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लॉकडाउन के चलते इटावा से फिर मजदूरों के पलायन शुरू

लॉकडाउन के चलते इटावा से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. बड़ी तादाद में मजदूर सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं.

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लॉकडाउन के चलते इटावा से फिर मजदूरों के पलायन शुरू
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Published : Apr 20, 2021, 5:04 PM IST

इटावा (कोटा). उपखंड क्षेत्र से मजदूरों का बड़ी संख्या में अपने गंतव्य के लिए पलायन शुरू हो गया है और मजदूरों के इस पलायन होने के साथ ही गत वर्ष की तस्वीरें सामने आने लगी है. गत वर्ष भी पलायन के चलते हालात बिगड़ गए थे. अब इटावा कृषि उपज मंडी में कार्य करने वाले हम्माल बड़ी संख्या में अपने गांव बिहार के लिए आज रवाना हो गए. प्रदेश में लगे जन अनुशासन पखवाड़े के चलते रोजी-रोटी का संकट गहराता देख मजदूर वर्ग अपने घरों के लिए रवाना होने लगे हैं.

इस बीच सड़कों पर फिर गत वर्ष की तरह की पलायन की तस्वीरें नजर आने लगी हैं. वहीं इटावा कृषि मंडी में कार्य करने वाले हम्माल बड़ी संख्या में अपने प्रदेश बिहार के लिए निकल गए हैं. इनका कहना है कि प्रदेश में पता क्या कब तक ऐसे हालात रहे, इसलिए अपने घर पहुंचना उचित है. हम्मालों के इस पलायन की तस्वीर सड़क पर नजर आई, तो गत वर्ष के मजदूरों के पलायन के हालात सामने आने लगे.

यह भी पढ़ें- फोन टैपिंग प्रकरण में एसीबी ने जोधपुर कलेक्टर को लिखा पत्र, गजेंद्र सिंह शेखावत का मांगा वॉइस सैंपल

ऐसे में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ऐसे मजदूर वर्ग का पलायन रोकने को लेकर कोई कदम उठाए, तो शायद ऐसे पलायन को रोका जा सकता है, अन्यथा आने वाले समय मे पलायन की भयंकर तस्वीरें भी सड़कों पर नजर आ सकती है. वहीं स्थानीय सामाजिक संगठनों को भी ऐसे मजदूर वर्ग की मदद को आगे आना चाहिए और प्रदेश में बढ़ते पलायन के हालातों पर रोक लगाने के लिए ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए.

इटावा (कोटा). उपखंड क्षेत्र से मजदूरों का बड़ी संख्या में अपने गंतव्य के लिए पलायन शुरू हो गया है और मजदूरों के इस पलायन होने के साथ ही गत वर्ष की तस्वीरें सामने आने लगी है. गत वर्ष भी पलायन के चलते हालात बिगड़ गए थे. अब इटावा कृषि उपज मंडी में कार्य करने वाले हम्माल बड़ी संख्या में अपने गांव बिहार के लिए आज रवाना हो गए. प्रदेश में लगे जन अनुशासन पखवाड़े के चलते रोजी-रोटी का संकट गहराता देख मजदूर वर्ग अपने घरों के लिए रवाना होने लगे हैं.

इस बीच सड़कों पर फिर गत वर्ष की तरह की पलायन की तस्वीरें नजर आने लगी हैं. वहीं इटावा कृषि मंडी में कार्य करने वाले हम्माल बड़ी संख्या में अपने प्रदेश बिहार के लिए निकल गए हैं. इनका कहना है कि प्रदेश में पता क्या कब तक ऐसे हालात रहे, इसलिए अपने घर पहुंचना उचित है. हम्मालों के इस पलायन की तस्वीर सड़क पर नजर आई, तो गत वर्ष के मजदूरों के पलायन के हालात सामने आने लगे.

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ऐसे में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ऐसे मजदूर वर्ग का पलायन रोकने को लेकर कोई कदम उठाए, तो शायद ऐसे पलायन को रोका जा सकता है, अन्यथा आने वाले समय मे पलायन की भयंकर तस्वीरें भी सड़कों पर नजर आ सकती है. वहीं स्थानीय सामाजिक संगठनों को भी ऐसे मजदूर वर्ग की मदद को आगे आना चाहिए और प्रदेश में बढ़ते पलायन के हालातों पर रोक लगाने के लिए ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए.

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