नागौर. विधानसभा चुनाव में नागौर जिले की जनता ने नेताओं को जबरदस्त झटके दिए. जिले में 4 सीट बीजेपी तो 4 सीट कांग्रेस जीत पाई. वहीं, डीडवाना में निर्दलीय तो खींवसर में आरएलपी ने जीत हासिल की है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को उन्हीं के चाचा हरेंद्र मिर्धा ने चुनाव हरा दिया. वहीं, खींवसर में हनुमान बेनीवाल भी बाल-बाल बचे. आरएलपी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए रेवंतराम डांगा ने बेनीवाल को जबरदस्त टक्कर दी.
डीडवाना में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बागी हुए युनूस खान ने भी जीत दर्ज की और अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत कर दिया. नावां में कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र चौधरी को बेहद करारी हार मिली तो मकराना में कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर हुसैन गैसावत को जबरदस्त जीत मिली है. मेड़ता में बीजेपी प्रत्याशी को जीत मिली है और आरएलपी तीसरे नंबर पर रही. वहीं, सचिन पायलट गुट के युवा नेता मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया भी दोबारा विधायक बने हैं.
नागौर सीट : नागौर विधानसभा सीट पर बीजेपी की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को कांग्रेस प्रत्याशी और चाचा हरेंद्र मिर्धा ने 14620 वोट से चुनाव हरा दिया. पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं थीं. नागौर सीट को बीजेपी की सुरक्षित सीट माना जाता है, क्योंकि यहां से बीजेपी लगातार जीत रही थी, लेकिन इस बार बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा ने 14620 वोट से चुनाव हरा दिया.
खींवसर सीट : खींवसर सीट का मामला सबसे पेचिदा रहा. बीजेपी के प्रत्याशी रेवंतराम डांगा ने जबरदस्त चुनाव लड़ा और अंतिम राउंड तक आरएलपी प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के गुट में टेंशन बनी रही. खींवसर में हनुमान बेनीवाल मात्र 2059 वोट से चुनाव जीते. खींवसर में रोचक बात यह हुई कि बीजेपी के प्रत्याशी रेवंतराम डांगा चुनाव हारकर भी बड़े नेता बन गए, क्योंकि खींवसर के बीजेपी प्रत्याशी ने हनुमान बेनीवाल जैसे नेता को इस कदर टक्कर दी. दूसरी अहम बात यह भी रही कि पिछले दो चुनावों में खींवसर में बीजेपी तीसरे नंबर पर रहती थी, इस बार खींवसर में बीजेपी का वोट बैंक भी जबरदस्त बढ़ा है.
जायल सीट : जायल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मंजू मेघवाल को हार का सामना करना पड़ा. जायल में बीजेपी प्रत्याशी मंजू बाघमार मात्र 1565 वोट से चुनाव जीतने में कामयाब हुईं.
डेगाना सीट : डेगाना सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी विजयपाल मिर्धा को बीजेपी के प्रत्याशी अजय किलक ने 7755 वोट से चुनाव हरा दिया.
मेड़ता सीट : मेड़ता सीट पर बीजेपी ने एक तरफा जीत दर्ज की. मेड़ता में बीजेपी प्रत्याशी 17515 वोट से चुनाव जीते. मेड़ता में बीजेपी को कांग्रेस ने टक्कर दी और आरएलपी की इंद्रा बावरी तीसरे नंबर पर रही.
डीडवाना सीट: डीडवाना सीट पर युनूस खान अपने राजनीतिक करियर को जिंदा रखने में कामयाब रहे. बीजेपी ने युनूस खान को टिकट नहीं दिया और निर्दलीय चुनाव लड़े. युनूस खान ने 2392 वोट से जीत दर्ज की. डीडवाना में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही.
नावां सीट : नावां सीट पर उप मुख्यसचेतक और कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र चौधरी को करारी हार मिली. नावां में बीजेपी प्रत्याशी विजयसिंह चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी को 23948 वोटों से चुनाव हरा दिया. महेंद्र चौधरी के खिलाफ कई निगेटिव फैक्टर रहे.
परबतसर : सचिन पायलट गुट के रामनिवास गावड़िया ने 10316 वोट से जीत दर्ज कर दूसरे बार विधायक बन गए. पायलट गुट के रामनिवास गावड़िया परबतसर में पांच साल सक्रिय रहे, जिसका फायदा उन्हें मिला. परबतसर में आरएलपी ने लच्छाराम बड़ारड़ा को यहां से टिकट दिया, लेकिन आरएलपी परबतसर में दम नहीं दिखा पाई. परबतसर में बीजेपी प्रत्याश मानसिंह किनसरिया दूसरे स्थान पर रहे.
लाडनूं : लाडनूं सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश भाकर चुनाव जीत गए. सचिन पायलट गुट के मुकेश भाकर ने 15954 वोट से जीत दर्ज की है. लाडनूं में बीजेपी ने पूर्व विधायक स्व. मनोहर सिंह के बेटे करणी सिंह को टिकट दिया. चुनाव में गैंगस्टर आनंदपाल का भाई मंजीत पाल सिंह जिस तरीके से सक्रिय हुआ, उसके बाद धड़ेबंदी हुई और पायलट गुट के मुकेश भाकर को इसका फायदा मिला.
मकराना : मकराना सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर हुसैन गैसावत ने जबरदस्त जीत दर्ज की. गैसावत ने 29314 वोट से जीत दर्ज की. मकराना में बीजेपी प्रत्याशी सुमिता भींचर को स्थानीय गुटबाजी का भारी नुकसान हुआ.