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कोटा: पं. नेहरू की जयंती पर महावीर ओपेन विश्वविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

कोटा मे पं. जवाहर लाल नेहरू की जयंती के अवसर पर वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ. इस संगोष्ठी का विषय आधुनिक भारत में पंडित नेहरू का योगदान था, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपना भाषण दिया.

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Published : Nov 14, 2019, 7:11 PM IST

कोटा. जिले में गुरुवार को वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के गांधी भवन में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जंयती मनाया गया. साथ ही इस दौरान राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी भी आयोजित हुई. इसमें देशभर के पंडित नेहरू को जानने वाले विशेषज्ञ पहुंचे. संगोष्ठी का विषय आधुनिक भारत में पंडित नेहरू का योगदान था.

इस दौरान संगोष्ठी में वेवसाई गोविंदराम मित्तल, बीकानेर विश्वविद्यालये के पूर्व कुलपति प्रो. गंगाराम जाखड़, खुला विश्विद्यालय के कुलपति प्रो.आर.एल. गोधारा और गुजरात पाटन यूनिवर्सिटी के विजिटर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.

कोटा में पं. नेहरू की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन

संगोष्ठी में पंडित नेहरू पर कई वक्ताओं ने विस्तार से उनके बारे में जानकारी दी. दिल्ली से आए प्रो.एन के गोयल ने बताया कि पंडित नेहरू का देश के अंदर 17 सालों का योगदान रहा, जिसमें इंडस्ट्रीज़, शिक्षा और समाज के प्रति विशेष योगदान रहा.

यह भी पढ़ें- देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती आज, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

वहीं बीकानेर यूनिवर्सिटी से आए पूर्व कुलपति प्रो. गंगाराम जाखड़ ने संगोष्ठी में नेहरू पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच थी, भारत क्या है और भारत क्या होना चाहिए. वह सोच पहले से विकसित हो चुकी थी और इसी के कारण, जब हिन्दुस्तान आजाद होता है, तब वह मॉर्डन इंडिया की कल्पना कर लेते है. इसके लिए उन्होंने पहले ही प्लानिंग की थी.

कोटा. जिले में गुरुवार को वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के गांधी भवन में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जंयती मनाया गया. साथ ही इस दौरान राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी भी आयोजित हुई. इसमें देशभर के पंडित नेहरू को जानने वाले विशेषज्ञ पहुंचे. संगोष्ठी का विषय आधुनिक भारत में पंडित नेहरू का योगदान था.

इस दौरान संगोष्ठी में वेवसाई गोविंदराम मित्तल, बीकानेर विश्वविद्यालये के पूर्व कुलपति प्रो. गंगाराम जाखड़, खुला विश्विद्यालय के कुलपति प्रो.आर.एल. गोधारा और गुजरात पाटन यूनिवर्सिटी के विजिटर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.

कोटा में पं. नेहरू की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन

संगोष्ठी में पंडित नेहरू पर कई वक्ताओं ने विस्तार से उनके बारे में जानकारी दी. दिल्ली से आए प्रो.एन के गोयल ने बताया कि पंडित नेहरू का देश के अंदर 17 सालों का योगदान रहा, जिसमें इंडस्ट्रीज़, शिक्षा और समाज के प्रति विशेष योगदान रहा.

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वहीं बीकानेर यूनिवर्सिटी से आए पूर्व कुलपति प्रो. गंगाराम जाखड़ ने संगोष्ठी में नेहरू पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच थी, भारत क्या है और भारत क्या होना चाहिए. वह सोच पहले से विकसित हो चुकी थी और इसी के कारण, जब हिन्दुस्तान आजाद होता है, तब वह मॉर्डन इंडिया की कल्पना कर लेते है. इसके लिए उन्होंने पहले ही प्लानिंग की थी.

Intro:प.जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर कोटा वर्धमान महावीर खुला विश्वविधालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें वेवसाई गोविंदराम मित्तल, बीकानेर विश्वविद्यालये के पूर्व कुलपति प्रो.गंगाराम जाखड़, खुला विश्विद्यालय के कुलपति प्रो.आर.एल. गोधारा ओर गुजरात पाटन युविवर्सिटी के विजिटर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

Body:कोटा में आज वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के गांधी भवन में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिवस मनाया गया, जहां राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें देशभर के पंडित नेहरू के जानकार पहुंचे। संगोष्ठी का विषय आधुनिक भारत में पंडित नेहरू का योगदान था, पंडित नेहरू पर कई वक्ताओं ने विस्तार से उनके बारे में जानकारी दी। दिल्ली से आये प्रो.एन के गोयल ने बताया कि पंडित नेहरू का देश के अंदर 17 सालों का योगदान रहा जिसमें इंडस्ट्रीज़, शिक्षा और समाज के प्रति विशेष योगदान रहा। बीकानेर यूनिवर्सिटी से आये कुलपति ने संगोष्ठी में नेहरू पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो पंडित जवाहरलाल नेहरू की सोच थी भारत क्या है और भारत क्या होना चाहिए।वह सोच पहले से डेवलोप हो चुकी थी।ओर इसी के कारण से जब हिन्दुस्थान आजाद होता है ,तब वह मॉर्डन इंडिया की कल्पना कर लेते है।इसके लिए उन्होंने पहले प्लानिग की थी।

Conclusion:पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर ओपन यूनिवर्सिटी में संगोष्ठी में कई वक्ताओं ने नेहरू पर अपने अपने विचार रखे।
बाईट-प्रो. एनके गोयल, दिल्ली 
बाईट-गंगाराम जाखड़, पूर्व कुलपति, महाराजा
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