नागौर. जिले के डीडवाना इलाके के एक छोटे से गांव प्यावा के रहने वाले सुनील ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसे देख हर कोई हैरान और आश्चर्यचकित है. नौवीं क्लास में पढ़ने वाले सुनील ने अपने खेत में भारतीय रेल का एक पूरा मॉडल तैयार किया है. जिसमें सौर ऊर्जा के सहारे इंजन रेल पटरियों पर दौड़ता हैं. सुनील बताता है कि वह डीडवाना स्कूल जाते समय रास्ते से गुजरने वाली पटरी पर दौड़ती ट्रेन को देखता तो उसके मन में भी जिज्ञासा जगी. उसने बारीकी से सब चीजों को नोट किया और फिर अपने खेत में ही लोहे के सरियों से पटरियां बिछा दी.
इसके नीचे बाजरे के डंठल से स्लीपर बनाए. सुनील ने जो मॉडल बनाया है, उसमें रेलवे क्रॉसिंग है और शंटिंग की व्यवस्था भी है. उसने इंजन के पहिए बोतल के ढक्कन से बनाए और उस पर तांबे के तार लपेटे. इन तारों को इंजन में लगी एक मोटर से जोड़ दिया गया. इंजन के इस मॉडल को पटरियों पर रखते हैं.
सौर ऊर्जा से चलने वाली बैटरी का एक तार पटरी से और दूसरा तार ऊपर से गुजर रहे लोहे की लाइन से संपर्क में लाया जाता है तो पूरे सिस्टम में करंट प्रवाहित होता है. पटरियों पर रखे इंजन के पहियों में लगे तांबे के तारों से होते हुए यह करंट मोटर तक पहुंचता है और इंजन पटरियों पर दौड़ने लगता है.
इस पूरे मॉडल को बनाने में सुनील ने अधिकांश आइटम घर में पड़े पुराने सामान से बनाए हैं. उसके पिता रतनाराम बताते हैं कि मोटर और कुछ अन्य जरूरी सामान उन्होंने उसे बाजार से खरीद कर लाकर दिया. रतनाराम खेती और मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं. वह चाहते हैं कि सुनील रेलवे में बड़ा अधिकारी बनकर नाम रोशन करे. सुनील भी चाहता है कि वह बड़ा होकर लोको पायलट बने.