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बेहतर चिकित्सा व्यवस्था से लैस होगा गोगेलाव कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर

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Published : Nov 8, 2019, 3:08 PM IST

नागौर के गोगेलाव स्थित कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर में शराब और कबाब पार्टी के मामले में अब जिला प्रशासन ने मामले में गंभीरता दिखाई है. जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने इस संबंध में वन विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की एक बैठक ली है इसके साथ ही उन्होंने रेस के सेंटर में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने से संबंधित आदेश भी दिया है.

Conservation Research Rescue Center Gogolav, कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर गोगोलाव

नागौर. पिछले दिनों नागौर के गोगेलाव स्थित कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर में शराब और कबाब पार्टी का मामले ETV भारत पर खबर को प्रमुखता से रेस्क्यू सेंटर पर ना तो चिकित्सक है ना ही दवाईयां ना ही कोई उपचार की व्यवस्था खबर के बाद सामने आने के बाद अब जिला प्रशासन ने मामले में गंभीरता दिखाई है.

नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने इस संबंध में वन विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की एक बैठक ली है इसके साथ ही उन्होंने रेस के सेंटर में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने से संबंधित आदेश भी दिया है. जिला कलेक्टर के आदेश के मुताबिक गोगलाव के रेस्क्यू सेंटर में अब 2 पशु चिकित्सा अधिकारी ऑन कॉल अपनी सेवाएं देंगे साथ ही एक पशु चिकित्सा सहायक और एक स्टॉक सहायक भी नियमित रूप से अपनी सेवाएं रेस्क्यू सेंटर में देंगे.

बेहतर चिकित्सा व्यवस्था से लैस होगा गोगेलाव कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर

इस बारे में कार्यवाहक जिला उपवन सरंक्षक सुनील कुमार गौड़ ने जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग की ओर से अब रेस्क्यू सेंटर में वन्यजीवों के लिए दवाएं भी मुहैया कराई जाएगी जिनका स्टॉक भी रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जाएगा दवाओं के स्टॉक का नियंत्रण पशुपालन विभाग के पास रहेगा
जिले के गोगेलाव वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में बने रेस्क्यू सेंटर में आसपास के इलाकों से घायल और बीमार हिरणों सहित अन्य जानवरों को इस उम्मीद से लाया जाता है कि उनकी जान बच जाए. लेकिन घायल वन्य जीवों का उपचार करने के लिए बनाया गया रेस्क्यू सेंटर फिलहाल खुद ही बीमार है. यहां घायल और बीमार वन्य जीवों का उपचार करने के लिए ना तो डॉक्टर की व्यवस्था थी और ना ही कंपाउंडर की वंहा व्यवस्था आखिरकार खबर के बाद अब वंहा सुध ली गई.

पढ़ें- जयपुर: केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस करेगी विरोध प्रदर्शन

बता दें 28 अक्टूबर की रात को चावंडिया में अज्ञात लोगों ने हिरण को घायल कर दिया था. जिसे श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग और अरविंद ने वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया था. जिसके बाद जब पार्थवर्धन सियाग और कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए, तो वहां मौजूद दो कर्मचारी मुंशी खा और भंवराराम के साथ उनके दो साथी शब्बीर खान और जमील खान मांस पका रहे थे और शराब पी रहे थे. उस दौरान पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सौंपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मौजूद कर्मचारी एक दुसरे का मुंह ताकते नजर आए. और विश्नोई समाज का हंगामा देखने को मिला था.

नागौर. पिछले दिनों नागौर के गोगेलाव स्थित कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर में शराब और कबाब पार्टी का मामले ETV भारत पर खबर को प्रमुखता से रेस्क्यू सेंटर पर ना तो चिकित्सक है ना ही दवाईयां ना ही कोई उपचार की व्यवस्था खबर के बाद सामने आने के बाद अब जिला प्रशासन ने मामले में गंभीरता दिखाई है.

नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने इस संबंध में वन विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की एक बैठक ली है इसके साथ ही उन्होंने रेस के सेंटर में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने से संबंधित आदेश भी दिया है. जिला कलेक्टर के आदेश के मुताबिक गोगलाव के रेस्क्यू सेंटर में अब 2 पशु चिकित्सा अधिकारी ऑन कॉल अपनी सेवाएं देंगे साथ ही एक पशु चिकित्सा सहायक और एक स्टॉक सहायक भी नियमित रूप से अपनी सेवाएं रेस्क्यू सेंटर में देंगे.

बेहतर चिकित्सा व्यवस्था से लैस होगा गोगेलाव कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर

इस बारे में कार्यवाहक जिला उपवन सरंक्षक सुनील कुमार गौड़ ने जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग की ओर से अब रेस्क्यू सेंटर में वन्यजीवों के लिए दवाएं भी मुहैया कराई जाएगी जिनका स्टॉक भी रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जाएगा दवाओं के स्टॉक का नियंत्रण पशुपालन विभाग के पास रहेगा
जिले के गोगेलाव वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में बने रेस्क्यू सेंटर में आसपास के इलाकों से घायल और बीमार हिरणों सहित अन्य जानवरों को इस उम्मीद से लाया जाता है कि उनकी जान बच जाए. लेकिन घायल वन्य जीवों का उपचार करने के लिए बनाया गया रेस्क्यू सेंटर फिलहाल खुद ही बीमार है. यहां घायल और बीमार वन्य जीवों का उपचार करने के लिए ना तो डॉक्टर की व्यवस्था थी और ना ही कंपाउंडर की वंहा व्यवस्था आखिरकार खबर के बाद अब वंहा सुध ली गई.

पढ़ें- जयपुर: केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस करेगी विरोध प्रदर्शन

बता दें 28 अक्टूबर की रात को चावंडिया में अज्ञात लोगों ने हिरण को घायल कर दिया था. जिसे श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग और अरविंद ने वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया था. जिसके बाद जब पार्थवर्धन सियाग और कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए, तो वहां मौजूद दो कर्मचारी मुंशी खा और भंवराराम के साथ उनके दो साथी शब्बीर खान और जमील खान मांस पका रहे थे और शराब पी रहे थे. उस दौरान पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सौंपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मौजूद कर्मचारी एक दुसरे का मुंह ताकते नजर आए. और विश्नोई समाज का हंगामा देखने को मिला था.

Intro:पिछले दिनों नागौर के गोगेलाव स्थित कंजर्वेशन रिसर्च रेस्क्यू सेंटर में शराब और कबाब पार्टी का मामले ETV भारत पर खबर को प्रमुखता से रेस्क्यू सेंटर पर ना तो चिकित्सक है ना ही दवाईयां ना ही कोई उपचार की व्यवस्था खबर के बाद सामने आने के बाद अब जिला प्रशासन ने मामले में गंभीरता दिखाई है Body:नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने इस संबंध में वन विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की एक बैठक ली है इसके साथ ही उन्होंने रेस के सेंटर में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने से संबंधित आदेश भी दिया है जिला कलेक्टर के आदेश के मुताबिक गोगलाव के रेस्क्यू सेंटर में अब 2 पशु चिकित्सा अधिकारी ऑन कॉल अपनी सेवाएं देंगे साथ ही एक पशु चिकित्सा सहायक और एक स्टॉक सहायक भी नियमित रूप से अपनी सेवाएं रेस्क्यू सेंटर में देंगे । इस बारे में कार्यवाहक जिला उपवन सरंक्षक सुनील कुमार गौड ने जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालन विभाग की ओर से अब रेस्क्यू सेंटर में वन्यजीवों के लिए दवाएं भी मुहैया कराई जाएगी जिनका स्टॉक भी रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जाएगा दवाओं के स्टॉक का नियंत्रण पशुपालन विभाग के पास रहेगा
नागौर. जिले के गोगेलाव वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में बने रेस्क्यू सेंटर में आसपास के इलाकों से घायल और बीमार हिरणों सहित अन्य जानवरों को इस उम्मीद से लाया जाता है कि उनकी जान बच जाए. लेकिन घायल वन्य जीवों का उपचार करने के लिए बनाया गया रेस्क्यू सेंटर फिलहाल खुद ही बीमार है. यहां घायल और बीमार वन्य जीवों का उपचार करने के लिए ना तो डॉक्टर की व्यवस्था थी और ना ही कंपाउंडर की वंहा व्यवस्था आखिरकार खबर के बाद अब वंहा सुध ली गईConclusion:बता दें कि 28 अक्टूबर की रात को चावंडिया में अज्ञात लोगों ने हिरण को घायल कर दिया था. जिसे श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग और अरविंद ने वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया था. जिसके बाद जब पार्थवर्धन सियाग और कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए, तो वहां मौजूद दो कर्मचारी मुंशी खा और भंवराराम के साथ उनके दो साथी शब्बीर खान और जमील खान मांस पका रहे थे और शराब पी रहे थे. उस दौरान पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सौंपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मौजूद कर्मचारी एक दुसरे का मुंह ताकते नजर आए. और विश्नोई समाज का हंगामा देखने को मिला था


बाईट- सुनील कुमार गौड- कार्यवाहक जिला उपवन सरंक्षक
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