नागौर. कुछ दिन जिले की सीमा से दूर रहने के बाद एक बार फिर टिड्डी दल ने नागौर का रुख किया है. जिले के कई ग्रामीण इलाकों में टिड्डी दल का आतंक एक बार फिर नजर आ रहा है. जिसके चलते बचाव और टिड्डी दल को नष्ट करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच डीडवाना एडीएम प्रभातीलाल जाट ने मंगलवार को राजस्व अधिकारियों, कृषि विभाग और टिड्डी नियंत्रण मंडल के अधिकारियों की बैठक लेकर बचाव कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए.
प्रभातीलाल जाट ने बताया कि इस बार टिड्डियों का पहले के हमलों की तुलना में काफी बड़ा है. ऐसे हमले निरंतर होने की भी आशंका है. उन्होंने बताया कि कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी इस बार टिड्डी दलों के लगातार हमले की चेतावनी जारी की है. ऐसे में हम सतर्क और सजग रहकर ही इस मुसीबत से निपट सकते हैं.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संबंध में किसानों और आमजन को भी ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की दरकार है. बिना किसानों और ग्रामीणों की मदद से इस मुसीबत से पार पाना संभव नहीं है, इसलिए गांवों में किसानों को जागरूक करने की दिशा में जल्द ठोस कदम उठाए जाने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टिड्डियों के हमले से निपटने के लिए हमारे पास जो संसाधन हैं, उनका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए और किसानों व ग्रामीणों से भी मदद ली जाए.
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गौरतलब है कि नागौर जिले में 8 मई को सबसे पहले खींवसर इलाके के सीमावर्ती गांवों में टिड्डियों का हमला हुआ था. इसके बाद जिले के कई गांवों में टिड्डियों के हमले हुए. फसलों के अलावा पेड़-पौधों को भी टिड्डियों ने खासा नुकसान पहुंचाया है. अब टिड्डी दल के वापसी ने एक बार फिर किसानों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की चिंता भी बढ़ा दी है.