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नागौर पुश मेला: विशेष ट्रेन नहीं चलाने को लेकर हनुमान बेनीवाल ने इन पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप - Beniwal targets Nagaur collector

सांसद हनुमान बेनीवाल नागौर पशु मेले के लिए विशेष ट्रेन नहीं चलाने को लेकर बिफर गए हैं. सांसद ने प्रदेश भाजपा, केंद्रीय मंत्रियों, कलेक्टर तथा रेलवे अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए ट्वीट किए हैं.

Hanuman Beniwal on Nagaur cattle fair, level allegations on BJP, collector and railway officers
नागौर पुश मेला: विशेष ट्रेन नहीं चलाने को लेकर हनुमान बेनीवाल ने इन पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
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Published : Feb 4, 2023, 11:40 PM IST

नागौर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर के विख्यात पशु मेले में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन के लिए केंद्रीय पशुपालन मंत्री की मौजूदगी में रेल मंत्री द्वारा सहमति व्यक्त करने के बाद भी ट्रेन का संचालन नहीं होने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है.

सांसद ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ट्वीट कर कहा कि देश के पशुपालन मंत्री की मौजूदगी में आपने नागौर के पशु मेले में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन की हां भर दी. मगर ट्रेन शुरू नहीं हो पाई. क्या आप अपनी बात से मुकर गए या रेलवे के अधिकारी आपको मानते नहीं हैं? बेनीवाल ने कहा कि 14 नवंबर, 2022 को जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे की ZRUCC की बैठक में बतौर सांसद और समिति के सदस्य उन्होंने नागौर के पशु मेले में ट्रेन संचालन की स्वीकृति को लेकर मुद्दा रखा और उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को बैठक में पत्र देकर व व्यक्तिगत रूप से भी उन्हें अवगत करवाकर ट्रेन संचालन की स्वीकृति के लिए आवश्यक कार्यवाही करने को कहा.

पढ़ें: सांसद हनुमान बेनीवाल ने 10 ट्वीट कर सीएम गहलोत पर दागे सवालिया निशान, खड़े किए बड़े सवाल

गत 25 जनवरी को उतर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने जवाबी पत्र में नागौर स्टेशन पर पशुओं के लोडिंग व अनलोडिंग के लिए उचित प्लेटफार्म नहीं होने का हवाला दिया. 2018 के एक सर्कुलर की बात भी उसमें उल्लेखित की. सांसद ने कहा चूंकि किसी प्रकार की आपत्ति रेलवे को यदि थी, तो उसे तत्काल ही रेलवे को बता देना चाहिए था. ताकि उसका समाधान निकालने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता. लेकिन रेलवे के स्तर भी जानबूझकर लेटलतीफी की और रेलवे के जोधपुर मंडल कार्यालय से लेकर उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय तक कई अधिकारियों ने इसमें रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय को भ्रमित करने का प्रयास किया ताकि ट्रेन का संचालन नही हो सके.

पढ़ें: विधानसभा में बछड़ों का मुद्दा : नागौर मेले में बछड़ों की बिक्री पर हाईकोर्ट की रोक का मामला गूंजा...तीन विधायकों ने कहा- पशुपालकों को हो रहा नुकसान

सांसद ने कहा कि बेलों का परिवहन यदि ट्रेन से होता तो पशु व्यापारियों को मात्र 25 लाख तक ही किराया व्यय करना पड़ता. मगर अब ट्रकों से परिवहन किया जायेगा. उसके लिए पशु व्यापारियों को एक करोड़ से अधिक किराया चुकाना पड़ेगा. जिसके चलते किसानों और पशुपालकों को प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. जिला कलक्टर नागौर ने भी इरादतन पूरे मामले की रिपोर्ट रेलवे को समय पर भेजने में लेटलतीफी की. क्योंकि कुछ ट्रक संचालकों से बड़ी रकम इसमें ली गई. जिसमें जिले के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, जिला कलेक्टर नागौर और रेलवे के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं.

पढ़ें: नागौर: पशु प्रदर्शनी स्थल पर प्रतिमा का माल्यार्पण कर पूर्व मंत्री नाथूराम मिर्धा की मनाई गई जयंती

सांसद ने कहा कि पशुपालकों और किसानों के हित में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन करवाने के​ लिए सार्थक प्रयास किए और रेल मंत्री ने भी सहमति व्यक्त कर दी थी. लेकिन अधिकारियों के भ्रष्टाचार के अलावा राजस्थान भाजपा के वो नेता जो खुद को किसानों का प्रतिनिधि बताते हैं, उन्होंने और केंद्र में राजस्थान से आने वाले दो मंत्रियों ने भी ट्रेन संचालन को रूकवाने का प्रयास किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. सांसद ने पूरे मामले को लेकर ट्वीट भी किए हैं.

नागौर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर के विख्यात पशु मेले में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन के लिए केंद्रीय पशुपालन मंत्री की मौजूदगी में रेल मंत्री द्वारा सहमति व्यक्त करने के बाद भी ट्रेन का संचालन नहीं होने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है.

सांसद ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ट्वीट कर कहा कि देश के पशुपालन मंत्री की मौजूदगी में आपने नागौर के पशु मेले में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन की हां भर दी. मगर ट्रेन शुरू नहीं हो पाई. क्या आप अपनी बात से मुकर गए या रेलवे के अधिकारी आपको मानते नहीं हैं? बेनीवाल ने कहा कि 14 नवंबर, 2022 को जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे की ZRUCC की बैठक में बतौर सांसद और समिति के सदस्य उन्होंने नागौर के पशु मेले में ट्रेन संचालन की स्वीकृति को लेकर मुद्दा रखा और उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को बैठक में पत्र देकर व व्यक्तिगत रूप से भी उन्हें अवगत करवाकर ट्रेन संचालन की स्वीकृति के लिए आवश्यक कार्यवाही करने को कहा.

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गत 25 जनवरी को उतर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने जवाबी पत्र में नागौर स्टेशन पर पशुओं के लोडिंग व अनलोडिंग के लिए उचित प्लेटफार्म नहीं होने का हवाला दिया. 2018 के एक सर्कुलर की बात भी उसमें उल्लेखित की. सांसद ने कहा चूंकि किसी प्रकार की आपत्ति रेलवे को यदि थी, तो उसे तत्काल ही रेलवे को बता देना चाहिए था. ताकि उसका समाधान निकालने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता. लेकिन रेलवे के स्तर भी जानबूझकर लेटलतीफी की और रेलवे के जोधपुर मंडल कार्यालय से लेकर उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय तक कई अधिकारियों ने इसमें रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय को भ्रमित करने का प्रयास किया ताकि ट्रेन का संचालन नही हो सके.

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सांसद ने कहा कि बेलों का परिवहन यदि ट्रेन से होता तो पशु व्यापारियों को मात्र 25 लाख तक ही किराया व्यय करना पड़ता. मगर अब ट्रकों से परिवहन किया जायेगा. उसके लिए पशु व्यापारियों को एक करोड़ से अधिक किराया चुकाना पड़ेगा. जिसके चलते किसानों और पशुपालकों को प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. जिला कलक्टर नागौर ने भी इरादतन पूरे मामले की रिपोर्ट रेलवे को समय पर भेजने में लेटलतीफी की. क्योंकि कुछ ट्रक संचालकों से बड़ी रकम इसमें ली गई. जिसमें जिले के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, जिला कलेक्टर नागौर और रेलवे के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं.

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सांसद ने कहा कि पशुपालकों और किसानों के हित में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन करवाने के​ लिए सार्थक प्रयास किए और रेल मंत्री ने भी सहमति व्यक्त कर दी थी. लेकिन अधिकारियों के भ्रष्टाचार के अलावा राजस्थान भाजपा के वो नेता जो खुद को किसानों का प्रतिनिधि बताते हैं, उन्होंने और केंद्र में राजस्थान से आने वाले दो मंत्रियों ने भी ट्रेन संचालन को रूकवाने का प्रयास किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. सांसद ने पूरे मामले को लेकर ट्वीट भी किए हैं.

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