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कोटा की मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट पर छापा, एक करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी आई सामने - one crore GST evasion in Kota

कोटा के रानपुर स्थित शिव एडिबल ग्रुप पर स्टेट जीएसटी ने शुक्रवार को छापेमार कार्रवाई (GST evasion by milk processing unit in Kota) की. करीब 12 घंटे से चल रही यह कार्रवाई देर रात या शनिवार तड़के तक जारी रह सकती है. स्टेट जीएसटी विभाग के अनुसार फर्म ने फर्जी बिलों के जरिए माल प्राप्त करना बताया है, लेकिन विभाग को शक है कि माल आया ही नहीं.

Raid on milk processing unit in Kota for suspension of GST evasion
लाखों की जीएसटी चोरी के शक में कोटा की मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट पर छापा
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Published : Nov 11, 2022, 6:56 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 11:02 PM IST

कोटा. जीएसटी चोरी के शक में रानपुर स्थित शिव एडिबल ग्रुप पर शुक्रवार को छापे की कार्रवाई की (Raid on milk processing unit in Kota) गई. कार्रवाई करीब 13 घंटे से जारी है, जिसमें करीब 25 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी की सर्वे में जुटे हुए हैं. यह कार्रवाई अगले दिन शनिवार तड़के तक जारी रह सकती है. यह फर्म मिल्क प्रोसेसिंग से जुड़े उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी हुई है. अभी तक एक करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी सामने आ चुकी है.

स्टेट जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर कोटा शंभू दयाल मीणा का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़ी यह रेड है, जिसमें करीब दो दर्जन से ज्यादा कार्मिक जुटे हुए हैं. जिनमें डिप्टी कमिश्नर, असिस्टेंट कमिश्नर और कमर्शियल टैक्स ऑफिसर (सीटीओ) भी शामिल है. बड़ी संख्या में कंप्यूटराइज और कागजी डाटा है, जिसको एकत्रित किया जा रहा है. यह कार्रवाई देर रात या शनिवार सुबह तक चल सकती है. इसमें फर्म ने फर्जी बिलों के जरिए माल की रिसीविंग बताई है, लेकिन हमें शक है कि माल आया ही नहीं है, जिससे स्टॉक नहीं बढ़ा है.

कोटा की मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट पर छापा...

हालांकि, इन फर्जी बिलों के जरिए सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट कंपनी ने कर ली है. कितना इनपुट टैक्स क्रेडिट किया है, इस संबंध में ही यह सर्वे की कार्रवाई की जा रही है. मामले में हमारी टीम स्टॉक वेरिफिकेशन से लेकर डाटा की कैलकुलेशन कर रही है. एडिशनल कमिश्नर मीणा का यह भी कहना है कि इस कैलकुलेशन में करीब 1 महीने का समय लग जाता है, लेकिन कैलकुलेशन कर फर्म को 3 से 4 दिन में बता देते हैं. जिसे उसे तुरंत जमा कराना होगा. अभी तक की कार्रवाई में यह एक करोड़ से ज्यादा की सामने आ चुकी है.

पढ़ें: CGST की टीम ने राजस्थान में 3394 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया उजागर, करीब 90 करोड़ टैक्स चोरी मामले में 7 गिरफ्तार

इधर, कार्रवाई के दौरान एक अधिकारी का ट्रांसफर : प्रदेश के वित्त विभाग के अधीन आने वाली एसजीएसटी की टीम कोटा के रानपुर में कार्रवाई कर ही रही थी. इस टीम में शामिल एक सीटीओ विनोद कुमार बेनीवाल का स्थानांतरण कोटा से रामगंजमंडी किया गया है. उनके स्थानांतरण को भी इस कार्रवाई से जोड़ कर चर्चा शुरू कर दी गई है. हालांकि, एडीशनल कमिश्नर मीणा का कहना है कि रूटीन ट्रांसफर की प्रक्रिया है. उनका अकेले का ट्रांसफर नहीं हुआ है, राज्य वाणिज्य कर सेवा के 40 कार्मिकों का ट्रांसफर सरकार ने किया है, जिसमें डिप्टी कमिश्नर से लेकर सीटीओ तक के ट्रांसफर हुए हैं.

कोटा. जीएसटी चोरी के शक में रानपुर स्थित शिव एडिबल ग्रुप पर शुक्रवार को छापे की कार्रवाई की (Raid on milk processing unit in Kota) गई. कार्रवाई करीब 13 घंटे से जारी है, जिसमें करीब 25 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी की सर्वे में जुटे हुए हैं. यह कार्रवाई अगले दिन शनिवार तड़के तक जारी रह सकती है. यह फर्म मिल्क प्रोसेसिंग से जुड़े उत्पाद की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी हुई है. अभी तक एक करोड़ से ज्यादा की जीएसटी चोरी सामने आ चुकी है.

स्टेट जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर कोटा शंभू दयाल मीणा का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़ी यह रेड है, जिसमें करीब दो दर्जन से ज्यादा कार्मिक जुटे हुए हैं. जिनमें डिप्टी कमिश्नर, असिस्टेंट कमिश्नर और कमर्शियल टैक्स ऑफिसर (सीटीओ) भी शामिल है. बड़ी संख्या में कंप्यूटराइज और कागजी डाटा है, जिसको एकत्रित किया जा रहा है. यह कार्रवाई देर रात या शनिवार सुबह तक चल सकती है. इसमें फर्म ने फर्जी बिलों के जरिए माल की रिसीविंग बताई है, लेकिन हमें शक है कि माल आया ही नहीं है, जिससे स्टॉक नहीं बढ़ा है.

कोटा की मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट पर छापा...

हालांकि, इन फर्जी बिलों के जरिए सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट कंपनी ने कर ली है. कितना इनपुट टैक्स क्रेडिट किया है, इस संबंध में ही यह सर्वे की कार्रवाई की जा रही है. मामले में हमारी टीम स्टॉक वेरिफिकेशन से लेकर डाटा की कैलकुलेशन कर रही है. एडिशनल कमिश्नर मीणा का यह भी कहना है कि इस कैलकुलेशन में करीब 1 महीने का समय लग जाता है, लेकिन कैलकुलेशन कर फर्म को 3 से 4 दिन में बता देते हैं. जिसे उसे तुरंत जमा कराना होगा. अभी तक की कार्रवाई में यह एक करोड़ से ज्यादा की सामने आ चुकी है.

पढ़ें: CGST की टीम ने राजस्थान में 3394 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया उजागर, करीब 90 करोड़ टैक्स चोरी मामले में 7 गिरफ्तार

इधर, कार्रवाई के दौरान एक अधिकारी का ट्रांसफर : प्रदेश के वित्त विभाग के अधीन आने वाली एसजीएसटी की टीम कोटा के रानपुर में कार्रवाई कर ही रही थी. इस टीम में शामिल एक सीटीओ विनोद कुमार बेनीवाल का स्थानांतरण कोटा से रामगंजमंडी किया गया है. उनके स्थानांतरण को भी इस कार्रवाई से जोड़ कर चर्चा शुरू कर दी गई है. हालांकि, एडीशनल कमिश्नर मीणा का कहना है कि रूटीन ट्रांसफर की प्रक्रिया है. उनका अकेले का ट्रांसफर नहीं हुआ है, राज्य वाणिज्य कर सेवा के 40 कार्मिकों का ट्रांसफर सरकार ने किया है, जिसमें डिप्टी कमिश्नर से लेकर सीटीओ तक के ट्रांसफर हुए हैं.

Last Updated : Nov 11, 2022, 11:02 PM IST
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