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नागौर : मकराना में बिजली कटौती से करोड़ों का व्यापार प्रभावित, श्रमिक परेशान - Rajasthan news

मकराना में बिजली कटौती से मार्बल घिसाई के कारखाने में काम करने वाले श्रमिक परेशान हैं. पिछले करीब दस दिनों से जारी बिजली की कटौती के कारण करोड़ों रुपए का व्यापार प्रभावित हो चुका है और श्रमिकों को भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है.

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मकराना में बिजली कटौती से श्रमिक परेशान
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Published : Dec 22, 2020, 7:19 PM IST

मकराना (नागौर). शहर में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर जनता को काफी परेशान है. साथ ही यहां के श्रमिक लाकडाउन की मार से उभरने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बिजली की कटौती ने श्रमिकों के जले पर नमक का काम शुरू कर दिया है.

मकराना में बिजली कटौती से श्रमिक परेशान

बिजली की कटौती से कई मार्बल घिसाई के कारखाने, मार्बल गैंगशा मशीने सहित खनन कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित हो चुका है. पिछले करीब दस दिनों से जारी बिजली की कटौती के कारण करोड़ों रुपए का व्यापार प्रभावित हो चुका है और श्रमिकों को भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है. शहर के पलाड़ा रोड स्थित घड़ाई कारखानों में पिछले कई दिनों से 24 घंटों में मात्र 2 घंटे ही बिजली दी जा रही है. जिसकी वजह से घड़ाई कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इन्हें रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है.

यह भी पढ़ें. सीकर जेल में कैदी की मौत का मामला गहराया, भूख हड़ताल पर 120 बंदी...हालत बिगड़ने पर एक अस्पताल में भर्ती

इसके अलावा विद्युत विभाग के अधिकारियों की ओर से अघोषित विद्युत कटौती के कारण घड़ाई कारखानों के ठेकेदार सहित मजदूरों में भारी रोष पनपने लगा है. मजदूरों ने बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही से बिजली कटौती की जा रही है.

लोगों का आरोप है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों को जब फोन पर इस समस्या के बारे में अवगत करवाते हैं तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं और अपनी मनमर्जी से ही बिजली कटौती कर रहे हैं. इस संबंध में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी खादी और ग्राम उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद अयूब सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मकराना अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया है.

यह भी पढ़ें. दिल्ली में अजय माकन से मुलाकात करेंगे मंत्री हरीश चौधरी, प्रदेश की राजनीति पर होगी चर्चा

मोहम्मद अयूब सिसोदिया ने बताया कि विद्युत विभाग की हठमिर्धता के कारण अघोषित बिजली कटौती के कारण बड़े-बडे कारखाने के ठेकेदारों को लाखों रुपए का नुकसान भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 दिनों से मात्र 2 घंटे ही दिन में बिजली दी जा रही है. इस समस्या के समाधान को लेकर लगातार स्थानीय और उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई जा रही है. इसके बाद भी इस समस्या का आज तक दिन तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. सिसोदिया ने समस्या समाधान नहीं होने पर विभाग के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.

मकराना (नागौर). शहर में लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती को लेकर जनता को काफी परेशान है. साथ ही यहां के श्रमिक लाकडाउन की मार से उभरने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बिजली की कटौती ने श्रमिकों के जले पर नमक का काम शुरू कर दिया है.

मकराना में बिजली कटौती से श्रमिक परेशान

बिजली की कटौती से कई मार्बल घिसाई के कारखाने, मार्बल गैंगशा मशीने सहित खनन कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित हो चुका है. पिछले करीब दस दिनों से जारी बिजली की कटौती के कारण करोड़ों रुपए का व्यापार प्रभावित हो चुका है और श्रमिकों को भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है. शहर के पलाड़ा रोड स्थित घड़ाई कारखानों में पिछले कई दिनों से 24 घंटों में मात्र 2 घंटे ही बिजली दी जा रही है. जिसकी वजह से घड़ाई कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इन्हें रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है.

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इसके अलावा विद्युत विभाग के अधिकारियों की ओर से अघोषित विद्युत कटौती के कारण घड़ाई कारखानों के ठेकेदार सहित मजदूरों में भारी रोष पनपने लगा है. मजदूरों ने बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही से बिजली कटौती की जा रही है.

लोगों का आरोप है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों को जब फोन पर इस समस्या के बारे में अवगत करवाते हैं तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं और अपनी मनमर्जी से ही बिजली कटौती कर रहे हैं. इस संबंध में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी खादी और ग्राम उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद अयूब सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मकराना अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया है.

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मोहम्मद अयूब सिसोदिया ने बताया कि विद्युत विभाग की हठमिर्धता के कारण अघोषित बिजली कटौती के कारण बड़े-बडे कारखाने के ठेकेदारों को लाखों रुपए का नुकसान भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 दिनों से मात्र 2 घंटे ही दिन में बिजली दी जा रही है. इस समस्या के समाधान को लेकर लगातार स्थानीय और उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई जा रही है. इसके बाद भी इस समस्या का आज तक दिन तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. सिसोदिया ने समस्या समाधान नहीं होने पर विभाग के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.

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