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नागौरः 54 हजार से ज्यादा लोगों की घर वापसी, प्रशासन ने किया होम आइसोलेट - नागौर में प्रवासियों की वापसी

नागौर में प्रवासी मजदूरों और कामगारों का घर वापसी का सिलसिला जारी है. जिले में अब तक 54 हजार से ज्यादा प्रवासियों की घर वापसी हो चुकी है. चिकित्सा विभाग की टीमों ने इन लोगों की स्कैनिंग करते हुए होम आइसोलेट कर दिया है.

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54 हजार प्रवासी लौटे नागौर
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Published : May 16, 2020, 11:12 AM IST

नागौर. देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चल रहे लॉकडाउन के कारण सभी काम धंधे बंद पड़े हैं. जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों और कामगारों का जिले के हर शहरी कस्बों और गांव में लौटने का सिलसिला जारी है. जिले में अब तक 54 हजार से ज्यादा प्रवासियों की घर वापसी हो चुकी है. चिकित्सा विभाग की टीमों ने इन लोगों की स्कैनिंग करते हुए होम आइसोलेट कर दिया है.

54 हजार प्रवासी लौटे नागौर

क्वॉरेंटाइन सेंटर के नोडल प्रभारी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि, दूसरे राज्य से आने वाले मजदूरों और प्रवासी लोगों की संख्या को देखते हुए धर्मशाला भवनों और पंचायतों के साथ सरकारी विद्यालयों में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बड़ी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं. अब तक 54 हजार 753 लोगों का रजिस्ट्रेशन करते हुए होम क्वॉरेंटाइन में रखना शुरु कर दिया गया है.

पढ़ेंः आदिवासियों के 'हरा सोना' पर कोरोना का ग्रहण, 28 लाख से अधिक का नुकसान

प्रवासियों के घर वापसी के साथ ही नागौर में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण ने गावों में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. ऐसे में प्रशासन कार्य योजना बनाने में जुटा हुआ है. रेड जोन इलाके से आने वाले लोगों के लिए नागौर जिले में क्वॉरेंटाइन वार्डों को डिवेलप करने के साथ ही होटल, धर्मशाला और स्कूलों को प्रशासन ने आपदा अधिनियम 2020 के तहत अधिग्रहण करके क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन वार्डों को तैयार करने के दौरान एक सेंटर पर 100 से ज्यादा प्रवासी नहीं रहेंगे. साथ ही खाने-पीने और शौचालय की पर्याप्त सुविधा को मध्य नजर रखते हुए सेंटर बनाए जा रहे हैं.

पढ़ेंः कोरोना के खिलाफ जंग जीतकर BSF के 42 जवान हुए डिस्चार्ज, 6 नए भी हुए संक्रमित

54 हजार से अधिक प्रवासी जिले में अब तक आ चुके हैं. जिनका रजिस्ट्रेशन करते हुए चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी कर इनको होम क्वॉरेंटाइन करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. प्रशासन के लिए सभी की मॉनिटरिंग करना भी बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसे में हल्का पटवारी, ग्रामसेवक और आशा सहयोगिनी को इन लोगों पर निगरानी रखने के लिए कहा गया है. साथ ही 54 हजार से अधिक प्रवासीयों के मोबाइल नंबर के आधार पर इनकी ट्रेसिंग का काम भी शुरू हो चुका है. जिले में अब तक होम क्वॉरेंटाइन का उल्लंघन करते हुए 900 से भी ज्यादा लोग पाए गए हैं.

बता दें कि, होम क्वॉरेंटाइन या संस्थागत क्वॉरेंटाइन वाले समस्त लोगों की निगरानी के लिए सॉफ्टवेयर के जरिए निगरानी रखी जाएगी. अब उल्लंघन करने पर आपदा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कानून शिकंजा कसना शुरू होगा.

नागौर. देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चल रहे लॉकडाउन के कारण सभी काम धंधे बंद पड़े हैं. जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों और कामगारों का जिले के हर शहरी कस्बों और गांव में लौटने का सिलसिला जारी है. जिले में अब तक 54 हजार से ज्यादा प्रवासियों की घर वापसी हो चुकी है. चिकित्सा विभाग की टीमों ने इन लोगों की स्कैनिंग करते हुए होम आइसोलेट कर दिया है.

54 हजार प्रवासी लौटे नागौर

क्वॉरेंटाइन सेंटर के नोडल प्रभारी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि, दूसरे राज्य से आने वाले मजदूरों और प्रवासी लोगों की संख्या को देखते हुए धर्मशाला भवनों और पंचायतों के साथ सरकारी विद्यालयों में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बड़ी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं. अब तक 54 हजार 753 लोगों का रजिस्ट्रेशन करते हुए होम क्वॉरेंटाइन में रखना शुरु कर दिया गया है.

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प्रवासियों के घर वापसी के साथ ही नागौर में एक बार फिर से कोरोना का संक्रमण ने गावों में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. ऐसे में प्रशासन कार्य योजना बनाने में जुटा हुआ है. रेड जोन इलाके से आने वाले लोगों के लिए नागौर जिले में क्वॉरेंटाइन वार्डों को डिवेलप करने के साथ ही होटल, धर्मशाला और स्कूलों को प्रशासन ने आपदा अधिनियम 2020 के तहत अधिग्रहण करके क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन वार्डों को तैयार करने के दौरान एक सेंटर पर 100 से ज्यादा प्रवासी नहीं रहेंगे. साथ ही खाने-पीने और शौचालय की पर्याप्त सुविधा को मध्य नजर रखते हुए सेंटर बनाए जा रहे हैं.

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54 हजार से अधिक प्रवासी जिले में अब तक आ चुके हैं. जिनका रजिस्ट्रेशन करते हुए चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी कर इनको होम क्वॉरेंटाइन करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. प्रशासन के लिए सभी की मॉनिटरिंग करना भी बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसे में हल्का पटवारी, ग्रामसेवक और आशा सहयोगिनी को इन लोगों पर निगरानी रखने के लिए कहा गया है. साथ ही 54 हजार से अधिक प्रवासीयों के मोबाइल नंबर के आधार पर इनकी ट्रेसिंग का काम भी शुरू हो चुका है. जिले में अब तक होम क्वॉरेंटाइन का उल्लंघन करते हुए 900 से भी ज्यादा लोग पाए गए हैं.

बता दें कि, होम क्वॉरेंटाइन या संस्थागत क्वॉरेंटाइन वाले समस्त लोगों की निगरानी के लिए सॉफ्टवेयर के जरिए निगरानी रखी जाएगी. अब उल्लंघन करने पर आपदा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कानून शिकंजा कसना शुरू होगा.

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