कोटा. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कोटा के दौरे (Satish Poonia on Kota tour) पर है. यहां पर उन्होंने डीसीएम गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत की. इस दौरान वसुंधरा राजे सिंधिया के निकाय चुनाव से लेकर पंचायत और विधानसभा चुनाव में भी नदारद रहने के सवाल पर सतीश पूनिया (Satish Poonia on Vasundhara Raje) ने साफ कर दिया कि वह इस सवाल का जवाब नहीं देंगे.
इसके साथ ही उन्होंने सरकार के 3 साल पूरे होने पर 14000 करोड़ रुपए की सौगात के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार पर हमला (Poonia commented on Gehlot Government ) किया. साथ ही उन्होंने राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन को भी रिश्तेदार पब्लिक सर्विस कमीशन करार दे दिया.
वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व के बारे में सवाल पूछने पर सतीश पूनिया ने कहा कि यह सवाल पुराना हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसका जवाब कई बार दे चुके हैं. साथ ही ये क्रिस्टल क्लियर है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व या संसदीय बोर्ड जिसके बारे में तय करेगा. वह हमारा नेता होगा. इसके बाद जब मीडिया ने उनसे पूछ लिया कि नेता पुराने हो गए हैं या सवाल, तब उन्होंने कहा कि मैंने सवाल के बारे में कहा है. कोई नेता नया और पुराना नहीं हुआ है. पार्टी के वरिष्ठ नेता भी कह चुके हैं कि चेहरा संसदीय बोर्ड तय करेगा.
कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी में अंतर
मीडिया ने सतीश पूनिया से पूछा कि राहुल गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडानी और अंबानी को फायदा पहुंचाने की बात कहते हैं, लेकिन राजस्थान सरकार ने ही 16000 एकड़ जमीन अडानी को देने की तैयारी की है. इसके जवाब में पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी में काफी अंतर है. राहुल गांधी की उम्र बढ़ गई है, लेकिन राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हुए. लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं.
राहुल गांधी के बयानों में विरोधाभास
पूनिया ने कहा कि देश में आर्थिक नीतियों के चलते ही देश के व्यापार में इतना विस्तार हुआ है. एक तरफ तो इन संस्थाओं को राहुल गांधी बदनाम करके राजनीतिक फायदा हासिल करने की कोशिश करते हैं, दूसरी तरफ राजस्थान सरकार ने ही सोलर के क्षेत्र में अडानी को आगे किया. यहां पर राहुल गांधी की कथनी और करनी में अंतर है. वे पार्टी की गतिविधियों और खुद की सरकारों की गतिविधियों से अपडेट नहीं होते हैं और इस गलती से उनके बयानों में विरोधाभास आ जाता है. वे जब मर्जी होती है जनेऊ या फिर टोपी पहन लेते हैं. अब जो बयान दिया है उसका कोई सिर-पैर नहीं है.
सतीश पूनिया ने उपचुनाव में पार्टी के तीसरे और चौथे नंबर पर रहने के सवाल पर कहा कि राजनीति में हार और जीत चलती है. कभी बीजेपी और तो कभी कांग्रेस चुनाव हारती है. दोनों चुनाव में नीतिगत रूप से और हमारे आकलन में कहीं न कहीं कमी रही है, इस कमी को सुधार करेंगे.
उपचुनाव हार पर मंथन
भाजपा के लिए उपचुनाव की हार कांग्रेस के लिए खुशी की बात नहीं है, इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राहुल गांधी को मैन्डेट नहीं मिला है. पार्टी की विचारधारा के अनुसार तीन जने चुनाव लड़ रहे थे, इसी के चलते वोटों का विभाजन हुआ है. जिसका फायदा कांग्रेस पार्टी को मिला है. यह फायदा भी उन्हें पारिस्थितक व तात्कालिक मुद्दों के आधार मिला है. हमसे सियासी समीकरण के आधार पर आंकलन में त्रुटि हुई है और इससे सबक व सीख लेंगे.