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22 सालों बाद फिर एक-दूसरे के हुए पति-पत्नी, अदालत में ही माला पहनाकर की शादी

राजस्थान के मकराना में आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में एक अनोखा मामला सामने आया है. 22 सालों से अलग रह रहे पति-पत्नी ने कोर्ट के समझाने के बाद फिर से एक साथ रहने का फैसला कर लिया और कोर्ट में ही एक-दूसरे को माला पहनाकर फिर से शादी की.

22 सालों बाद फिर एक-दूसरे के हुए पति-पत्नी
22 सालों बाद फिर एक-दूसरे के हुए पति-पत्नी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 10, 2023, 12:36 PM IST

मकराना (नागौैर). कभी-कभी एक छोटा सा घरेलू विवाद, पति-पत्नी में बड़े विवाद का कारण बन जाता है. ऐसा ही एक मामला मकराना में आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत के सामने आया. एडवोकेट राजूराम चौधरी ने बताया कि बोरावड़ के जाटावास निवासी जगदीश प्रसाद का उनकी पत्नी माया देवी के साथ घरेलू विवाद चल रहा था. पति-पत्नी दोनों पिछले 22 सालों से अलग रह रहे थे. दोनों का एक पुत्र भी है. दोनों के परिवार ने उनसे काफी समझाइश करने की कोशिश की, लेकिन दोनों नहीं माने. आखिरकार लोक अदालत के समझाने के बाद 22 वर्षों से अलग रह रहे दंपती फिर से साथ रहने के लिए तैयार हो गए. दोनों ने कोर्ट में ही जज के सामने एक दूसरे माला पहनाकर विवाह किया.

2005 में कोर्ट ने कर दी थी तलाक की डिग्री: दोनों में विवाद के चलते वर्ष 2005 में कोर्ट ने दोनों के तलाक की डिग्री भी कर दी थी. उनका पुत्र आईआईटी जम्मू में सिविल की तैयारी कर रहा है. शनिवार को मकराना न्यायालय में लगी चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों को समझाया गया. दोनों ने अपने पुत्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फिर से साथ जीवन जीने का फैसला कर लिया. दोनों के लिए कोर्ट परिसर में ही माला मंगवाई गई और दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर राजीनामे पर दस्तखत किए.

इसे भी पढ़ें-गिले शिकवे दूर कर 5 साल बाद फिर पति-पत्नी ने बसाया घर, कोर्ट में हुई वरमाला

कई मामलों का हुआ निस्तारण: ताल्लुका मुख्यालय पर गठित दो बैचों के समक्ष प्रीलिटीगेशन प्रकरणों सहित न्यायालय में लंबित कुल 1711 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 285 प्रकरणों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए किया गया. दोनों बैंचों द्वारा न्यायालय में लंबित कुल 595 प्रकरणों में से 167 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामा के माध्यम से किया गया. लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर 22 लाख 53 हजार 936 रुपये की रिकवरी की गई. दुर्घटना क्लेम के 13 मामलों का निस्तारण कर 71 लाख 80 हजार रुपयों का अवार्ड पारित किया गया.

मकराना (नागौैर). कभी-कभी एक छोटा सा घरेलू विवाद, पति-पत्नी में बड़े विवाद का कारण बन जाता है. ऐसा ही एक मामला मकराना में आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत के सामने आया. एडवोकेट राजूराम चौधरी ने बताया कि बोरावड़ के जाटावास निवासी जगदीश प्रसाद का उनकी पत्नी माया देवी के साथ घरेलू विवाद चल रहा था. पति-पत्नी दोनों पिछले 22 सालों से अलग रह रहे थे. दोनों का एक पुत्र भी है. दोनों के परिवार ने उनसे काफी समझाइश करने की कोशिश की, लेकिन दोनों नहीं माने. आखिरकार लोक अदालत के समझाने के बाद 22 वर्षों से अलग रह रहे दंपती फिर से साथ रहने के लिए तैयार हो गए. दोनों ने कोर्ट में ही जज के सामने एक दूसरे माला पहनाकर विवाह किया.

2005 में कोर्ट ने कर दी थी तलाक की डिग्री: दोनों में विवाद के चलते वर्ष 2005 में कोर्ट ने दोनों के तलाक की डिग्री भी कर दी थी. उनका पुत्र आईआईटी जम्मू में सिविल की तैयारी कर रहा है. शनिवार को मकराना न्यायालय में लगी चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों को समझाया गया. दोनों ने अपने पुत्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फिर से साथ जीवन जीने का फैसला कर लिया. दोनों के लिए कोर्ट परिसर में ही माला मंगवाई गई और दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर राजीनामे पर दस्तखत किए.

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कई मामलों का हुआ निस्तारण: ताल्लुका मुख्यालय पर गठित दो बैचों के समक्ष प्रीलिटीगेशन प्रकरणों सहित न्यायालय में लंबित कुल 1711 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 285 प्रकरणों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए किया गया. दोनों बैंचों द्वारा न्यायालय में लंबित कुल 595 प्रकरणों में से 167 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामा के माध्यम से किया गया. लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर 22 लाख 53 हजार 936 रुपये की रिकवरी की गई. दुर्घटना क्लेम के 13 मामलों का निस्तारण कर 71 लाख 80 हजार रुपयों का अवार्ड पारित किया गया.

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