कोटा. राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार के खिलाफ परीक्षा में पास करने की एवज में एक छात्रा से अस्मत मांगने का मुकदमा (pressuring for physical relation) दर्ज हुआ है. इसके बाद से ही आरोपी भूमिगत हो गया है. हालांकि, यह पहला मामला नहीं है, जब उसके खिलाफ इस तरह की बातें सामने आई हो. इससे पहले भी आरोपी प्रोफेसर पर कई छात्राएं इस तरह से परेशान करने का आरोप लगा चुकी हैं. साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी हर बार उसकी हरकतों से अवगत कराया गया, बावजूद इसके आरोपी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. यहां तक की अंडर गारमेंट्स चोरी के मामले में भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है.
खुद लीक करता था पेपर - आरोपी गिरीश परमार छात्राओं को अपने चंगुल में फंसाने के लिए कई तरह की ट्रिक अपनाता था. यह खुद ही एक फर्जी पेपर बनाकर बच्चों के बीच सर्कुलेट करवा देता (Rajasthan Technical University) था. जिसमें पूरा प्रश्नपत्र हूबहू आने की जानकारी देता था, लेकिन बाद में ऐसा होता नहीं था और अधिकांश विद्यार्थी पूरा प्रश्नपत्र करने से चूक जाते थे. जिसके चलते उनके अच्छे नंबर भी नहीं आ पाते थे तो कई विद्यार्थी फेल तक हो जाते थे. जिसका फायदा उठाकर आरोपी छात्राओं के साथ ऐसी हरकतें करता था.
कई बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई - 2003 में भी आरोपी के खिलाफ एक कश्मीरी छात्रा ने उसे परेशान करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन वाइस चांसलर से शिकायत की थी. हालांकि, उसकी शिकायत को बाद में रफा-दफा कर दिया गया. साथ ही उसे तीन सालों तक फेल किया जाता रहा. यहां तक की शिकायत करने वाली छात्रा का भी यही कहना है कि परमार छात्राओं को चैलेंज कर फेल करता है.
आरोपी का वायरल हुआ ऑडियो - वायरल हुए ऑडियो में आरोपी छात्रा को शराब पिलाने की बात कह रहा है. इसके अलावा वो एक छात्र-छात्रा पर दूसरी छात्राओं को उसके घर पर लाने का दबाव बनाते सुना गया. वहीं, ऐसा नहीं करने पर उन्हें फेल करने की भी धमकी देता है. आरोपी प्रोफेसर की 1999 में नियुक्ति हुई थी. इसके बाद से ही उसके खिलाफ लगातार शिकायतें आती रही, लेकिन अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके कारण शह बढ़ गई. हालांकि, विश्वविद्यालय की ही एक अन्य शिक्षिका से बदतमीजी करने पर उसके पति ने आरोपी की जमकर पिटाई भी की थी.
काश मैं आपका कुत्ता होता - करीब 12 साल पहले विश्वविद्यालय से ही एमटेक कर रही एक शिक्षिका ने गिरीश परमार के खिलाफ शिकायत दी थी. उसने भी इसी तरह से परीक्षा में कम नंबर दिए गए थे, जबकि उसे उम्मीद थी कि ज्यादा अंक आएंगे. जिसके बाद वीसी की जगह चार्ज कमिश्नर के पास था, ऐसे में कई बार कमिश्नर के पास गई, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. बाद में शिक्षिका ने ही आगे मुद्दे को उठाया और विश्वविद्यालय में पुनः मूल्यांकन की सुविधा शुरू हुई.
इस शिक्षिका ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वे क्लास के रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर काम कर रही थी. ऐसे में कभी भी गिरीश परमार उन्हें फोन कर देता था. हालांकि, वो परमार से उम्र में काफी बड़ी थी. इसके बावजूद भी वो उन्हें अपने घर पर आने की बात कहता था और तो और उसे लगातार फेल करने की भी धमकी देता था. महिला शिक्षिका ने कहा कि एक बार जब परमार ने उसे फोन किया तब वो अपने कुत्ते को नहला रही थी. तभी परमार ने पूछा कि क्या कर रही हो, जिसका उसने जवाब दिया. इस पर परमार ने कहा कि काश हम आपके कुत्ते पैदा हुए होते... महिला टीचर ने बताया कि वो परमार के कारनामों के चलते डिप्रेशन में आ गई थी.
अंडरगारमेंट्स चोरी करने के मामले में हुई थी FIR - विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार आदतन गंदी प्रवृत्ति का है. परमार पर एक मुकदमा दादाबाड़ी थाने में पहले भी दर्ज हो चुका है, जिसमें उसे गिरफ्तार भी किया गया था. परमार एक महिला फैकल्टी के अंडर गारमेंट्स चुराने का आरोप लगा था. हालांकि बाद में इस मामले में महिला से माफी मांगकर परमार ने राजीनामा किया था. इस मामले के बाद कैंपस में क्वाटर खाली करवाया गया था.
पहली पत्नी छोड़ कर चली गई, दूसरी भी नहीं टिकी - गिरीश परमार के कारनामे से उनकी पहली पत्नी भी परेशान हो गई थी. ऐसे में शादी के कुछ साल बाद ही गिरीश परमार से तलाक उन्होंने ले लिया था. जिसके बाद गिरीश परमार ने कुछ साल पहले ही दूसरा विवाह किया है, वे भी छोड़कर चली गई है. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से छुट्टी लेकर यह कोटा के ही एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्य के पद पर पदस्थापित हो गए थे. इस दौरान उस कॉलेज से भी कई शिकायतें सामने आई थी. जिनमें भी इस तरह से ही छात्राओं को परेशान करने का मामला आया था.
पुरानी शिकायतों की होगी जांच - दूसरी तरफ राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. एसके सिंह का कहना है कि इस मामले पर 3 सदस्य कमेटी गठित कर दी गई है. जिन्हें जल्द से ही पूरी इंक्वायरी करने और जांच रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए हैं. इसमें शिकायत करने वाली छात्रा से लेकर सभी एंगल पर जांच की जा रही है और दोषी होने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने साफ कहा है कि विश्वविद्यालय की छवि को खराब नहीं करने दिया जाएगा. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि इससे पहले भी कई बार शिकायत आई है, लेकिन मामला दब गया. तब उन्होंने कहा कि इन सभी शिकायतों को भी इस मसले में जोड़ा जाएगा.
आरोपी को सस्पेंड करने की मांग - दूसरी तरफ इस मामले में भाजपा के पार्षद सुरेंद्र राठौड़ और नेता चेतन नागर के नेतृत्व में बुधवार को एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर ओपी बुनकर से मिला. जहां उनसे गिरीश परमार को अविलंब निलंबित करने की मांग की गई. हाड़ौती संयुक्त छात्र संगठन ने भी आरटीयू के बाहर प्रदर्शन कर आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. इसके साथ ही संगठन संयोजक नागेंद्र सिंह राणावत व अन्य छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन देकर उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच करने व आरोपी को निलंबित करने की मांग की है.