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दुर्लभ बीमारी: 8 महीने के तनिष्क को है 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत, पिता ने मदद की लगाई गुहार - spinal muscular atrophy

नागौर जिले में छोटे से गांव नड़वा के रहने वाले वकील शैतान सिंह का इकलौता संतान तनिष्क दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. तनिष्क सिंह को इलाज के लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है.

Nagaur News, spinal muscular atrophy
तनिष्क
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Published : Jun 20, 2021, 11:51 PM IST

नागौर. जिले के छोटे से गांव नड़वा के रहने वाले वकील शैतान सिंह का इकलौता संतान (8) तनिष्क दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. तनिष्क सिंह को इलाज के लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है. पिता ने बताया कि जब बेटा पांच महीने का था, तभी से उसकी परेशानी शुरू हो गई थी. जेके लोन अस्पताल के स्पेशलिस्ट ने देखा तो बता दिया कि तनिष्क एसएमए यानी स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी की बीमारी से पीड़ित है. इलाज के लिए विदेश से एक इंजेक्शन मंगवाना पड़ेगा, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है.

पिता ने बताया कि तनिष्क सिंह आठ महीने का है, लेकिन अभी तक वह सहारा देने के बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता. यहां तक कि उसकी छाती की मांसपेशियों में इतनी ताकत भी नहीं कि वह अच्छे से पूरी सांस ले सके. ईश्वर ने उसे दिमाग दिया है, आवाज दी है, लेकिन एक जीन नहीं दिया. यह जीन शरीर में खास तरह का प्रोटीन बनाता है, जिससे शरीर की सारी मांसपेशियां चलती हैं.

पिता ने मदद की लगाई गुहार

पढ़ें: Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना संक्रमण के 144 नए मामले, 4 मरीजों की मौत

फिलहाल मांसपेशियों को एक्टिव रखने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा ले रहे हैं. पिता ने बताया कि अभी तक तनिष्क को फिजियोथेरेपी और व्यायाम के बल पर हम कंट्रोल करके रखे हुए हैं, ताकि उसके शरीर की सभी मांसपेशियां एक्टिव रहें. रोजाना एक फिजियोथेरेपी घर पर आते हैं, एक घंटे का सेशन होता है. बाकी पूरे दिन में 4 से 5 घंटे हम लोग उसके शरीर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज कराते हैं.

नागौर. जिले के छोटे से गांव नड़वा के रहने वाले वकील शैतान सिंह का इकलौता संतान (8) तनिष्क दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. तनिष्क सिंह को इलाज के लिए एक इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है. पिता ने बताया कि जब बेटा पांच महीने का था, तभी से उसकी परेशानी शुरू हो गई थी. जेके लोन अस्पताल के स्पेशलिस्ट ने देखा तो बता दिया कि तनिष्क एसएमए यानी स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी की बीमारी से पीड़ित है. इलाज के लिए विदेश से एक इंजेक्शन मंगवाना पड़ेगा, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है.

पिता ने बताया कि तनिष्क सिंह आठ महीने का है, लेकिन अभी तक वह सहारा देने के बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता. यहां तक कि उसकी छाती की मांसपेशियों में इतनी ताकत भी नहीं कि वह अच्छे से पूरी सांस ले सके. ईश्वर ने उसे दिमाग दिया है, आवाज दी है, लेकिन एक जीन नहीं दिया. यह जीन शरीर में खास तरह का प्रोटीन बनाता है, जिससे शरीर की सारी मांसपेशियां चलती हैं.

पिता ने मदद की लगाई गुहार

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फिलहाल मांसपेशियों को एक्टिव रखने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा ले रहे हैं. पिता ने बताया कि अभी तक तनिष्क को फिजियोथेरेपी और व्यायाम के बल पर हम कंट्रोल करके रखे हुए हैं, ताकि उसके शरीर की सभी मांसपेशियां एक्टिव रहें. रोजाना एक फिजियोथेरेपी घर पर आते हैं, एक घंटे का सेशन होता है. बाकी पूरे दिन में 4 से 5 घंटे हम लोग उसके शरीर की मांसपेशियों की एक्सरसाइज कराते हैं.

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