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सुसाइड करने वाले कोचिंग छात्र के पेरेंट्स का आरोप, हॉस्टल संचालक और जिला प्रशासन की लापरवाही

नीट की तैयारी कर रहे बिहार निवासी कोचिंग छात्र की आत्महत्या के मामले में परिजनों ने हॉस्टल व कोचिंग संचालक और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.

NEET coaching student suicide case in Kota,
सुसाइड करने वाले कोचिंग छात्र के पेरेंट्स का आरोप, हॉस्टल संचालक और जिला प्रशासन की लापरवाही
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Published : May 26, 2023, 5:49 PM IST

कोटा. शहर में 2 दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे बिहार निवासी कोचिंग छात्र की आत्महत्या के मामले में शुक्रवार को परिजन कोटा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कोटा जिला प्रशासन के साथ-साथ हॉस्टल संचालकों और कोचिंग संचालक पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्र के परिजनों का कहना है कि हॉस्टल में बच्चा 19 मई से भोजन नहीं कर रहा था, लेकिन इसकी जानकारी हमें नहीं दी गई.

प्रेम-प्रसंग के मिले थे कई लेटरः कुन्हाड़ी थानाधिकारी गंगा सहाय शर्मा का कहना है कि 24 मई की देर रात 9 बजे कमला उद्यान क्षेत्र स्थित रेयांश नाम के हॉस्टल में सुसाइड की सूचना मिली थी. जिस पर पुलिस पहुंची थी, वहां पर पता चला आर्यन नाम का एक विद्यार्थी आत्महत्या करने जैसे हालात में मिला था. जिसके शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. नालंदा बिहार निवासी उसके परिजनों को सूचना दे दी थी, उसके परिजन आज पहुंचे हैं. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है. छात्र 12वीं में पढ़ रहा था. साथ ही उसके कक्ष से प्रेम प्रसंग के कुछ पत्र मिले हैं, यह सुसाइड नोट जैसे ही हैं. ऐसे में पुलिस उसकी कॉल डिटेल, परिजनों से पूछताछ, बच्चे के हॉस्टल व कोचिंग से भी पूरा रिकॉर्ड लेकर मामले की तहकीकात हर पहलू पर की जा रही है. इसके बाद ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो पाएगा.

पढ़ेंः Kota Suicide Case: लड़के से प्यार में असफल छात्र ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा ये कारण...

कई दिनों से नहीं खा रहा था मैस पर खानाः मृतक छात्र आर्यन के मामा ओमकार का कहना है कि हॉस्टल संचालक की काफी लापरवाही सामने आ रही है. आर्यन 1 साल से कोटा में रहकर नीट यूजी की तैयारी कर रहा था. बीती 19 मई से ही मैस में खाने की एंट्री नहीं है. यह जानकारी रखनी चाहिए कि बच्चा खाना क्यों नहीं खा रहा था. इसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं दी गई. यह सब जिम्मेदारी हॉस्टल की है. आर्यन के माता-पिता ने जब फोन किया था, तब उसने फोन नहीं उठाया. हॉस्टल संचालक ने 10 मिनट रूम में जाकर देखा, तब कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और वह सुसाइड की स्थिति में था. इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए.

पढ़ेंः नर्सिंग छात्रा की खुदकुशी का मामला: न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरा एनएसयूआई

मां बोली-एकलौता बेटा छिन गयाः आर्यन की मां ने जिला प्रशासन और हॉस्टल संचालकों पर गंभीर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि हम दिन भर कॉल करते रहे, लेकिन कोई देखने वाला नहीं था. हॉस्टल से भी उसके व्यवहार के बारे में कोई जानकारी हमें नहीं मिली. पढ़ाई में आर्यन काफी अच्छा था. साथ ही प्रेम प्रसंग के मामले पर उसकी मां ने कहा कि हम कह नहीं सकते यह क्या मामला है. साथ ही कहा कि मेरा इकलौता बेटा आर्यन था, जिसकी भी मौत हो गई है. उसके पिता धर्मेंद्र ने मीडिया से बातचीत करने से इंकार कर दिया.

कोटा. शहर में 2 दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे बिहार निवासी कोचिंग छात्र की आत्महत्या के मामले में शुक्रवार को परिजन कोटा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कोटा जिला प्रशासन के साथ-साथ हॉस्टल संचालकों और कोचिंग संचालक पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्र के परिजनों का कहना है कि हॉस्टल में बच्चा 19 मई से भोजन नहीं कर रहा था, लेकिन इसकी जानकारी हमें नहीं दी गई.

प्रेम-प्रसंग के मिले थे कई लेटरः कुन्हाड़ी थानाधिकारी गंगा सहाय शर्मा का कहना है कि 24 मई की देर रात 9 बजे कमला उद्यान क्षेत्र स्थित रेयांश नाम के हॉस्टल में सुसाइड की सूचना मिली थी. जिस पर पुलिस पहुंची थी, वहां पर पता चला आर्यन नाम का एक विद्यार्थी आत्महत्या करने जैसे हालात में मिला था. जिसके शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. नालंदा बिहार निवासी उसके परिजनों को सूचना दे दी थी, उसके परिजन आज पहुंचे हैं. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है. छात्र 12वीं में पढ़ रहा था. साथ ही उसके कक्ष से प्रेम प्रसंग के कुछ पत्र मिले हैं, यह सुसाइड नोट जैसे ही हैं. ऐसे में पुलिस उसकी कॉल डिटेल, परिजनों से पूछताछ, बच्चे के हॉस्टल व कोचिंग से भी पूरा रिकॉर्ड लेकर मामले की तहकीकात हर पहलू पर की जा रही है. इसके बाद ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो पाएगा.

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कई दिनों से नहीं खा रहा था मैस पर खानाः मृतक छात्र आर्यन के मामा ओमकार का कहना है कि हॉस्टल संचालक की काफी लापरवाही सामने आ रही है. आर्यन 1 साल से कोटा में रहकर नीट यूजी की तैयारी कर रहा था. बीती 19 मई से ही मैस में खाने की एंट्री नहीं है. यह जानकारी रखनी चाहिए कि बच्चा खाना क्यों नहीं खा रहा था. इसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं दी गई. यह सब जिम्मेदारी हॉस्टल की है. आर्यन के माता-पिता ने जब फोन किया था, तब उसने फोन नहीं उठाया. हॉस्टल संचालक ने 10 मिनट रूम में जाकर देखा, तब कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और वह सुसाइड की स्थिति में था. इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए.

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मां बोली-एकलौता बेटा छिन गयाः आर्यन की मां ने जिला प्रशासन और हॉस्टल संचालकों पर गंभीर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि हम दिन भर कॉल करते रहे, लेकिन कोई देखने वाला नहीं था. हॉस्टल से भी उसके व्यवहार के बारे में कोई जानकारी हमें नहीं मिली. पढ़ाई में आर्यन काफी अच्छा था. साथ ही प्रेम प्रसंग के मामले पर उसकी मां ने कहा कि हम कह नहीं सकते यह क्या मामला है. साथ ही कहा कि मेरा इकलौता बेटा आर्यन था, जिसकी भी मौत हो गई है. उसके पिता धर्मेंद्र ने मीडिया से बातचीत करने से इंकार कर दिया.

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