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स्पेशल: नागौर में स्थित चबूतरा जहां से नेहरू ने की थी पंचायती राज व्यवस्था की घोषणा

आमजन को सत्ता में भागीदारी दिलाने और सरकार की योजनाओं का फायदा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए देश में पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई थी. इसकी घोषणा 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नागौर से की थी.

Panchayati Raj from Nagaur, panchayati raj system
नागौर से हुई थी पंचायती राज की घोषणा
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Published : Jan 13, 2020, 3:17 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 6:55 PM IST

नागौर. पंचायतीराज व्यवस्था के तहत सरपंच और वार्डपंच के चुनावों को लेकर इन दिनों प्रदेश भर में सरगर्मियां तेज हैं. दूर गांव-ढाणी में बैठे लोगों की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई थी. इसे देशभर में लागू करने की घोषणा 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने नागौर से ही की थी, जिस जगह से उन्होंने यह घोषणा की थी. वहां आज एक चबूतरा बना हुआ है, जो अभी पुलिस लाइन में स्थित है.

Panchayati Raj from Nagaur, panchayati raj system
नागौर पुलिस लाइन में स्थित है वो जगह

एक तरफ नागौर के लोगों को इस बात की खुशी और गर्व है कि गांव-ढाणी के लोगों को सत्ता में भागीदारी दिलाने वाली इस अहम व्यवस्था के आगाज का गवाह यह शहर रहा है. लोगों का मानना है कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद गांवों में विकास के काम भी हुए हैं, साथ ही इस बात की नाराजगी भी है कि आज 61 साल बाद भी इस स्थान को वो पहचान नहीं मिली है, जिसका यह वाकई में हकदार है.

पढ़ें- झालावाड़: कामखेड़ा पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड', ग्रामीणों ने लगाया विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप

लोगों का कहना है कि यहां पंचायतराज से संबंधित ऐसे स्मारक या स्थान का निर्माण होना चाहिए. जिससे इस व्यवस्था के बारे में लोगों को पूरी जानकारी मिले. आने वाली पीढ़ी इस बात पर गर्व कर सके कि यह शहर एक ऐसे पल का गवाह रहा है, जिसने देश भर में पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने की नींव रखी थी.

पढ़ें- राज्य निर्वाचन आयोग ने की 32 सामान्य पर्यवेक्षकों की सूची जारी, चुनावी प्रक्रिया पर रखेंगे पैनी नजर

वहीं नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि पिछले दिनों सरकार ने इस स्थान से संबंधित जानकारी मांगी थी. इससे संभावना जताई जा रही है कि इस जगह को पंचायतीराज व्यवस्था से जुड़े स्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस संबंध में एक कार्य योजना भी सरकार को भिजवाई गई है.

Panchayati Raj from Nagaur, panchayati raj system
यही है वो चबूतरा जहां से हुई थी पंचायती राज की घोषणा

बहरहाल, जिले के अधिकारियों से लेकर सत्ता में बैठे नेता तक सभी पंचायतीराज व्यवस्था के तहत सरपंचों के चुनाव में व्यस्त हैं. अब देखना यह है कि इस स्थान को धरोहर के रूप में देखने का नागौर की जनता का सपना कब साकार होता है.

नागौर. पंचायतीराज व्यवस्था के तहत सरपंच और वार्डपंच के चुनावों को लेकर इन दिनों प्रदेश भर में सरगर्मियां तेज हैं. दूर गांव-ढाणी में बैठे लोगों की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई थी. इसे देशभर में लागू करने की घोषणा 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने नागौर से ही की थी, जिस जगह से उन्होंने यह घोषणा की थी. वहां आज एक चबूतरा बना हुआ है, जो अभी पुलिस लाइन में स्थित है.

Panchayati Raj from Nagaur, panchayati raj system
नागौर पुलिस लाइन में स्थित है वो जगह

एक तरफ नागौर के लोगों को इस बात की खुशी और गर्व है कि गांव-ढाणी के लोगों को सत्ता में भागीदारी दिलाने वाली इस अहम व्यवस्था के आगाज का गवाह यह शहर रहा है. लोगों का मानना है कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद गांवों में विकास के काम भी हुए हैं, साथ ही इस बात की नाराजगी भी है कि आज 61 साल बाद भी इस स्थान को वो पहचान नहीं मिली है, जिसका यह वाकई में हकदार है.

पढ़ें- झालावाड़: कामखेड़ा पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड', ग्रामीणों ने लगाया विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप

लोगों का कहना है कि यहां पंचायतराज से संबंधित ऐसे स्मारक या स्थान का निर्माण होना चाहिए. जिससे इस व्यवस्था के बारे में लोगों को पूरी जानकारी मिले. आने वाली पीढ़ी इस बात पर गर्व कर सके कि यह शहर एक ऐसे पल का गवाह रहा है, जिसने देश भर में पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने की नींव रखी थी.

पढ़ें- राज्य निर्वाचन आयोग ने की 32 सामान्य पर्यवेक्षकों की सूची जारी, चुनावी प्रक्रिया पर रखेंगे पैनी नजर

वहीं नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि पिछले दिनों सरकार ने इस स्थान से संबंधित जानकारी मांगी थी. इससे संभावना जताई जा रही है कि इस जगह को पंचायतीराज व्यवस्था से जुड़े स्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस संबंध में एक कार्य योजना भी सरकार को भिजवाई गई है.

Panchayati Raj from Nagaur, panchayati raj system
यही है वो चबूतरा जहां से हुई थी पंचायती राज की घोषणा

बहरहाल, जिले के अधिकारियों से लेकर सत्ता में बैठे नेता तक सभी पंचायतीराज व्यवस्था के तहत सरपंचों के चुनाव में व्यस्त हैं. अब देखना यह है कि इस स्थान को धरोहर के रूप में देखने का नागौर की जनता का सपना कब साकार होता है.

Intro:आमजन को सत्ता में भागीदारी दिलाने और सरकार की योजनाओं का फायदा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए देश में पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई थी। इसकी घोषणा 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नागौर से की थी।


Body:नागौर. पंचायतीराज व्यवस्था के तहत सरपंच और वार्डपंच के चुनावों को लेकर इन दिनों प्रदेशभर में सरगर्मियां तेज हैं। दूर गांव-ढाणी में बैठे लोगों की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई थी। इसे देशभर में लागू करने की घोषणा 2 अक्टूबर 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने नागौर से ही की थी। जिस जगह से उन्होंने यह घोषणा की थी, वहां आज एक चबूतरा बना हुआ है। जो अभी पुलिस लाइन में स्थित है।
एक तरफ नागौर के लोगों को इस बात की खुशी और गर्व है कि गांव-ढाणी के लोगों को सत्ता में भागीदारी दिलाने वाली इस अहम व्यवस्था के आगाज का गवाह यह शहर रहा है। लोगों का मानना है कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद गांवों में विकास के काम भी हुए हैं। साथ ही इस बात की नाराजगी भी है कि आज 61 साल बाद भी इस स्थान को वो पहचान नहीं मिली है। जिसका यह वाकई में हकदार है। लोगों का कहना है कि यहां पंचायतराज से संबंधित ऐसे स्मारक या स्थान का निर्माण होना चाहिए। जिससे इस व्यवस्था के बारे में लोगों को पूरी जानकारी मिले और आने वाली पीढ़ी इस बात पर गर्व कर सके कि यह शहर एक ऐसे पल का गवाह रहा है। जिसने देशभर में पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने की नींव रखी थी।


Conclusion:नागौर कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि पिछले दिनों सरकार ने इस स्थान से संबंधित जानकारी मांगी थी। इससे संभावना जताई जा रही है कि इस जगह को पंचायतीराज व्यवस्था से जुड़े स्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है। उनका कहना है कि इस संबंध में एक कार्य योजना भी सरकार को भिजवाई गई है। बहरहाल, जिले के अधिकारियों से लेकर सत्ता में बैठे नेता तक सभी पंचायतीराज व्यवस्था के तहत सरपंचों के चुनाव में व्यस्त हैं। अब देखना यह है कि इस स्थान को धरोहर के रूप में देखने का नागौर की जनता का सपना कब साकार होता है।
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बाईट 01- दिनेश कुमार यादव, कलेक्टर, नागौर।
बाईट 02- महेंद्र मेघवाल, निवासी चेनार।
बाईट 03- बीरबल कमेडिया, निवासी कमेडिया गांव।
बाईट 04- दिनेश कुमार यादव, कलेक्टर, नागौर।
Last Updated : Jan 13, 2020, 6:55 PM IST
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