कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) में परीक्षा में पास करने के बदले छात्राओं से अस्मत मांगने मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों के वॉइस सैंपल मिलान कराने के निर्देश दिए. साथ ही जेल प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि 23 जनवरी को तीनों को कोर्ट में पेश करें. इस मामले में पुलिस ने एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव को गिरफ्तार किया था. तीनों इस वक्त में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. पुलिस ने तीनों के बीच आपस में फोन पर हुई बातचीत के करीब 50 से ज्यादा ऑडियो जब्त किए थे. इन ऑडियो से वॉइस मिलान के लिए पुलिस प्रयास कर रही है. इसलिए पुलिस ने वॉयस सैंपल टेस्ट कराने की अर्जी लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ये आदेश जारी किए है.
सीजेएम कोर्ट में केस की हुई सुनवाई: विशिष्ट लोक अभियोजक रितेश जैन ने बताया कि 20 जनवरी को सीजेएम कोर्ट में आरटीयू केस के तीनों अभियुक्तों के वॉइस सैंपल लेने के लिए अर्जी दाखिल की थी. जिस पर सीजेएम न्यायाधीश ने उत्तर क्रम संख्या 1 न्यायालय को इस अर्जी की सुनवाई के लिए नियुक्त किया था. मामले में शनिवार को सुनवाई क्रम संख्या एक में हुई, जिस पर न्यायालय ने 23 जनवरी को वॉइस सैंपल के लिए निर्देश जारी किया. इसके लिए जेल अधीक्षक को भी पत्र भेजा गया है कि वह तीनों अभियुक्त गिरीश परमार, ईशा यादव और अर्पित अग्रवाल को पेश करें.
केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला कोटा को भी निर्देश जारी: रितेश जैन ने बताया कि कोर्ट ने केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला कोटा को निर्देश जारी किया है कि वे भी वॉइस सैंपल लेने के लिए न्यायालय में 23 जनवरी सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर उपकरणों समेत मौजूद रहे. विशिष्ट लोक अभियोजक जैन ने बताया कि अगर तीनों आरोपी वॉइस सैंपल देने से इंकार कर देते हैं, तब ऑडियो में मौजूद आवाज इनका ही माना जाएगा.
बता दें कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में परीक्षा पास करने की एवज में अस्मत मांगने के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया है. इस मामले में एक के बाद एक कई मुकदमे दर्ज हुए हैं. दर्ज केस के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जबकि अन्य दो मामलों के आरोपी अभी गिरफ्तार नहीं हुए हैं. गिरफ्तार आरोपियों में गिरीश परमार, अर्पित अग्रवाल और निशा यादव न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल को 22 दिसंबर को गिरफ्तार किया था, जबकि ईशा यादव 28 दिसंबर को गिरफ्तार हुई थी.