावत ने बताया कि देश की 39 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में कुपोषण का शिकार है. इस अभियान का उद्देश्य 2022 तक इस आंकड़े को 25 फीसदी तक लेकर आना है. लोगों को इस दिशा में जागरुक करने के लिए सुबह साईकिल रैली का भी आयोजन किया गया.

Intro:राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत 1से 30 सितंबर तक चल रहे पोषण माह के तहत आज नागौर में जागरूकता कार्यशाला हुई। इसमें बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व देने के लिए आंगनबाड़ी सुपरवाईजर ने राजस्थानी डिश बनाकर उनकी स्टॉल का प्रदर्शन किया।


Body:नागौर. नागौर जिले में पांच साल तक के बच्चों की कुल संख्या के सात फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आज हुई जागरूकता कार्यशाला में खुद महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने यह स्वीकार किया। अभियान के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचने की जानकारी दी गई। वहीं, आंगनबाड़ी सुपरवाईजर ने अलग-अलग राजस्थानी डिश बनाकर उनकी स्टॉल लगाई और बताया की कौनसी डिश किस तरह बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व देती है। इन डिश का कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने भी स्वाद चखा।
कलेक्टर यादव ने बताया कि 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के झुंझनूं से ही राष्ट्रीय पोषण अभियान का आगाज किया था। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाना और संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मुहैया करवाना है।


Conclusion:महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ दुर्गसिंह उदावत ने बताया कि देश की 39 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में कुपोषण का शिकार है। इस अभियान का उद्देश्य 2022 तक इस आँकड़े को 25 फीसदी तक लेकर आना है। लोगों को इस दिशा में जागरुक करने के लिए सुबह साईकिल रैली का भी आयोजन किया गया।
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बाईट 1 - दुर्गसिंह उदावत, सीडीपीओ, नागौर।
बाईट 2 - दिनेश कुमार यादव, कलेक्टर।
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