नागौर. केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल शुक्रवार को नागौर पहुंचे. जहां सर्किट हाउस में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से दो दलित युवकों से बर्बरता और अमानवीय व्यवहार के मामले को लेकर पूरी जानकारी ली. इसके साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से भी मंत्री ने फीडबैक लिया.
इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि दलित युवकों के साथ जो अत्याचार हुआ है, वो प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विफलता को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री की विफलता है. क्योंकि गृह विभाग अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास हैं.
साथ ही मेघवाल ने नागौर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उनका कहना है कि जो मामला दर्ज हो उसी पर कार्रवाई हो, यह मॉडर्न पुलिसिंग नहीं है. मॉडर्न पुलिसिंग यह है कि जो मामला थाने तक नहीं पहुंच पाया है. लेकिन घटना घटित हुई है और किसी भी माध्यम से उसकी जानकारी मिलती है तो उस पर भी पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की जो सूचना और मुखबिर तंत्र है उस पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं. अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में जो पीड़ित वर्ग है, उन पर अत्याचार बढ़े हैं. उन्होंने इस सरकार के कार्यकाल में महिलाओं और दलितों पर अत्याचारों के मामलों में बढ़ोतरी होने का भी आरोप लगाया है.
अब केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का पीड़ितों के गांव जाने का कार्यक्रम है. जहां वे पीड़ित युवकों और उनके परिजनों से मुलाकात करेंगे. उनके साथ भाजपा विधायक मदन दिलावर, नागौर विधायक मोहन राम चौधरी सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी जाएंगे. मंत्री मेघवाल ने यह भी कहा है कि वे सरकार से मांग करेंगे कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा और मुआवजा मुहैया करवाया जाए. मेघवाल ने कहा कि वर्ष 2019 की बात करें तो पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति अत्याचार के कुल 6700 मामले दर्ज किए गए थे. 2018 से 40% की बढ़ोतरी हुई.