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अतिवृष्टि और मुआवजे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट दिखा विपक्ष, देवनानी ने किरोड़ी की छुट्टी मंजूर की, विपक्ष बोला मंत्री मजबूर - RAJASTHAN VIDHANSABHA

विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान पीपला से विधायक चेतन पटेल के सवाल पर आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री विपक्ष के निशाने पर रहे.

आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री विपक्ष के निशाने पर रहे.
आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री विपक्ष के निशाने पर रहे. (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 2:25 PM IST

जयपुर : सोमवार को विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ प्रश्नकाल में पीपल्दा से विधायक चेतन पटेल ने आपदा से फसल खराबे का मसला उठाया और किसानों को मुआवजे की मांग की. इस दौरान आपदा राहत राज्य मंत्री की हैसियत से ओटाराम देवासी जब जवाब देने के लिए खड़े हुए, तो विपक्ष उनके जवाब से असंतुष्ट दिखा.

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राजस्थान के किसान संकट में हैं, लेकिन भाजपा सरकार की आंखें बंद हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में अतिवृष्टि से 50% से अधिक फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन भाजपा सरकार इसे 33% से अधिक बताकर किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है. जूली बोले कि जब हमने सरकार से पूछा कि अब तक कितने किसानों को मुआवजा दिया गया है?, तो सरकार के पास कोई जवाब नहीं मिला. टीकाराम जूली के सरकार से सवाल- किसानों के नुकसान को कम करके क्यों बताया जा रहा है? - कितने किसानों को मुआवजा मिला? सरकार संख्यात्मक विवरण क्यों नहीं दे रही? - किसानों को उचित मुआवजा कब तक मिलेगा ?

इसे भी पढ़ें- धर्मांतरण बिल और सूर्य नमस्कार पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार, भाजपा-कांग्रेस में छिड़ी बहस

नेता प्रतिपक्ष ने किया था पूरक प्रश्न : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि सरकार संख्यात्मक विवरण रखे और 33% से ज्यादा मुआवजा दिया या नहीं, ये मालूम किया जाए. इसके जवाब में मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि 20 जिलों में बाढ़ से 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है, पीपल्दा में 175 गांव और दीगोद में 185 गांवों में नुकसान हुआ है, इन 33 फीसदी खराबे वालों को जल्द ही अनुदान मिलेगा.

पीपल्दा विधायक ने किया था यह सवाल : पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण फसल खराबी के मुआवजे का प्रश्न पर मिले उत्तर को लेकर दर्शन स्थानीय विधायक चेतन पटेल ने नाराजगी जताई थी. इसके बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने व्यवस्था दी और फिर मंत्री ओटाराम देवासी ने सदन में इस सवाल का जवाब दिया. देवासी ने कहा कि 25 हजार 418 हेक्टेयर में फसल खराबा हुआ था, जिसके कृषि अनुदान भुगतान को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं और प्रभावी काश्तकारों को अनुदान दिए जाने की प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है.

इसे भी पढ़ें- राजस्थान विधानसभा में हंगामा, महंगा कोयला सप्लाई मामला और अधिकारियों के तबादले पर उठा सवाल

मंत्री किरोड़ी लाल की छुट्टी मंजूर : आपदा राहत मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मौजूदा विधानसभा क्षेत्र से छुट्टी मांगी थी, जिसे लेकर प्रश्नकाल के आखिर में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन में जानकारी दी. इसके बाद ध्वनिमत से किरोड़ी लाल मीणा की छुट्टी को सदन में मंजूर किए जाने की जानकारी दी गई. विपक्ष लगातार इस मसले पर सवाल खड़े करता रहा था और आज भी सदन में किरोड़ी की गैर मौजूदगी को लेकर विपक्ष सरकार पर तंज कस रहा था. ऐसे में एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री बीमार नहीं बल्कि मजबूर हैं.

गौरतलब है कि किरोड़ी लाल मीणा ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र से छुट्टी मांगी थी. किरोड़ी बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा पहुंचे थे. जिसके बाद मुख्यमंत्री के एसीएस शिखर अग्रवाल की ओर से जारी आदेश के अनुसार मंत्री ओटाराम देवासी ग्रामीण विकास विभाग और आपदा प्रबंधन एवं सहायता नागरिक शिक्षा विभाग और के. के. बिश्नोई कृषि उद्यानिकी, जन अभाव अभियोग निराकरण, पंचायती राज के अधिनस्थ कृषि विभाग का स्वतंत्र प्रभार के सवालों के जवाब देने संबंधित पत्र सामने आया था.

जयपुर : सोमवार को विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ प्रश्नकाल में पीपल्दा से विधायक चेतन पटेल ने आपदा से फसल खराबे का मसला उठाया और किसानों को मुआवजे की मांग की. इस दौरान आपदा राहत राज्य मंत्री की हैसियत से ओटाराम देवासी जब जवाब देने के लिए खड़े हुए, तो विपक्ष उनके जवाब से असंतुष्ट दिखा.

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राजस्थान के किसान संकट में हैं, लेकिन भाजपा सरकार की आंखें बंद हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में अतिवृष्टि से 50% से अधिक फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन भाजपा सरकार इसे 33% से अधिक बताकर किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है. जूली बोले कि जब हमने सरकार से पूछा कि अब तक कितने किसानों को मुआवजा दिया गया है?, तो सरकार के पास कोई जवाब नहीं मिला. टीकाराम जूली के सरकार से सवाल- किसानों के नुकसान को कम करके क्यों बताया जा रहा है? - कितने किसानों को मुआवजा मिला? सरकार संख्यात्मक विवरण क्यों नहीं दे रही? - किसानों को उचित मुआवजा कब तक मिलेगा ?

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नेता प्रतिपक्ष ने किया था पूरक प्रश्न : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि सरकार संख्यात्मक विवरण रखे और 33% से ज्यादा मुआवजा दिया या नहीं, ये मालूम किया जाए. इसके जवाब में मंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि 20 जिलों में बाढ़ से 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है, पीपल्दा में 175 गांव और दीगोद में 185 गांवों में नुकसान हुआ है, इन 33 फीसदी खराबे वालों को जल्द ही अनुदान मिलेगा.

पीपल्दा विधायक ने किया था यह सवाल : पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण फसल खराबी के मुआवजे का प्रश्न पर मिले उत्तर को लेकर दर्शन स्थानीय विधायक चेतन पटेल ने नाराजगी जताई थी. इसके बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने व्यवस्था दी और फिर मंत्री ओटाराम देवासी ने सदन में इस सवाल का जवाब दिया. देवासी ने कहा कि 25 हजार 418 हेक्टेयर में फसल खराबा हुआ था, जिसके कृषि अनुदान भुगतान को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं और प्रभावी काश्तकारों को अनुदान दिए जाने की प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है.

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मंत्री किरोड़ी लाल की छुट्टी मंजूर : आपदा राहत मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मौजूदा विधानसभा क्षेत्र से छुट्टी मांगी थी, जिसे लेकर प्रश्नकाल के आखिर में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन में जानकारी दी. इसके बाद ध्वनिमत से किरोड़ी लाल मीणा की छुट्टी को सदन में मंजूर किए जाने की जानकारी दी गई. विपक्ष लगातार इस मसले पर सवाल खड़े करता रहा था और आज भी सदन में किरोड़ी की गैर मौजूदगी को लेकर विपक्ष सरकार पर तंज कस रहा था. ऐसे में एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री बीमार नहीं बल्कि मजबूर हैं.

गौरतलब है कि किरोड़ी लाल मीणा ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र से छुट्टी मांगी थी. किरोड़ी बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा पहुंचे थे. जिसके बाद मुख्यमंत्री के एसीएस शिखर अग्रवाल की ओर से जारी आदेश के अनुसार मंत्री ओटाराम देवासी ग्रामीण विकास विभाग और आपदा प्रबंधन एवं सहायता नागरिक शिक्षा विभाग और के. के. बिश्नोई कृषि उद्यानिकी, जन अभाव अभियोग निराकरण, पंचायती राज के अधिनस्थ कृषि विभाग का स्वतंत्र प्रभार के सवालों के जवाब देने संबंधित पत्र सामने आया था.

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