नागौर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर ने आदेश निकाला है, कि स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती. जिससे परेशान विद्यार्थियों और छात्र नेताओं ने गुरुवार को नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात की. उन्होंने स्वयंपाठी के तौर पर बीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की परेशानी दूर करने की मांग की है.
स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की तैयारी कर रहे जिले के हजारों विद्यार्थियों की नींद महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के एक आदेश ने उड़ा दी है. विश्वविद्यालय के परीक्षा फॉर्म दो दिन पहले भरना शुरू हो गए. लेकिन इसमें बीएससी के लिए स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में फॉर्म भरने का विकल्प नहीं है. विद्यार्थियों ने पता किया तो जानकारी मिली, कि इस बार से स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती है. ऐसे में जिले में स्वयंपाठी के तौर पर बीएससी की तैयारी कर रहे हजारों विद्यार्थी परेशान हो गए हैं.
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विद्यार्थियों की इस परेशानी को लेकर राजकीय मिर्धा कॉलेज के छात्र नेताओं ने गुरुवार को नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात की. छात्र नेताओं ने इनकी परेशानी दूर करने की मांग रखी है. छात्र नेताओं का कहना है, कि विश्वविद्यालय ने बीच सत्र में ये नई व्यवस्था लागू की है.
ऐसे में या तो बीएससी की तैयारी कर रहे स्वयंपाठी विद्यार्थियों को निजी कॉलेजों में भारी फीस देकर प्रवेश लेना पड़ रहा है या फिर उन्हें मजबूरी में विषय बदलना पड़ रहा है. ये दोनों ही हालात विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं.