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मुकुंदरा के नए टाइगर एमटी-5 को खुले जंगल में छोड़ा, बाघिन से 8 किलोमीटर दूर

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के नए राजा को एमटी-5 नाम दिया गया है. टाइगर एमटी-5 को सोमवार सुबह सॉफ्ट एंक्लोजर से हार्ड रिलीज किया गया है. वहीं टाइग्रेस एमटी-4 भी बाघ एमटी-5 से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर है. दोनों की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है.

रणथम्भोर टाइगर रिजर्व
रणथम्भोर टाइगर रिजर्व
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Published : Nov 21, 2022, 7:57 PM IST

कोटा. रणथंभौर टाइगर रिजर्व से पिछले महीने टाइगर आरटी-110 को कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में री-ट्रांसलोकेट किया था. इसके बाद उसे सॉफ्ट एंक्लोजर में ही रखा गया था. इस टाइगर को नया नाम एमटी-5 दिया गया है. 21 दिन होने के बाद उसे सोमवार सुबह हार्ड रिलीज किया गया. बाघ की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. एमटी-5, टाइग्रेस एमटी-4 से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि एक-दो दिन में दोनों नजदीक आ सकते हैं.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के चीफ वार्डन और फील्ड डायरेक्टर शारदा प्रताप सिंह का कहना है कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर ही आज एमटी-5 को सुबह 5:45 पर हार्ड रिलीज के लिए दरवाजा खोल दिया गया था. लेकिन वह करीब 1 घंटे बाद 6:42 पर सॉफ्ट एनक्लोजर से बाहर निकला. कुछ दूरी पर चलने के बाद से वह बैठा हुआ है. टाइग्रेस एमटी-4 वर्तमान में चांद बावड़ी से गिरधरपुरा के नजदीक कंजार के पठार पर है. दोनों पर 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. दोनों के गले में रेडियो कॉलर भी हैं और उनकी फ्रीक्वेंसी लगातार ली जा रही है. एमएचटीआर रिजर्व के बारे में एक्सपर्ट का मानना है कि टाइगर कोलीपुरा बोराबास की सड़क को क्रॉस कर देगा, तो जल्द ही दोनों को मिल सकते हैं.

मुकुंदरा के नए टाइगर एमटी-5 को खुले जंगल में छोड़ा

पढ़ें. Special : दो साल बाद मुकुंदरा होगा आबाद, रणथंभौर से शिफ्ट किया जाएगा टाइगर...

गंध से पहचान नजदीक आएंगे : वन्यजीव एक्सपर्ट का मानना है कि टाइगर और टाइग्रेस दोनों अपने टेरिटरी बनाने के लिए गंध कुछ-कुछ किलोमीटर पर छोड़ते हैं. इनमें मल-मूत्र भी शामिल होती हैं. इसी से इनकी टेरिटरी तय होती है. एक टाइगर टाइग्रेस को भी इसी गंध से खोजता है, टाइग्रेस भी ऐसा ही करती है. मुकुंदरा में मौजूद एमटी-5 और टाइग्रेस एमटी-4 के बीच ज्यादा दूरी भी नहीं है. इस गंध से पहचान कर, दूरी को कुछ ही घंटों में बाघ तय कर लेते हैं. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि यह गंध से पहचान कर एक-दो दिन में ही नजदीक आ सकते हैं.

कोटा. रणथंभौर टाइगर रिजर्व से पिछले महीने टाइगर आरटी-110 को कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में री-ट्रांसलोकेट किया था. इसके बाद उसे सॉफ्ट एंक्लोजर में ही रखा गया था. इस टाइगर को नया नाम एमटी-5 दिया गया है. 21 दिन होने के बाद उसे सोमवार सुबह हार्ड रिलीज किया गया. बाघ की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. एमटी-5, टाइग्रेस एमटी-4 से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि एक-दो दिन में दोनों नजदीक आ सकते हैं.

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के चीफ वार्डन और फील्ड डायरेक्टर शारदा प्रताप सिंह का कहना है कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर ही आज एमटी-5 को सुबह 5:45 पर हार्ड रिलीज के लिए दरवाजा खोल दिया गया था. लेकिन वह करीब 1 घंटे बाद 6:42 पर सॉफ्ट एनक्लोजर से बाहर निकला. कुछ दूरी पर चलने के बाद से वह बैठा हुआ है. टाइग्रेस एमटी-4 वर्तमान में चांद बावड़ी से गिरधरपुरा के नजदीक कंजार के पठार पर है. दोनों पर 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. दोनों के गले में रेडियो कॉलर भी हैं और उनकी फ्रीक्वेंसी लगातार ली जा रही है. एमएचटीआर रिजर्व के बारे में एक्सपर्ट का मानना है कि टाइगर कोलीपुरा बोराबास की सड़क को क्रॉस कर देगा, तो जल्द ही दोनों को मिल सकते हैं.

मुकुंदरा के नए टाइगर एमटी-5 को खुले जंगल में छोड़ा

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गंध से पहचान नजदीक आएंगे : वन्यजीव एक्सपर्ट का मानना है कि टाइगर और टाइग्रेस दोनों अपने टेरिटरी बनाने के लिए गंध कुछ-कुछ किलोमीटर पर छोड़ते हैं. इनमें मल-मूत्र भी शामिल होती हैं. इसी से इनकी टेरिटरी तय होती है. एक टाइगर टाइग्रेस को भी इसी गंध से खोजता है, टाइग्रेस भी ऐसा ही करती है. मुकुंदरा में मौजूद एमटी-5 और टाइग्रेस एमटी-4 के बीच ज्यादा दूरी भी नहीं है. इस गंध से पहचान कर, दूरी को कुछ ही घंटों में बाघ तय कर लेते हैं. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि यह गंध से पहचान कर एक-दो दिन में ही नजदीक आ सकते हैं.

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