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MDS यूनिवर्सिटी की स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में BSc करने पर रोक, परेशान स्टूडेंट्स कलेक्टर से मिले - Nagaur Collector Dinesh Kumar Yadav

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्विद्यालय ने स्वयंपाठी विद्यार्थी के तौर पर बीएससी करने पर रोक लगा दी है. जिससे स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है. नागौर में छात्र नेताओं और विद्यार्थियों ने जिला कलेक्टर से मिलकर समस्या दूर करने की मांग की है.

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एमडीएस यूनिवर्सिटी के स्वयंपाठी विद्यार्थी कलेक्टर से मिले
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Published : Dec 12, 2019, 11:43 PM IST

नागौर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर ने आदेश निकाला है, कि स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती. जिससे परेशान विद्यार्थियों और छात्र नेताओं ने गुरुवार को नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात की. उन्होंने स्वयंपाठी के तौर पर बीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की परेशानी दूर करने की मांग की है.

एमडीएस यूनिवर्सिटी के स्वयंपाठी विद्यार्थी कलेक्टर से मिले

स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की तैयारी कर रहे जिले के हजारों विद्यार्थियों की नींद महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के एक आदेश ने उड़ा दी है. विश्वविद्यालय के परीक्षा फॉर्म दो दिन पहले भरना शुरू हो गए. लेकिन इसमें बीएससी के लिए स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में फॉर्म भरने का विकल्प नहीं है. विद्यार्थियों ने पता किया तो जानकारी मिली, कि इस बार से स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती है. ऐसे में जिले में स्वयंपाठी के तौर पर बीएससी की तैयारी कर रहे हजारों विद्यार्थी परेशान हो गए हैं.

यह भी पढ़ें. नागौर में जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक का आयोजन

विद्यार्थियों की इस परेशानी को लेकर राजकीय मिर्धा कॉलेज के छात्र नेताओं ने गुरुवार को नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात की. छात्र नेताओं ने इनकी परेशानी दूर करने की मांग रखी है. छात्र नेताओं का कहना है, कि विश्वविद्यालय ने बीच सत्र में ये नई व्यवस्था लागू की है.

ऐसे में या तो बीएससी की तैयारी कर रहे स्वयंपाठी विद्यार्थियों को निजी कॉलेजों में भारी फीस देकर प्रवेश लेना पड़ रहा है या फिर उन्हें मजबूरी में विषय बदलना पड़ रहा है. ये दोनों ही हालात विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं.

नागौर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर ने आदेश निकाला है, कि स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती. जिससे परेशान विद्यार्थियों और छात्र नेताओं ने गुरुवार को नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात की. उन्होंने स्वयंपाठी के तौर पर बीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की परेशानी दूर करने की मांग की है.

एमडीएस यूनिवर्सिटी के स्वयंपाठी विद्यार्थी कलेक्टर से मिले

स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की तैयारी कर रहे जिले के हजारों विद्यार्थियों की नींद महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के एक आदेश ने उड़ा दी है. विश्वविद्यालय के परीक्षा फॉर्म दो दिन पहले भरना शुरू हो गए. लेकिन इसमें बीएससी के लिए स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में फॉर्म भरने का विकल्प नहीं है. विद्यार्थियों ने पता किया तो जानकारी मिली, कि इस बार से स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती है. ऐसे में जिले में स्वयंपाठी के तौर पर बीएससी की तैयारी कर रहे हजारों विद्यार्थी परेशान हो गए हैं.

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विद्यार्थियों की इस परेशानी को लेकर राजकीय मिर्धा कॉलेज के छात्र नेताओं ने गुरुवार को नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात की. छात्र नेताओं ने इनकी परेशानी दूर करने की मांग रखी है. छात्र नेताओं का कहना है, कि विश्वविद्यालय ने बीच सत्र में ये नई व्यवस्था लागू की है.

ऐसे में या तो बीएससी की तैयारी कर रहे स्वयंपाठी विद्यार्थियों को निजी कॉलेजों में भारी फीस देकर प्रवेश लेना पड़ रहा है या फिर उन्हें मजबूरी में विषय बदलना पड़ रहा है. ये दोनों ही हालात विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं.

Intro:महर्षि दयानंद सरस्वती विश्विद्यालय अजमेर के हाल ही में जारी एक आदेश ने नागौर जिले के हजारों विद्यार्थियों की नींद उड़ा दी है। अब विश्वविद्यालय ने स्वयंपाठी विद्यार्थी के तौर पर बीएससी प्रथम वर्ष के परीक्षा फॉर्म नहीं भरे जा रहे हैं। इससे स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की तैयारी कर रहे हजारों विद्यार्थी पशोपेश में हैं।


Body:नागौर. स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की तैयारी कर रहे जिले के हजारों विद्यार्थियों की नींद महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के एक आदेश ने उड़ा दी है। दरअसल, विश्वविद्यालय के परीक्षा फॉर्म दो दिन पहले भरना शुरू हुए थे। लेकिन इसमें बीएससी के लिए स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में फॉर्म भरने का विकल्प नहीं है। विद्यार्थियों ने पता किया तो जानकारी मिली कि इस बार से स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में बीएससी की परीक्षा नहीं दी जा सकती है। ऐसे में नागौर जिले में स्वयंपाठी के तौर पर बीएससी की तैयारी कर रहे हजारों विद्यार्थी पसोपेश में हैं। विद्यार्थियों की इस परेशानी को लेकर राजकीय मिर्धा कॉलेज के छात्रनेताओं ने आज नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात कर इन विद्यार्थियों की परेशानी दूर करवाने की मांग रखी है।


Conclusion:छात्रनेताओं का कहना है कि विश्विद्यालय ने बीच सत्र में यह नई व्यवस्था लागू की है। ऐसे में या तो बीएससी की तैयारी कर रहे स्वयंपाठी विद्यार्थियों को निजी कॉलेजों में भारी फीस देकर प्रवेश लेना पड़ रहा है। या फिर उन्हें मजबूरी में विषय बदलना पड़ रहा है। यह दोनों ही हालात विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं।
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बाईट 01- श्रवण चांगल, छात्रसंघ अध्यक्ष, राजकीय मिर्धा कॉलेज।
बाईट 02- मोहन मेघवाल, छात्रसंघ उपाध्यक्ष, राजकीय मिर्धा कॉलेज।
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