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गांवां री सरकारः कोटा का नवगठित ग्राम पंचायत सिनोता, जिसे है विकास का इंतजार

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Published : Jan 28, 2020, 1:35 PM IST

कोटा जिले के इटावा उपखंड का सिनोता गांव जो अब नवगठित ग्रामपंचायत में बदल गया है. जिसके बाद यहां के लोगों में इसको लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है. वहीं, गांव के बुजुर्ग भी चुनाव पर चर्चा करने में मशगूल दिखे.

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कोटा का सिनोता गांव अभी भी विकास से है दूर

इटावा (कोटा). इटावा उपखंड क्षेत्र का सिनोता गांव जो अब नवगठित ग्रामपंचायत में बदल गया है. जिसके बाद इस गांव के लोगों में गांव के ग्राम पंचायत बनने पर खासा उत्साह है और आने वाले दिनों में होने वाले गांव की सरकार में अपनी पूर्ण भागीदारी निभागकर गांव की सरकार का पहला मुखिया चुनने को लेकर आतुर नजर आ रहे हैं. जिसके चलते सिनोता गांव के बुजुर्ग लोग एक हथाई पर बैठकर चुनावी चर्चाओं में मशगूल दिखाई देते है. साथ ही गांव के विकास को लेकर अपनी रणनीति बनाते नजर आते हैं.

कोटा का सिनोता गांव अभी भी विकास से है दूर

दरअसल, नवगठित सिनोता ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए एसटी की सीट आरक्षित हुई है. जिसके बाद 6 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं और गांव की सरकार का पहला मुखिया बनने को आतुर नजर आ रहे हैं. वहीं ग्रामीणों के अनुसार गांव के ऐसे सरपंच की दरकार है जो गांव के थमे हुए विकास के पहिये को आगे बढ़ाए और चम्बल नदी किनारे बिछड़ो में बसे इस सिनोता गांव की कायापलट कर सके.

पढ़ेंः गांवां री सरकार: डूंगरपुर में जेलाणा मतदान केंद्र पर मुख्य उपद्रवी समेत 19 आरोपी गिरफ्तार

ग्रामीणों का कहना है कि सिनोता गांव पूर्व में ककरावदा ग्राम पंचायत में था. जो भी सरपंच बनता था, उसे चुनने में सिनोता गांव की अहम भूमिका होती थी, लेकिन सरपंच बनने के बाद उक्त सरपंच साहब द्वारा गांव को दरकिनार कर दिया जाता रहा है. जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव को पंचायत बनाने की मांग उठाई और विधायक रामनारायण मीणा के प्रयास से राज्य सरकार ने सिनोता को ग्राम पंचायत बनाया है. अब हम ऐसा सरपंच चुनेंगे जो गांव के विकास को लेकर प्रतिबद्ध रहे और बिछड़ों में पड़े इस गांव को चमन बनाकर इटावा क्षेत्र में पंचायत का नाम रोशन करें.

पढ़ेंः गांवां री सरकार 2020: तीसरे चरण का थम गया बिलाड़ा में चुनावी शोर, 29 जनवरी को होगा मतदान

मतदान बहिष्कार की दे चुके हैं चुनौती...

बता दें, कि इस नवगठित ग्राम पंचायत में 4378 मतदाता हैं. वहीं 8 गांवों को सम्मिलित कर इस ग्राम पंचायत का गठन हुआ है. जिसमें से बांगरोद, शेरपुर के मतदाता इस ग्राम पंचायत में जोड़ने को लेकर नाराज है और मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दे चुके हैं.

इटावा (कोटा). इटावा उपखंड क्षेत्र का सिनोता गांव जो अब नवगठित ग्रामपंचायत में बदल गया है. जिसके बाद इस गांव के लोगों में गांव के ग्राम पंचायत बनने पर खासा उत्साह है और आने वाले दिनों में होने वाले गांव की सरकार में अपनी पूर्ण भागीदारी निभागकर गांव की सरकार का पहला मुखिया चुनने को लेकर आतुर नजर आ रहे हैं. जिसके चलते सिनोता गांव के बुजुर्ग लोग एक हथाई पर बैठकर चुनावी चर्चाओं में मशगूल दिखाई देते है. साथ ही गांव के विकास को लेकर अपनी रणनीति बनाते नजर आते हैं.

कोटा का सिनोता गांव अभी भी विकास से है दूर

दरअसल, नवगठित सिनोता ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए एसटी की सीट आरक्षित हुई है. जिसके बाद 6 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं और गांव की सरकार का पहला मुखिया बनने को आतुर नजर आ रहे हैं. वहीं ग्रामीणों के अनुसार गांव के ऐसे सरपंच की दरकार है जो गांव के थमे हुए विकास के पहिये को आगे बढ़ाए और चम्बल नदी किनारे बिछड़ो में बसे इस सिनोता गांव की कायापलट कर सके.

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ग्रामीणों का कहना है कि सिनोता गांव पूर्व में ककरावदा ग्राम पंचायत में था. जो भी सरपंच बनता था, उसे चुनने में सिनोता गांव की अहम भूमिका होती थी, लेकिन सरपंच बनने के बाद उक्त सरपंच साहब द्वारा गांव को दरकिनार कर दिया जाता रहा है. जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव को पंचायत बनाने की मांग उठाई और विधायक रामनारायण मीणा के प्रयास से राज्य सरकार ने सिनोता को ग्राम पंचायत बनाया है. अब हम ऐसा सरपंच चुनेंगे जो गांव के विकास को लेकर प्रतिबद्ध रहे और बिछड़ों में पड़े इस गांव को चमन बनाकर इटावा क्षेत्र में पंचायत का नाम रोशन करें.

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मतदान बहिष्कार की दे चुके हैं चुनौती...

बता दें, कि इस नवगठित ग्राम पंचायत में 4378 मतदाता हैं. वहीं 8 गांवों को सम्मिलित कर इस ग्राम पंचायत का गठन हुआ है. जिसमें से बांगरोद, शेरपुर के मतदाता इस ग्राम पंचायत में जोड़ने को लेकर नाराज है और मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दे चुके हैं.

Intro:नवगठित ग्रामपंचायत सिनोता को है विकास की दरकार
जंगल के बिछड़ो में चम्बल नदी किनारे बसा गांव है सिनोता
ग्रामीणों की मांग के बाद राज्य सरकार ने बनाई है पंचायत
अब गांव के विकास के इंतजार में है स्थानीय मतदाता
पूर्व में ककरावदा पंचायत में था गांवBody:इटावा कोटा

स्पेशल स्टोरी गांव की सरकार

कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र का सिनोता गांव जो अब नवगठित ग्रामपंचायत में बदल गया है जिसके बाद इस गांव के लोगो मे गांव के ग्राम पंचायत बनने पर खासा उत्साह है और कल होने वाले गांव की सरकार में अपनी पूर्ण भागीदारी निभागकर गांव की सरकार का पहला मुखिया चुनने को लेकर आतुर नजर आरहे है जिसके चलते सिनोता गांव के बुजुर्ग लोग एक हथाई पर बैठकर चुनावी चर्चाओ में मशगूल दिखाई देते है और गांव के विकास को लेकर अपनी रणनीति बनाते नजर आते है नवगठित सिनोता ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए एसटी की सीट आरक्षित हुई है जिसके बाद 6प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे है और गांव की सरकार का पहला मुखिया बनने को आतुर नजर आरहे है वही ग्रामीणों के अनुसार गांव के ऐसे सरपंच की दरकार है जो गांव के थमे हुए विकास के पहिये को आगे बढ़ाए और चम्बल नदी किनारे बिछड़ो में बसे इस सिनोता गांव की कायापलट कर सके ग्रामीणों का कहना है कि सिनोता गांव पूर्व में ककरावदा ग्राम पंचायत में था तो जो भी सरपंच बनता था उसे चुनने में सिनोता गांव की अहम भूमिका होती थी लेकिन सरपंच बनने के बाद उक्त सरपंच साहब द्वारा गांव को दरकिनार कर दिया जाता रहा जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव को पंचायत बनाने की मांग उठाई और विधायक रामनारायण मीणा के प्रयास से राज्य सरकार ने सिनोता को ग्राम पंचायत बनाया है अब हम ऐसा सरपंच चुनेंगे जो गांव के विकास को लेकर प्रतिबद्ध रहे और बिछड़ो में पड़े इस गांव को चमन बनाकर इटावा क्षेत्र में पंचायत का नाम रोशन करें इस नवगठित ग्राम पंचायत 4378 मतदाताओ है वही 8गांवो को सम्मिलित कर ग्राम पंचायत का गठन हुआ है जिसमे से बांगरोद,शेरपुर के मतदाता इस ग्राम पंचायत में जोड़ने को लेकर नाराज है और मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दे चुके हैConclusion:बाइट 01 घनश्याम मीणा स्थानीय निवासी
बाइट02 रामरतन स्थानीय निवासी
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