नागौर. केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इन कानूनों पर अपनी असहमति जाहिर कर चुके हैं. साथ ही कांग्रेस ने इन कानूनों का विरोध तेज कर दिया है. कांग्रेस इन कानूनों के विरोध में किसानों के हस्ताक्षर करवाकर इन्हें वापस लेने की मांग कर रही है. इसी क्रम में नागौर के ग्रामीण इलाकों में भी कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता किसानों को इन कानूनों के नुकसान बताकर उनसे कानूनों के विरोध में दस्तखत करवा रहे हैं.
शुक्रवार को जायल में पूर्व प्रधान रिद्धकरण लोमरोड़ की अगुवाई में कांग्रेस ने किसानों से हस्ताक्षर करवाने का अभियान शुरू किया है. इस दौरान कांग्रेसी नेता रिद्धकरण लोमरोड़ ने पुराना बस स्टैंड की चौपाल पर हस्ताक्षर अभियान का आगाज करते हुए किसानों को इन कानूनों के नुकसान बताए. साथ ही इन कानूनों को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए.
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रिद्धकरण लोमरोड़ ने कहा कि इन कानूनों से किसानों का फायदा नहीं होगा. बल्कि, केंद्र सरकार ने इन कानूनों के माध्यम से पूंजीपतियों की जेब भरने की तैयारी की है. साथ ही उन्होंने मोदी सरकार के इन कृषि कानूनों काे किसान विरोधी बताते हुए कहा कि समर्थन मूल्य से कम पर कृषि उपज की खरीद मंजूर नहीं है. जिलेभर से किसानों के इन कानूनों के विरोध में दस्तखत करवाकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेजे जाएंगे. जहां से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर इन बिलों को वापस लेने की मांग की जाएगी.