नागौर. कोरोना संक्रमण के चलते हए लॉकडाउन के बाद अब फिर से सक्रिय भू-माफिया की ओर से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने की कोशिश की जा रही है. मामले सामने आने के बाद जब नागौर नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे तो नगर परिषद के अतिक्रमण दस्ते ने कार्रवाई शुरू की. नागौर शहर के माही दरवाजा इलाके में रसूखदार द्वारा बिना स्वीकृति के गंदे नाले पर दुकान निर्माण करने पर शनिवार को कार्रवाई की गई. इस दौरान निर्माण कार्य बंद कराया गया.
नागौर नगर परिषद की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए रोडमैप तैयार करने में जुट गई है. नागौर नगर परिषद की टीम ने झड़ा तालाब पर अतिक्रमण के लिए बने कच्चे बाड़ को हटाया. नागौर पंचायत समिति के पास दीवार का निर्माण कर रहे लोगों को मौके पर जाकर हटाया गया. नागौर नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम विश्नोई का कहना है कि सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा. अवैध निर्माण और अतिक्रमण रोकने के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है.
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गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद अब निकाय चुनाव की आहट होते ही नागौर में बेशकीमती जमीनों पर अतिक्रमण करने वाले फिर से सक्रिय हो गए हैं. सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वाले कच्चे बाड़े और पत्थरों की दीवारों का निर्माण करके अपना कब्जा साबित करने में लगे हुए हैं, जिससे निकाय चुनाव के बाद कार्मिकों से सांठ-गांठ करके उनका नियमन करवाया सके. वर्तमान में इन जमीनों की कीमत लाखों रुपए है.
बता दें कि माही दरवाजे इलाके में नागौर नगर परिषद की बिना निर्माण स्वीकृति के दुकान निर्माण के मामले में जागरूक लोगों की शिकायत को ईटीवी भारत ने नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव तक पहुंचाया था. जिला कलेक्टर के निर्देश पर नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम विश्नोई ने नागौर नगर परिषद के अतिक्रमण निरोधक टीम को मौके पर भेजकर दुकान निर्माण कार्य को तुरंत प्रभाव से रुकवाया और दुकान मालिक से संबंधित दस्तावेज भी तलब किए गए.