नागौर. जिले में पांच साल तक के बच्चों की कुल संख्या के सात फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत शुक्रवार को जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई. इस अभियान के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचने की जानकारी दी गई.
वहींआंगनबाड़ी सुपरवाईजर ने अलग-अलग राजस्थानी डिश बनाकर उनकी स्टॉल लगाई और बताया की कौनसी डिश किस तरह बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व देती है. इन डिश का कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने भी स्वाद चखा.कलेक्टर यादव ने बताया कि 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के झुंझनू से ही राष्ट्रीय पोषण अभियान का आगाज किया था. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाना और संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मुहैया करवाना है.
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महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ दुर्गसिंह उदावत ने बताया कि देश की 39 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में कुपोषण का शिकार है. इस अभियान का उद्देश्य 2022 तक इस आंकड़े को 25 फीसदी तक लेकर आना है. लोगों को इस दिशा में जागरुक करने के लिए सुबह साईकिल रैली का भी आयोजन किया गया.