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नागौर का लाल हरिराम पूंछ गोलीबारी में शहीद, सोमवार को सैन्य सम्मान से होगा अंतिम संस्कार

जम्मू के पूंछ में राजस्थान के नागौर का लाल हरिराम भाकर पाक द्वारा किए गए गोलाबारी में शहीद हो गए. सोमवार को उनका अंतिम संस्कार होगा.

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Published : Mar 24, 2019, 7:38 PM IST

शहीद, हरिराम भाकर

नागौर. पाक सैनिक अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आए दिन सीमापार से सीजफायर का उल्लंघन करते हुए एयर स्ट्राइक के बाद से लगातार अपनी नापाक हरकतों को करते हुए गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है.

क्लिक कर देखें वीडियो

बता दें कि एक दिन पहले हुई गोलीबारी में जिले के मकराना तहसील (जुसरी का लाल) सीमापार से हो रही गोलीबारी का जवाब देते हुए जम्मू के पूंछ में शहीद हो गया. शहीद का पार्थिव देह रविवार शाम जयपुर एयरपोर्ट पहुंचा. उसके बाद सड़क मार्ग से उसी दिन जुसरी (शहीद का पैतृक गांव) ले जाया जाएगा. शहीद का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह सैन्य सम्मान के साथ जुसरी में किया जाएगा. शहीद के शहादत की सूचना सुनते ही गांव सहित जिलेभर में शोक की लहर छा गई. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों को अपने लाल की शहादत पर फक्र भी है.

जानकारी के मुताबिक हरिराम भाकर 1 जुलाई 2016 को भारतीय सेना के 4 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए थे. शहीद के परिवार में तीन भाई-बहन हैं, जिनमें से वे सबसे बड़े थे. शहीद 21 साल की उम्र में ही देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो गए. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार 8 फरवरी को वे अपनी छोटी बहन की शादी में आए थे. उसके बाद वह डयूटी पर गए थे.

नागौर. पाक सैनिक अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आए दिन सीमापार से सीजफायर का उल्लंघन करते हुए एयर स्ट्राइक के बाद से लगातार अपनी नापाक हरकतों को करते हुए गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है.

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बता दें कि एक दिन पहले हुई गोलीबारी में जिले के मकराना तहसील (जुसरी का लाल) सीमापार से हो रही गोलीबारी का जवाब देते हुए जम्मू के पूंछ में शहीद हो गया. शहीद का पार्थिव देह रविवार शाम जयपुर एयरपोर्ट पहुंचा. उसके बाद सड़क मार्ग से उसी दिन जुसरी (शहीद का पैतृक गांव) ले जाया जाएगा. शहीद का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह सैन्य सम्मान के साथ जुसरी में किया जाएगा. शहीद के शहादत की सूचना सुनते ही गांव सहित जिलेभर में शोक की लहर छा गई. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों को अपने लाल की शहादत पर फक्र भी है.

जानकारी के मुताबिक हरिराम भाकर 1 जुलाई 2016 को भारतीय सेना के 4 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए थे. शहीद के परिवार में तीन भाई-बहन हैं, जिनमें से वे सबसे बड़े थे. शहीद 21 साल की उम्र में ही देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो गए. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार 8 फरवरी को वे अपनी छोटी बहन की शादी में आए थे. उसके बाद वह डयूटी पर गए थे.

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