कोटा. अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को हाइजीनिक खाना देने का दावा मेडिकल कॉलेज कोटा जरूर करता है, लेकिन ईटीवी भारत में मेडिकल कॉलेज के एमबीएस और नए अस्पताल में की गई पड़ताल में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. ईटीवी भारत ने जब मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल के किचन रूम का निरीक्षण किया तो वहां पर ना तो कार्मिकों ने ग्लब्स पहने हुए थे और ना ही उनके सिर पर किसी तरह की कोई कैप थी.
लेकिन हम तब और भी ज्यादा हैरान रह गए जब हमें एक कर्मचारी जमीन पर ही आटा गूथता नजर आया. यहां तक कि जो बर्तन थे वह भी गंदे नजर आ रहे थे साथ ही सब्जी काटने वाला व्यक्ति भी हाथों में ग्लब्स पहने नहीं नजर आया. किचन रूम में चारों तरफ गंदगी का अंबार नजर आ रहा था. ऐसा सिर्फ यहीं नहीं बल्कि कुछ ऐसा ही हाल हमें एमबीएस अस्पताल में भी नजर आया. यहां खाना बनाने के उपयोग में लिए जा रहे बर्तन गंदे नजर आए. साफ-सफाई भी गैस पट्टी पर झाड़ू से ही की जा रही थी.
नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील का कहना है कि उन्होंने पहले ही पैकिंग खाना शुरू करवा दिया है. उनका कहना है कि अब किसी भी व्यक्ति को खुला खाना नहीं दिया जाता है ताकि कोई दिक्कत मरीजों नहीं हो. हालांकि जब मरीजों को खुला बांटने की ही शिकायत उनसे की गई तो वह कहने लगे कि कभी प्लेट कम हो जाती है तो ऐसा कर दिया गया होगा लेकिन आगे से इस व्यवस्था को भी दुरुस्त करवाएंगे.
सब्जी काटने के लिए किसी बर्तन का उपयोग हम घर पर करते हैं लेकिन ऐसा कुछ हमें यहां नहीं दिखा. मतलब,यहां अस्पताल में भी हाइजीनिक खाना मरीजों को नहीं मिल रहा है. आलू पत्ता गोभी से लेकर हर सब्जी को काटने का काम जमीन पर ही किया जाता है. यहां तक कि आटा भी जमीन पर ही गूथा जाता है. जमीन पर ही रोटियां भी रखी जाती है.
जिन रोटियों को यहां मरीजों को खिलाया जाता है उन्हें गंदे कपड़े में लपेटकर रखा गया था. इससे बारे में जब किचन की इंचार्ज विन्नी जॉन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सब कुछ व्यवस्थित है लेकिन हमें कुछ ऐसा यहां नजर नहीं आया. किचन में काम करने वाले कर्मचारियों के हाथों में ना तो हमें ग्लब्स नजर आए और ना ही मुंह पर मास्क लगा दिखा. चारों तरफ फैली गंदगी और उसके बीच यहां बिना हाइजीन को ध्यान में रखते हुए खाना तैयार किया जाता है और मरीजों को फिर यही खाना खिलाया जाता है.