नागौर. जिले के खींवसर में होने वाले विधानसभा उप चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में पशोपेश की स्थिति बनी हुई है. उन्हें इस बात की चिंता है कि भाजपा अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन का धर्म निभाएगी या फिर कार्यकर्ताओं के मन की बात सुनकर अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी. खींवसर विधानसभा सीट से विधायक रहे हनुमान बेनीवाल के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से लोकसभा के चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन के बाद चुनाव लड़कर सांसद बन जाने के बाद खींवसर विधानसभा की सीट खाली हो गई थी. एक दिन पहले ही इस सीट पर उप चुनाव की घोषणा हुई थी.
आगामी 21 अक्टूबर को होने वाले खींवसर विधानसभा के उप चुनाव के मद्देनजर रविवार को खींवसर में भारतीय जनता पार्टी की अहम बैठक आयोजित हुई. पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष रमाकांत शर्मा, पार्टी के सदस्यता अभियान प्रभारी जगबीर छाबा, रामनिवास सांखला सहित पार्टी के मंडल पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में विधानसभा उप चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं के मन की बात सुनी. इस दौरान बैठक में गत विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को लेकर कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया. साथ ही कुछ भाजपा नेताओं पर भीतरघात का आरोप भी लगाया. इसके बाद काफी देर तक हंगामा हुआ.
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इस दौरान कार्यकर्ता उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी उतारने की मांग करते रहे. उनका कहना रहा कि आने वाले उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के तहत आरएलपी के लिए सीट छोड़कर अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करती है तो ऐसे में भाजपा का खींवसर में वजूद तक नहीं रहेगा.
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बैठक में विधानसभा क्षेत्र प्रभारी अरूण चतुर्वेदी ने गेंद केंद्रीय नेतृत्व के पाले में डाल दी और कहा कि आलाकमान से जो भी निर्देश मिलेगा, उसकी पालना खींवसर विधानसभा के उप चुनाव में की जाएगी. चतुर्वेदी ने इस दौरान राज्य सरकार के 9 महीने के कार्यकाल को विफल बताया और कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जो वर्क आर्डर जारी हुए हैं, अब तक उन पर भी काम नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद विकास कार्य ठप हो चुके हैं.