कोटा. शहर के रानपुर थाना क्षेत्र स्थित देवनारायण पशुपालक आवासीय योजना के नजदीक बंद पड़ी खदान में दो किशोरों के डूबने से मौत हो गई. ये किशोर दोपहर एक बजे से ही घर से निकले थे. रानपुर थाने के एएसआई नारायण लाल ने बताया कि मृतक बच्चों की शिनाख्त 15 वर्षीय हंसराज और 14 वर्षीय शैतान गुर्जर के रूप में हुई है. दोनों ही बच्चे पड़ोसी थे.
हालांकि, परिजनों को उनकी कोई खबर नहीं थी. करीब 4:30 बजे के आसपास एक टैंकर चालक वहां से गुजरा था. जिसने बच्चों के कपड़े और चप्पल देखे थे. उसके बाद उसे बच्चों के डूबने का शक हुआ. इस पर टैंकर चालक ने देवनारायण आवासीय योजना में लोगों को इसके बारे में बताया. शाम को करीब 5:30 बजे के आसपास कुछ लोग वहां तलाश करने गए. परिजनों ने बच्चों के कपड़े पहचान लिए. उसके बाद उनके डूबने की आशंका जताई गई. मृतक बच्चों में 15 वर्षीय हंसराज के दसवीं बोर्ड के पेपर हाल ही में समाप्त हुए थे. दोनों के परिजन देवनारायण पशुपालक आवासीय योजना में ही रहते हैं. साथी पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं.
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20 मिनट में निकले शव - पुलिस को शाम 6:30 बजे इसकी सूचना मिली. जिसके तुरंत बाद गोताखोरों की टीम को बुलाया गया और रात करीब पौने 8 बजे गोताखोर वहां पहुंचे. उन्होंने पूरी तैयारी के बाद 8:15 बजे के करीब स्कूबा डाइविंग शुरू की. जिसके करीब 20 मिनट में दोनों बच्चों के शवों को बाहर निकाल लिया गया. इसके बाद दोनों शवों को मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में रखवाया गया है, जहां पोस्टमार्टम सहित अन्य प्रक्रिया शनिवार को होगी. हालांकि, ये बच्चे कैसे डूबे इस संबंध में कोई खुलासा नहीं हो पाया, क्योंकि हादसे के दौरान वहां कोई भी शख्स मौजूद नहीं था. सीनियर गोताखोर विष्णु श्रृंगी का कहना है कि यह काफी रिस्की काम था. गोताखोरों ने अंधेरे में ही बच्चों के शव गहरी खदान से बाहर निकाला.