नागौर. केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने आंदोलन तेज कर दिया है. अब कांग्रेस पार्टी देशभर से इन कानूनों के विरोध में हस्ताक्षर करवाकर कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को भिजवाए जा रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को नागौर जिला कांग्रेस कार्यालय में जिला प्रभारी मोहन डागर की मौजूदगी में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई. जिसमें कृषि कानूनों के खिलाफ चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और ज्यादा से ज्यादा किसानों के हस्ताक्षर करवाकर केंद्रीय नेतृत्व को भिजवाने की रणनीति तय की गई.
बैठक में जिला पदाधिकारियों से लेकर ब्लॉक पदाधिकारियों तक की जिम्मेदारी तय की गई है. जिला प्रभारी मोहन डागर ने बताया है कि कृषि कानूनों के विरोध में नागौर से करीब 20 हजार किसानों के हस्ताक्षर करवाकर प्रदेश कार्यालय को भेजने का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत ने 25 से 30 हजार किसानों के दस्तखत करवाकर भिजवाने की जिम्मेदारी ली है. नागौर कृषि प्रधान जिला है. इसलिए पार्टी आलाकमान ने प्रदेश में सबसे ज्यादा किसानों के दस्तखत नागौर से करवाने का फैसला किया है.
वहीं, बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में जिला प्रभारी मोहन डागर ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए कृषि कानून किसानों के हितों पर कुठाराघात हैं और बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने वाले हैं. इसका कांग्रेस पार्टी शुरू से ही विरोध कर रही है. अब इन कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है. इसके तहत देशभर से किसानों के हस्ताक्षर करवाकर इन कानूनों का विरोध दर्ज करवाया जाएगा.
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बता दें कि बैठक में जिला प्रभारी मोहन डागर, जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत, पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान, जायल विधायक मंजू मेघवाल, पूर्व प्रधान ओमप्रकाश सैन, कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष हनुमानराम बांगड़ा और ब्लॉक अध्यक्ष दिलफराज खान ने पार्टी कार्यकर्तओं को कृषि कानूनों के बारे में जानकारी दी. सीथ ही इन कानूनों के नुकसानों के बारे में किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने का आह्वान किया.