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Special : पिता की ठुकराई बच्ची को पुलिस ने लिया गोद, पढ़ा-लिखाकर बनाएंगे कलेक्टर

कोटा जिले के सांगोद उपखंड में पुलिस ने एक अनोखी पहल की है. पुलिस ने एक बच्ची को गोद लिया है. पुलिस बच्ची को पढ़ाएगी. इसके साथ ही 51 हजार रुपये की एफडी करने की भी घोषणा की है.

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Published : Jan 29, 2020, 10:53 AM IST

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पिता की ठुकराई बच्ची को पुलिस ने लिया गोद

सांगोद (कोटा). जिले के सांगोद में गणतंत्र दिवस पर सांगोद पुलिस ने सराहनीय काम किया है. मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्चा चला रहे अपने मामा-नाना के पास अभावों में रह रही एक बेटी को पुलिस का आसरा मिला. पुलिस ने उसे गोद लेने का निर्णय कर उसका सारा खर्चा उठाने की घोषणा की.

पिता की ठुकराई बच्ची को पुलिस ने लिया गोद

पढ़ेंः गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह 10 फरवरी को, 10वीं-12वीं में 75 फीसदी लाने वाली छात्राओं को किया जाएगा पुरस्कृत

पिता ने निकाल दिया था घर से बाहर...

सांगोद के कोडिया चौक में अपने मामा के घर रही टीना गोचर 16 साल की है. पिता ने कुछ सालों पहले दूसरी शादी कर ली और अपनी पहली पत्नी यानि टीना की मां मंजू बाई को बच्चों समेत घर से निकाल दिया. दो साल पहले मंजू बाई की भी मौत हो गई तो टीना निराश्रित हो गई. टीना के मामा ओमप्रकाश, त्रिलोक और नरेश गोचर उसे अपने पास ले आए. लेकिन इनकी भी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी, कि वो टीना का सही तरीके से लालन-पालन कर सके. पढ़ाई छोड़ने की नौबत आई तो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका चन्द्रकला वर्मा ने सहयोग किया.

फिर मिली नई खुशियां...

गणतंत्र दिवस समारोह में टीना ने स्कूल की तरफ से कविता पाठ किया. संचालक ने टीना की स्थिति की जानकारी दी तो यहां मौजूद पुलिस उपअधीक्षक रामेश्वर परिहार ने थानाधिकारी धनराज मीणा से चर्चा कर उसे गोद लिया और उसका पूरा खर्चा उठाने की घोषणा की.

पढ़ेंः राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शिक्षा शिखर सम्मेलन का आयोजन, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने की शिरकत

पुलिस बनी सहारा

पुलिस ने टीना को थाना बुलाकर दो जोड़ी कपड़े, कम्बल और गर्म कपड़े दिए. सभी पुलिस कर्मियों ने सहयोग की बात कही तो टीना के नाम पुलिस स्टाफ की ओर से 51 हजार रुपए की एफडी बैंक खाते में कराने का निर्णय लिया. पुलिस टीना का सारा खर्चा भी वहन करेगी.

पढ़ेंः श्रीगंगानगर: चेंबर ऑफ कॉमर्स, बेटियों को शिक्षा पैकेज देने के लिए लॉटरी निकालेगी

जिला कलेक्टर बनना चाहती है टीना...

टीना गोचर के मामा नरेश गोचर का कहना है, कि टीना पढ़ाई में बहुत अच्छी है और मेहनत करती है. टीना का भी कहना है, कि विपरीत परिस्थिति में ननिहाल और स्कूल स्टाफ का सहारा मिला. वे स्कूल स्टाफ और पुलिस प्रशासन को धन्यवाद देती हैं और जिला कलेक्टर बनना चाहती हैं.

बच्ची के पास नहीं थे कोई डॉक्यूमेंट...

टीना गोचर की शिक्षिका चंद्रकला वर्मा का कहना है, कि बच्ची स्कूल में 5वीं क्लास में आई थी, तब उसके पास एक भी डॉक्यूमेंट नहीं थे. जिस कारण बच्ची को कक्षा 6 में एडमिशन और छात्रवृत्ति के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बच्ची की मां और मामा के पास भी डॉक्यूमेंट नही थे. बमुश्किल नगर पालिका तत्कालीन उपाध्यक्ष की सहायता से बच्ची का जाति प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बन पाया.

पढ़ेंः जयपुर: शिक्षा में अव्यवस्थाओं को लेकर मूकबधिर बच्चों का प्रदर्शन, शिक्षा संकुल से मिला आश्वासन

51 हजार रुपये के एफडी की घोषणा...

स्कूल व्याख्याता गुंजल नोमी का कहना है कि टीना गोचर 11वीं क्लास में अध्यनरत है. गणतंत्र दिवस में मौके पर जब बच्ची ने कविता प्रस्तुत की तो मन मे विचार आया कि बच्ची के बारे में दो शब्द बोले जैसे ही मैने बच्ची के बारे में मंच से हकीकत बयां की, तो पुलिस प्रशासन ने बिना वक्त गवाए त्वरित ही इस पर बच्ची को गोद लेने की घोषणा की और बच्ची के नाम 51 हजार रुपये की एफडी कराने की घोषणा की.

टीना की कविता के कायल हुए थानाधिकारी...

थानाधिकारी धनराज मीणा ने बताया, कि कविता गान में बच्ची का दर्द झलक रहा था. ये भी पता चला, कि बच्ची के माता-पिता नहीं है. जिसके बाद पूरी जानकारी लेकर पुलिस अधिकारियों और स्टाफ से बातचीत कर बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया गया.

सांगोद (कोटा). जिले के सांगोद में गणतंत्र दिवस पर सांगोद पुलिस ने सराहनीय काम किया है. मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्चा चला रहे अपने मामा-नाना के पास अभावों में रह रही एक बेटी को पुलिस का आसरा मिला. पुलिस ने उसे गोद लेने का निर्णय कर उसका सारा खर्चा उठाने की घोषणा की.

पिता की ठुकराई बच्ची को पुलिस ने लिया गोद

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पिता ने निकाल दिया था घर से बाहर...

सांगोद के कोडिया चौक में अपने मामा के घर रही टीना गोचर 16 साल की है. पिता ने कुछ सालों पहले दूसरी शादी कर ली और अपनी पहली पत्नी यानि टीना की मां मंजू बाई को बच्चों समेत घर से निकाल दिया. दो साल पहले मंजू बाई की भी मौत हो गई तो टीना निराश्रित हो गई. टीना के मामा ओमप्रकाश, त्रिलोक और नरेश गोचर उसे अपने पास ले आए. लेकिन इनकी भी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी, कि वो टीना का सही तरीके से लालन-पालन कर सके. पढ़ाई छोड़ने की नौबत आई तो राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका चन्द्रकला वर्मा ने सहयोग किया.

फिर मिली नई खुशियां...

गणतंत्र दिवस समारोह में टीना ने स्कूल की तरफ से कविता पाठ किया. संचालक ने टीना की स्थिति की जानकारी दी तो यहां मौजूद पुलिस उपअधीक्षक रामेश्वर परिहार ने थानाधिकारी धनराज मीणा से चर्चा कर उसे गोद लिया और उसका पूरा खर्चा उठाने की घोषणा की.

पढ़ेंः राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शिक्षा शिखर सम्मेलन का आयोजन, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने की शिरकत

पुलिस बनी सहारा

पुलिस ने टीना को थाना बुलाकर दो जोड़ी कपड़े, कम्बल और गर्म कपड़े दिए. सभी पुलिस कर्मियों ने सहयोग की बात कही तो टीना के नाम पुलिस स्टाफ की ओर से 51 हजार रुपए की एफडी बैंक खाते में कराने का निर्णय लिया. पुलिस टीना का सारा खर्चा भी वहन करेगी.

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जिला कलेक्टर बनना चाहती है टीना...

टीना गोचर के मामा नरेश गोचर का कहना है, कि टीना पढ़ाई में बहुत अच्छी है और मेहनत करती है. टीना का भी कहना है, कि विपरीत परिस्थिति में ननिहाल और स्कूल स्टाफ का सहारा मिला. वे स्कूल स्टाफ और पुलिस प्रशासन को धन्यवाद देती हैं और जिला कलेक्टर बनना चाहती हैं.

बच्ची के पास नहीं थे कोई डॉक्यूमेंट...

टीना गोचर की शिक्षिका चंद्रकला वर्मा का कहना है, कि बच्ची स्कूल में 5वीं क्लास में आई थी, तब उसके पास एक भी डॉक्यूमेंट नहीं थे. जिस कारण बच्ची को कक्षा 6 में एडमिशन और छात्रवृत्ति के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बच्ची की मां और मामा के पास भी डॉक्यूमेंट नही थे. बमुश्किल नगर पालिका तत्कालीन उपाध्यक्ष की सहायता से बच्ची का जाति प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बन पाया.

पढ़ेंः जयपुर: शिक्षा में अव्यवस्थाओं को लेकर मूकबधिर बच्चों का प्रदर्शन, शिक्षा संकुल से मिला आश्वासन

51 हजार रुपये के एफडी की घोषणा...

स्कूल व्याख्याता गुंजल नोमी का कहना है कि टीना गोचर 11वीं क्लास में अध्यनरत है. गणतंत्र दिवस में मौके पर जब बच्ची ने कविता प्रस्तुत की तो मन मे विचार आया कि बच्ची के बारे में दो शब्द बोले जैसे ही मैने बच्ची के बारे में मंच से हकीकत बयां की, तो पुलिस प्रशासन ने बिना वक्त गवाए त्वरित ही इस पर बच्ची को गोद लेने की घोषणा की और बच्ची के नाम 51 हजार रुपये की एफडी कराने की घोषणा की.

टीना की कविता के कायल हुए थानाधिकारी...

थानाधिकारी धनराज मीणा ने बताया, कि कविता गान में बच्ची का दर्द झलक रहा था. ये भी पता चला, कि बच्ची के माता-पिता नहीं है. जिसके बाद पूरी जानकारी लेकर पुलिस अधिकारियों और स्टाफ से बातचीत कर बच्ची को गोद लेने का निर्णय लिया गया.

Intro:Body:सांगोद(कोटा)

मोतीलाल सुमन

आज देश में जहां पर बालिकाओं के साथ जगह-जगह हिंसात्मक और कु कृत्य जैसी घटनाएं सामने आती है ऐसी स्थिति में सांगोद पुलिस द्वारा बालिका के लिए जो प्रयास किया गया उसे लोगों को मिसाल के रूप में देखना चाहिए।

कोई भी घटना दुर्घटना होने पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाती है और समाज में शांति स्थापित करने का प्रयास किया जाता है ऐसा ही कुछ पुलिस प्रशासन की ओर से देखने को मिला रविवार को सांगोद में गणतंत्र दिवस के मौके पर।

अपनी मां को खोने एवं पिता द्वारा छोड़ी गई एक बेटी के लिए रविवार का दिन जीवन की नई खुशियां लेकर आया। मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्चा चला रहे अपने मामा-नाना के पास अभावों में रह रही इस बेटी को पुलिस का आसरा मिला। यहां स्वतंत्रता दिवस के उपखंड स्तरीय कार्यक्रम के दौरान इस बेटी की पीड़ा को पुलिस ने समझा और उसे गोद लेने का निर्णय कर उसका सारा खर्चा उठाने की घोषणा की।  जानकारी के अनुसार सांगोद में कोडिया के चौक में अपने नाना-मामा के घर रही रही टीना गोचर उम्र 16 वर्ष के पिता ने कुछ सालों पूर्व दूसरी शादी कर ली और टीना की मां मंजू बाई को बच्चों समेत घर से निकाल दिया। दो साल पूर्व मंजू बाई की भी मौत हो गई तो टीना निराश्रित हो गई। टीना के मामा ओमप्रकाश,त्रिलोक व नरेश गोचर उसे अपने पास ले आए। लेकिन इनकी भी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी की वो टीना का सही तरीके से लालन-पालन कर सके। पढ़ाई छोडऩे की नौबत आई तो राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका चन्द्रकलां वर्मा ने उसका सहयोग किया। 

फिर मिली नई खुशियां

गणतंत्र दिवस के उपखंड स्तरीय समारोह में टीना ने स्कूल की तरफ से कविता पाठ किया। संचालक द्वारा टीना की स्थिति की जानकारी दी तो यहां मौजूद पुलिस उपअधीक्षक रामेश्वर परिहार ने थानाधिकारी धनराज मीणा से चर्चा कर उसे गोद लिया तथा उसका पूरा खर्चा उठाने की घोषणा की।

जिम्मेदारी पुलिस के भरोसे

कार्यक्रम के बाद पुलिस अधिकारियों ने टीना को थाने बुलाया और सभी स्टाफ से परिचय करवाकर मौके पर ही टीना को दो जोड़ी कपड़े, कम्बल एवं गर्म कपड़े दिलाए गए। सभी पुलिस कर्मियों ने सहयोग की बात कही तो टीना के नाम पुलिस स्टाफ की ओर से 51 हजार रुपए की एफडी बैंक खाते में कराने का निर्णय लिया तथा बालिका का सारा खर्चा अब सांगोद पुलिस संभालेगी।

टीना गोचर का कहना है कि विपरीत परिस्थिति में मुझे (ननिहाल)परिवार और स्कूल स्टाफ का सहारा मिला और मेरे में कुछ कर दिखाने का हौसला आया इसके बाद मेने स्कूल के लिए कुछ करने की ठान ली ।मुझे स्कूल से अच्छे वातावरण के साथ साथ अच्छी शिक्षा भी  मिली, मुझे उम्मीद नही थी कि में अपने सपनो की उड़ान को पूरा कर पाउंगी पर मुझे पुलिस प्रशासन की तरफ से जो सहयोग मुझेे मिला है उससे में अपने सपनों की उड़ान मैं आगे बढ़ पाऊंगी और अपनेे सपनों पूरा कर पाऊंगी। साथ ही कहा कि मैं अपने स्कूल स्टाफ व पुलिस प्रशासन का भी धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मेरी आगे की पढ़ाई का खर्चा उठाने का जिम्मा लियाा है । साथ ही कहा कि मैं आगे बढ़कर जिला कलेक्टर बनना चाहती हूं।

टीना गोचर के मामा नरेश गोचर का कहना है कि टीना पढ़ाई में बहुत अच्छी है ओर पढ़ाई में आगे बढ़ने के लिए अच्छे से मेहनत करती है हम भी उसे पड़ने के लिए प्रेरित करते है ।साथ ही कहा कि जिस प्रकार से भी सहयोग हम कर सकते है इसके लिए तैयार है।टीना 8 साल से हमारे साथ रह रही है ।साथ ही टीना की माँ के बारे में बताते हुवे कहा कि टीना की माँ की शादी के बाद उसके पापा ने उसे छोड़ दिया फिर दूबारा टीना की माँ का घर बसाया पर प्रसव के दौरान उसकी माँ चल बसी। पुलिस द्वारा टीना की पढ़ाई की जिम्मेदारी लिए जाने पर टीना के मामा ने कहा कि हम पुलिस प्रशासन को धन्यवाद देना चाहते है कि उन्होंने टीना को गोद लिया और उसकी पूरी पढ़ाई का खर्चा वहन करने की जिम्मेदारी ली।

टीना गोचर की शिक्षिका चंद्रकला वर्मा का कहना है कि बच्ची स्कूल में 5 वी क्लास में आई थी तब उसके पास एक भी डॉक्यूमेंट नही थे जिस कारण बालिका को कक्षा 6 में एडमिशन और छात्रवती के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बालिका की मा और मामा के पास भी बालिका के डॉक्यूमेंट नही थे। बड़ी से मुश्किल से नगर पालिका तत्कालीन उपाध्यक्ष की सहायता से बालिका का जाती प्रमाण पत्र व आधार पर आधार कार्ड बन पाया ओर छात्रा को छात्रवती मिलनी शुरू हुई पर दो साल पूर्व टीना की माँ का देहावसान हो गया। जिसके बाद टीना के नाना मामा ने आर्थिक स्थिति के चलते टीयूसन का खर्चा वहन करने में असमर्थता दिखाई जिसके बाद मेने बालिका के पढ़ाई संबंधित पूरा खर्चा वहन करने का जिम्मा लिया और बालिका अभी 11वी क्लास में है और इसकी शिक्षा अनवरत जारी है ।

स्कूल व्याख्याता गुंजल नोमी का कहना है कि टीना गोचर जो कि 11वी क्लास में अध्यनरत है ओर बालिका को अगर प्रेरित किया जाए तो ये अच्छा काम कर लेती है जब बालिका ने गणतंत्र दिवस में मोके पर कविता प्रस्तुत की तो मन मे विचार आया कि बालिका के बारे में दो शब्द बोले जैसे ही मेने बालिका के बारे में मंच से बताया बालिका की हकीकत बयां की तो पुलिस प्रशासन ने बिना वक्त गवाए त्वरित ही इस पर बच्ची को गोद लेने की घोषणा की ओर बालिका के नाम 51 हजार रुपये की एफडी कराने की घोषणा की।साथ ही कहा कि एक तरफ जहा पुलिस बदनाम होती है कि वहाँ काम नही होते अपनी छवि को लेकर अक्सर बदनाम रहती है  ऐसे में ये सब देखकर हमारा पुलिस प्रशासन की छवि को लेकर नजरिया ही बदल गया। साथ ही कहा कि प्रशासन ने महिला सिपाही के साथ बालिका को पुलिस जीप में नगर भ्रमण करवाया ।

थानाधिकारी धनराज मीणा ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर बिना म्यूजिक सिस्टम के बालिका द्वारा जो कविता गान किया गया उसमे बालिका का दर्द व मार्मिकता झलक रही थी साथ ही जब मंच के माध्यम से पता चला कि बालिका के माता पिता नही है और बालिका विपरीत परिस्थितियों से गुजर रही है ऐसे में बालिका की पूरी जानकारी तुरन्त ली गई और पुलिस अधिकारियों व स्टाफ से बातचीत कर बालिका को गोद लेने का निर्णय लिया व 51000 की एफडी भी करा दी है। पुलिस महकमे के स्थानान्तरण होने की स्तिथि में मौजूदा थानाधिकारी को बालिका का केयरटेकर(Caretaker)बनाया गया है ।साथ ही कहा कि विपरीत परिस्थिति में बालिका एफडी के पैसो को उपयोग में ले सकती है।बालिका का शिक्षा सम्बंधित खर्चा पुलिस परिवार वहन करेगा। साथ ही कहा कि जो सक्षम परिवार के लोग है उनको भी आगे आना चाहिए ताकि किसी बेसहारा की जिंदगी बदल सके।

8 वी में टीना गोचर को A ग्रेड मिली थी FIRST DIVIJAN
10th में 78.85 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे

बाईट टीना गोचर पुलिस प्रशासन द्वारा गोद ली 

हुई बालिका

बाईट नरेश गोचर टीना के मामा

बाईट चंद्रकला वर्मा टीना की शिक्षिका

बाईट गुंजल नोमी व्याख्याता

बाईट धनराज मीणा थानाधिकारी सांगोदConclusion:
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