नागौर. करीब 55 हजार की आबादी वाला राजस्थान का गुमनाम कस्बा बासनी पिछले महीने अचानक सुर्खियों में आ गया था. बासनी प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर का इकलौता ऐसा इलाका बन बैठा, जहां करोना की थर्ड स्टेज में है. बासनी इलाके से अब तक 902 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 106 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
वहीं, 761 की रिपोर्ट अब तक नेगेटिव आ चुकी है. 41 की रिपोर्ट का चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग को इंतजार है. वहीं, नागौर जिला प्रशासन के लिए राहत की खबर यह है कि 36 कोरोना पॉजिटिव लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण के अचानक आए 106 मामलों में प्रदेश सरकार और नागौर प्रशासन के हाथ पैर फुला दिए. दरअसल, शुरुआत 5 अप्रैल को मुंबई से लौटे एक शख्स की रिपोर्ट कोरोना वायरस के पॉजिटिव आने से हुई. जिसके बाद जीरो मोबिलिटी जोन घोषित करते हुए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया. इसके बाद तो मानो यहां कोरोना वायरस मामलों की झड़ी सी लग गई. लेकिन बासनी ने ऐसा मॉडल अपनाया कि अब महज संक्रमितों की संख्या 70 रह गई है. जिनका उपचार नागौर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में जारी है.
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CM ने की नागौर प्रशासन की तारीफ
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नागौर प्रशासन और चिकित्सा महकमे के साथ नागौर पुलिस की तारीफ करते हुए बासनी में जीरो मोबिलिटी इलाके में कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू करने और बासनी इलाके में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रभावी कदम उठाने पर नागौर प्रशासन की तारीफ की. वहीं, मुख्य सचिव ने इन सभी की पीठ भी थपथपाई है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिव कुमार कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई में दूध के कारोबार से जुड़े करीब तीन से पांच हजार की संख्या में बासनी गांव पहुंचे थे. नागौर प्रशासन ने उस इलाके की सीमाओं को सील करते हुए एहतियात बरतना शुरू कर दिया था.
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डोर टू डोर विशेष मॉनिटरिंग
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुकुमार ने बताया कि नागौर चिकित्सा विभाग ने अब बासनी मॉडल पर गर्भवती महिलाओं, 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों, बच्चों, कैंसर और डायबिटीज मरीजों के साथ ही टीबी से पीड़ित लोगों की चिकित्सा विभाग की टीमों की ओर से डोर टू डोर विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है. जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
बासनी की सीमाओं को सील करते हुए कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया गया और नागौर जिला प्रशासन ने 2 सप्ताह में कोरोना की चेन तोड़ने में बहुत हद तक कामयाब पाई. जीरो मोबिलिटी जोन में पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को आधार बनाकर बासनी में बड़ा कर्फ्यू लगाते हुए तीन पारियों में 24 घंटे नजर रखी जा रही है. साथ ही प्रमुख बाजारों और मोहल्लों में बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है. कई गांवों से लगने वाली सीमा को भी सील करते हुए विशेष नाकाबंदी करने और चेक प्वाइंट लगाने के आदेश दिए हैं.