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कोटा: रामगंजमंडी के एडीजे कोर्ट परिसर में सेनेटाइजेशन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही पेशी - कोर्ट परिसर में सेनेटाइजेशन

कोटा के पालिका क्षेत्र के सभी सरकारी कार्यलयों को सेनेटाइज करवाया जा रहा है. रामगंजमंडी के एडीजे कोर्ट परिसर में सेनेटाइजेशन किया गया. कैदियों को कोर्ट में बुलाने की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करवाई जा रही है.

Kota News, कोर्ट परिसर में सेनेटाइजेशन
रामगंजमंडी के एडीजे कोर्ट परिसर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही पेशी
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Published : Mar 18, 2020, 4:10 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). कोरोना वायरस की वजह से पूरे विश्व में सात हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. महामारी बन चुकी इस बीमारी से भारत भी अछूता नहीं है. ऐसे में अब न्यायालय में भी केवल जरूरी मामलों की सुनवाई के आदेश दिए गए हैं. मुख्य न्यायाधीश के अनुसार वकीलों, पक्षकारों और गवाहों को पेश होने के लिए पाबंद नहीं किया जाए. ये व्यवस्था आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेगी.

रामगंजमंडी के एडीजे कोर्ट परिसर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही पेशी

वहीं, रामगंजमंडी के एडीजे कोर्ट द्वारा जेल प्रशासन को नोटिफिकेशन जारी कर कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा करवाई जाएगी. वहीं, इस संक्रमित बीमारी के बचाव के लिए नगर पालिका प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर हैं. पालिका क्षेत्र के सभी सरकारी कार्यलयों को सेनेटाइज करवाया जा रहा है. अदालत परीसर को पूर्ण रूप से सेनेटाइज किया गया. साथ ही सभी से अपील भी की जा रही है कि इस बीमारी का इलाज सिर्फ बचाव है.

पढ़ें: कोरोना इफेक्ट: 46 साल में पहली बार विजिटर्स के लिए बंद हुआ मेहरानगढ़ म्यूजियम

इस दौरान ग्राम न्यायालय न्यायाधीश दिनेश कुमार, उपखण्ड अधिकारी चिमनलाल मीणा, पालिका ईओ पंकज मंगल ने माइक से अनाउंसमेंट करके सभी से अपील की है कि कोराना वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को साबुन से धोकर सेनेटाइज करें और मुंह पर मास्क लगाकर रखें. लोगों से करीबन 1 मीटर की दूरी बनाए रखें.

ग्राम न्यायालय न्यायाधीश दिनेश कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय का सर्कुलर के मुताबिक कोर्ट कैंपस में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है. पूरे कैंपस को सेनेटाइज किया जा रहा है भीड़ को कम करने के लिए गवाहों और पक्षकारों को तब तक नहीं बुला रहे हैं, जब तक अति आवश्यक नहीं है. कैदियों को कोर्ट में बुलाने की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर काम किया जा रहा है.

रामगंजमंडी (कोटा). कोरोना वायरस की वजह से पूरे विश्व में सात हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. महामारी बन चुकी इस बीमारी से भारत भी अछूता नहीं है. ऐसे में अब न्यायालय में भी केवल जरूरी मामलों की सुनवाई के आदेश दिए गए हैं. मुख्य न्यायाधीश के अनुसार वकीलों, पक्षकारों और गवाहों को पेश होने के लिए पाबंद नहीं किया जाए. ये व्यवस्था आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेगी.

रामगंजमंडी के एडीजे कोर्ट परिसर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही पेशी

वहीं, रामगंजमंडी के एडीजे कोर्ट द्वारा जेल प्रशासन को नोटिफिकेशन जारी कर कैदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा करवाई जाएगी. वहीं, इस संक्रमित बीमारी के बचाव के लिए नगर पालिका प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर हैं. पालिका क्षेत्र के सभी सरकारी कार्यलयों को सेनेटाइज करवाया जा रहा है. अदालत परीसर को पूर्ण रूप से सेनेटाइज किया गया. साथ ही सभी से अपील भी की जा रही है कि इस बीमारी का इलाज सिर्फ बचाव है.

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इस दौरान ग्राम न्यायालय न्यायाधीश दिनेश कुमार, उपखण्ड अधिकारी चिमनलाल मीणा, पालिका ईओ पंकज मंगल ने माइक से अनाउंसमेंट करके सभी से अपील की है कि कोराना वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को साबुन से धोकर सेनेटाइज करें और मुंह पर मास्क लगाकर रखें. लोगों से करीबन 1 मीटर की दूरी बनाए रखें.

ग्राम न्यायालय न्यायाधीश दिनेश कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय का सर्कुलर के मुताबिक कोर्ट कैंपस में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है. पूरे कैंपस को सेनेटाइज किया जा रहा है भीड़ को कम करने के लिए गवाहों और पक्षकारों को तब तक नहीं बुला रहे हैं, जब तक अति आवश्यक नहीं है. कैदियों को कोर्ट में बुलाने की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर काम किया जा रहा है.

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