बाड़मेर: आगामी 29 दिसंबर से जिले के चौहटन में आयोजित होने वाले अर्द्ध कुंभ सुंईया पोषण मेले की तैयारियों का बुधवार शाम को संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने जायजा लिया. प्रशासन ने इस मेले को इको फ्रेंडली बनाते हुए प्लास्टिक मुक्त रखने का निर्णय किया है. मारवाड़ के अर्द्धकुंभ और मारवाड़ के मरूकुंभ के रूप में यह मेला विख्यात है. इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है.
संभागीय आयुक्त ने सुंईया माता मंदिर और मठ क्षेत्र का दौरा कर मेले की आवश्यक व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. उन्होंने श्रद्धालुओं के आने और जाने के रास्तों का निरीक्षण किया. मंदिर परिसर में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के दर्शन करने, उनके नहाने और उनके ठहरने संबंधित व्यवस्थाओं को भी देखा. इस दौरान उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. उनके साथ जिला कलक्टर टीना डाबी भी उपस्थित थीं.
पढ़ें: सुईंया मेले की तैयारियों का कलेक्टर टीना डाबी और एसपी मीणा ने किया निरीक्षण
मेले को प्लास्टिक मुक्त रखने की पहल: इस दौरान उन्होंने संबंधित विभागों को तैयारियों के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस अर्द्ध कुंभ को इको फ्रेंडली बनाते हुए प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने सभी को मेले में आने वालों से जूट का थैला और स्टील की थाली या पत्तल उपयोग करने की अपील की.
संभागीय आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि यह मेला शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित होना चाहिए. इसके लिए डॉ. सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह मेला अच्छा शोकेस होना चाहिए, हमारी किसी भी गलती की वजह से जिले के नाम खराब नहीं हो चाहिए. जिसे जो जिम्मेदारी मिली है, वह उसको समझकर, उसका अच्छी तरह से निर्वहन करें. यह कार्यक्रम धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है, इसलिए यहां आने वाला व्यक्ति खराब छवि लेकर नहीं जाए. उन्होंने पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाने और उनकी सही ब्रीफ्रिंग करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने मेला स्थल और कस्बे में कानून व्यवस्था के चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए. उन्होंने मेले के दौरान तमाम व्यवस्थाओ को चुस्त दुरुस्त रखने के निर्देश दिए ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो.
कंट्रोल रूम को लेकर दी हिदायत: संभागीय आयुक्त ने निर्देश दिए कि मेला स्थल पर बनने वाले कंट्रोल रूम पर सभी लोंगों के नाम और नम्बर की डायरेक्टरी होनी चाहिए. इसके साथ ही संचार व्यवस्था माकूल होनी चाहिए, ताकि आपात स्थिति में किसी से भी सम्पर्क स्थापित किया जा सके. जिला कलक्टर टीना डाबी ने बताया कि इस मेले को शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. मेले की व्यवस्थाओं के लिए मेला मजिस्ट्रेट सहित आवश्यक कार्मिकों को दायित्व सौंप दिए गए हैं. मेला परिसर में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि संभागीय आयुक्त की ओर से जो निर्देश दिए गए हैं, उनकी भी पालना सुनिश्चित की जाएगी.