कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (NEET UG 2023) का आयोजन 7 मई को होना है. इसके लिए 21 लाख 63 हजार से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया है. यह सभी छात्र एग्जाम की तैयारी में जुटे हुए हैं. इनमें से कुछ छात्र परीक्षा को पोस्टपोंड करवाने की मांग भी सोशल मीडिया के जरिए कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एचआरडी मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डीजी डॉ. विनीत जोशी को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं. कई लोग भी इन छात्रों का समर्थन कर रहे हैं. कुछ स्टूडेंट्स की यह भी मांगे कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को साफ क्लियर कर देना चाहिए कि परीक्षा पोस्टपोंड होगी या फिर समय पर आयोजित होगी. इसके साथ ही वे एडमिट कार्ड और सिटी इनफॉरमेशन स्लिप को जारी करने की मांग भी.
दूसरी तरफ एक्सपर्ट इससे बिल्कुल विपरीत बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि बच्चों को पूरी लगन से अंतिम समय पर तैयारी सुचारू रखनी चाहिए, परीक्षा के समय 7 मई को ही दोपहर 2:00 बजे से 5:20 तक आयोजित होगी. बता दें कि पेन पेपर मोड पर होने वाली इस परीक्षा का आयोजन विश्व में 499 जगह पर किया जाएगा. जिनमें 485 भारतीय और 14 विदेशी शहर शामिल है.
छात्र क्यों मान रहे कि NTA टालेगी परीक्षा : परीक्षा को 10 दिन से कम समय रह गए हैं और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने छात्रों को उनके परीक्षा शहरों की जानकारी नहीं दी है. इस कारण भी छात्र मानकर चल रहे हैं, कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी परीक्षा को टाल सकती है. हालात कोटा कोचिंग से जुड़े एक्सपर्ट इस बात से साफ इनकार करते हैं उनका कहना है कि परीक्षा 7 मई कोई आयोजित होगी. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी किसी भी सूरत में ऐसा नहीं टालेगी.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का रवैया छात्रों के हित में कम ही नजर आता है. छात्रों को उनके परीक्षा शहरों की जानकारी देने के लिए एग्जामिनेशन सिटी इनफार्मेशन स्लिप नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को अब तक दे देनी चाहिए थी. ताकि जिन भी शहर में उन्हें परीक्षा देने जाना है, वह उनका शहर नहीं है, तो उन्हें वहां जाने का ट्रैवल प्लान और एकमोडेशन की व्यवस्था कर लेनी चाहिए. बच्चों के साथ उनके पेरेंट्स भी जाते हैं. ऐसे में एक से ज्यादा व्यक्ति की व्यवस्था उन्हें करनी होती है.
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एक्सपर्ट की राय - इसलिए नहीं होगी पोस्टपोंड : देव शर्मा ने बताया कि परीक्षाओं के पोस्टपोनड होने के संबंध में कहा कि बड़ी संख्या में छात्र बोर्ड परीक्षा और प्रैक्टिकल का हवाला देकर परीक्षाओं को टालने की बात कह रहे हैं. हालांकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने करीब 5 महीने पहले ही इन तारीखों की घोषणा कर दी थी. ऐसे में सीबीएसई और अन्य स्टेट बोर्ड को 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं और प्रैक्टिकल का टाइम टेबल इसी अनुसार बनाना चाहिए था. कई स्टेट बोर्ड ओर सीबीएसई ने इसे बखूबी किया भी है. ऐसे में परीक्षा को टालना उन छात्रोंके साथ भी धोखा हो जाएगा, जो पूरी तैयारी और लगन से अभी पढ़ाई कर रहे हैं और 7 मई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.