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नागौर : घर-घर में दिखा कृष्ण जन्मोत्सव का उत्साह, मंदिरों में पहली बार बिना श्रद्धालुओं की हुई आरती - नागौर में कोरोना

कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बुधवार रात जिले के हर घर में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का उत्साह दिखा. मंदिरों में भी कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया और आरती हुई. हालांकि, कोरोना काल में मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद होने के कारण पहली बार बिना भक्तों की मौजूदगी के जन्मोत्सव मनाया गया.

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बिना श्रद्धालुओं की हुई आरती
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Published : Aug 13, 2020, 1:17 PM IST

नागौर. जिले में घर-घर में उत्साहपूर्वक भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई और ठीक सवा 12 बजे आरती हुई. इस साल पहली बार मंदिरों में श्रद्धालुओं की गैर मौजूदगी में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया. कोरोना काल में अभी मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं. ऐसे में पुजारियों ने ही मंदिर में आरती की. भगवान की प्रतिमाओं का आकर्षक श्रृंगार भी किया गया.

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का उत्साह

नागौर के ऐतिहासिक बंशीवाला मंदिर में बुधवार देर रात तक भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. पुजारियों ने भगवान की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत से अभिषेक किया. इसके बाद प्रतिमा का शृंगार किया गया. ठीक सवा 12 बजे आरती की गई. इसके बाद स्तुति पाठ हुए. पुजारी दीक्षांत नारायण का कहना है कि हर बार मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव पर भव्य आयोजन होता है.

पढ़ेंः लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर अब तक 18 हजार 454 वाहन जब्त, 1.67 करोड़ रुपए का वसूला जुर्माना

मंदिर परिसर में आकर्षक सजावट की जाती है और हजारों भक्त रातभर भजन-कीर्तन करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना काल में मंदिरों में आमजन का प्रवेश निषेध है. ऐसे में सादगीपूर्ण तरीके से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. पुजारियों ने आरती की और स्तुति पाठ किया. महामारी कोविड-19 के चलते मंदिरों के कपाट बंद रहने के कारण लोगों ने घर पर ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया.

घर पर लड्डूगोपाल की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर रात भर भजन कीर्तन किए गए. लोगों ने दिनभर उपवास रखा और रात को आरती कर प्रसाद ग्रहण किया. हर साल गली मोहल्लों में भगवान की झांकियां सजाकर भव्य आयोजन किए जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ऐसे आयोजन भी नहीं हुए.

नागौर. जिले में घर-घर में उत्साहपूर्वक भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. मंदिरों में भी कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई और ठीक सवा 12 बजे आरती हुई. इस साल पहली बार मंदिरों में श्रद्धालुओं की गैर मौजूदगी में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया. कोरोना काल में अभी मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं. ऐसे में पुजारियों ने ही मंदिर में आरती की. भगवान की प्रतिमाओं का आकर्षक श्रृंगार भी किया गया.

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का उत्साह

नागौर के ऐतिहासिक बंशीवाला मंदिर में बुधवार देर रात तक भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. पुजारियों ने भगवान की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत से अभिषेक किया. इसके बाद प्रतिमा का शृंगार किया गया. ठीक सवा 12 बजे आरती की गई. इसके बाद स्तुति पाठ हुए. पुजारी दीक्षांत नारायण का कहना है कि हर बार मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव पर भव्य आयोजन होता है.

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मंदिर परिसर में आकर्षक सजावट की जाती है और हजारों भक्त रातभर भजन-कीर्तन करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना काल में मंदिरों में आमजन का प्रवेश निषेध है. ऐसे में सादगीपूर्ण तरीके से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. पुजारियों ने आरती की और स्तुति पाठ किया. महामारी कोविड-19 के चलते मंदिरों के कपाट बंद रहने के कारण लोगों ने घर पर ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया.

घर पर लड्डूगोपाल की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कर रात भर भजन कीर्तन किए गए. लोगों ने दिनभर उपवास रखा और रात को आरती कर प्रसाद ग्रहण किया. हर साल गली मोहल्लों में भगवान की झांकियां सजाकर भव्य आयोजन किए जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ऐसे आयोजन भी नहीं हुए.

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