कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्राओं से पास करने की एवज में अस्मत मांगने के आरोप में निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और उनके दो सहयोगी स्टूडेंट्स के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट के समक्ष 1335 पेज का दूसरा चालान पेश किया है. इस चालान को एसीजेएम कोर्ट नंबर-2 में पेश किया गया है. इसको न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. अभियोजन अधिकारी दीप्ति एस कुमार ने बताया कि आरोपियों पर लगे आरोपों पर सुनवाई होगी. कोर्ट ने इसकी अगली सुनवाई की तारीख 13 अप्रैल तय की है. इस मामले में करीब 40 गवाहों के बयान भी अब चालान के अनुरूप न्यायालय में होंगे. इसके साथ ही दस्तावेजी सबूतों पर भी अब बहस होगी.
बता दें कि इससे पहले 19 दिसंबर 2022 को दादाबाड़ी थाने में दर्ज मुकदमें में पुलिस ने जांच पूरी की थी. साथ ही 4200 पेज का चालान न्यायालय में 20 फरवरी को पेश किया था. दोनों को मिलाकर अब तक 5535 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया जा चुका है. गिरीश परमार के खिलाफ अलग-अलग थानों में 6 मुकदमे भी दर्ज हुए थे. जिनकी जांच भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कर रही है.
नहीं मिली जमानत, चार माह से जेल में बंद : एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार सहयोगी छात्रा ईशा यादव और छात्र अर्पित अग्रवाल तीनों ही न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. गिरीश परमार के खिलाफ 20 दिसंबर को पहला मुकदमा दादाबाड़ी थाने में दर्ज हुआ था, इसके बाद दूसरी छात्रा ने 22 दिसंबर को एक और मुकदमा दर्ज करवाया था. गिरीश परमार और आरोपी छात्र अर्पित अग्रवाल को 21 दिसंबर को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
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वही छात्रा ईशा यादव को 28 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. इसी दिन तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया था. इसके बाद इनकी जमानत की अर्जी अलग-अलग और साथ में भी कई बार लगे हैं, लेकिन अभी तक न्यायालय ने उनकी जमानत को स्वीकार नहीं किया है. इसी के कारण तीनों अभियुक्त जेल में ही है.