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Kota Industry Fair 2023: 1 फीसदी मारवाड़ियों का देश की अर्थव्यवस्था में 24 प्रतिशत योगदान, कोटा के लोग पीछे क्यों: नारायण राणे - केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे

कोटा में आयोजित माइक्रो, स्माल और मीडियम इंडस्ट्री उद्योग मेले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि जब देश की अर्थव्यवस्था में मारवाड़ियों का 24 फीसदी योगदान है, तो कोटा के मारवाड़ी कैसे पीछे हैं. उन्हें आगे आने का प्रयास करना चाहिए.

MSME Minister urges Kota to do more business and increase their contribution in economy
Kota Industry Fair 2023: 1 फीसदी मारवाड़ियों का देश की अर्थव्यवस्था में 24 प्रतिशत योगदान, कोटा के लोग पीछे क्यों: नारायण राणे
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Published : Mar 4, 2023, 6:09 PM IST

Updated : Mar 5, 2023, 4:11 PM IST

कोटा के मारवाड़ियों से क्या बोले केंद्रीय एमएसएमई मंत्री

कोटा. दशहरा मैदान में प्रदेश का सबसे बड़ा माइक्रो, स्माल और मीडियम इंडस्ट्री उद्योग मेला आयोजित किया जा रहा है. इसका उद्घाटन शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने किया. इस मौके पर राणे ने कहा कि मारवाड़ी देश की अर्थव्यवस्था में 24 फीसदी तक योगदान करते हैं. ऐसे में कोटा के मारवाड़ी पीछे क्यों रह गए, उन्हें भी आगे आना चाहिए.

राणे ने कहा कि देश में 6 करोड़ 30 लाख एमएसएमई उद्योगपति हैं. जबकि कोटा में 36 हजार हैं. यहां की आबादी 20 लाख है. ऐसे में आबादी के अनुसार यह बढ़ना चाहिए, ताकि देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ जाए. कोटा की प्रति व्यक्ति आय सवा लाख रुपए है. जबकि देश में कई जगह पर प्रति व्यक्ति आय ढाई लाख रुपए से ऊपर है. गोवा जैसे छोटे स्टेट की भी प्रति व्यक्ति आय साढ़े चार से पांच लाख रुपए के बीच है. कोटा की प्रति व्यक्ति आय बढ़नी चाहिए. इससे देश की जीडीपी बढ़ेगी. एमएसएमई उद्योग भी अच्छी प्रगति करेंगे. मंच पर बूंदी विधायक अशोक डोगरा और कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा मौजूद थे.

पढ़ें: प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और एमएसएमई नीति 2022 जारी, जानिए क्या मिलेगा फायदा

साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मारवाड़ी का 24 फीसदी योगदान है. इनकी संख्या 1 फीसदी है. ऐसे में कोटा के मारवाड़ी पीछे क्यों रहें, उन्हें भी आगे बढ़ना चाहिए. कोटा में भी एमएसएमई सेक्टर में 60 हजार उद्योग होने चाहिए. इसी के बूते पर पर कैपिटल इनकम बढ़ेगी, जिससे रोजगार भी बढ़ेंगे और यह औद्योगिक नगरी के रूप में भी दोबारा पहचाना जाएगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका में जहां पर कैपिटा इनकम 56 लाख व ब्रिटेन में 48 लाख रुपए है. ऐसे में विकसित देशों में शामिल होना चाहिए.

कोटा दोबारा बने औद्योगिक नगरी: इस दौरान नारायण राणे ने कोटा की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि कोटा को औद्योगिक नगरी के रूप में दोबारा स्थापित करना है. इसी के लिए यह फेयर लगाया है. मंत्री राणे ने कहा कि पीएम मोदी चाहते हैं कि भारत महासत्ता और आत्मनिर्भर बने. इसलिए 2014 में उन्होंने अर्थव्यवस्था को विश्व के पायदान पर ऊपर ले जाने का संकल्प लिया था. वे दसवें नंबर से पांचवें नंबर पर ले आए हैं. उन्होंने इस साल 2023 में अब दोबारा संकल्प लिया है कि अर्थव्यवस्था को तीसरे नंबर पर ले जाएंगे. अमेरिका व चाइना के बाद भारत तीसरे नंबर पर होगा. इसके लिए देशवासियों को काम करना होगा.

पढ़ें: राज्य में 1.42 लाख करोड़ के 32 निवेश प्रस्तावों को मंजूरी, 32 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

संजय राउत के पास कोई काम-धंधा नहीं: संजय राउत के संबंध में मीडिया के सवाल करने पर नारायण राणे ने साफ कह दिया कि वे उन्हें पहचानते नहीं हैं. इसके बाद उन्होंने यह कहा कि राजस्थान के डेवलपमेंट और विकास के संबंध में जो सवाल पूछना है, मीडिया पूछ सकती हैं. लेकिन जिस व्यक्ति को पहचानते नहीं और जिसका राजस्थान से कोई ताल्लुक नहीं है, उस संबंध में कोई जवाब नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका कोई काम-धंधा नहीं है. हम भारत देश को बनाने में जुटे हुए हैं.

केंद्र चाहता है लोगों का जीवन स्तर सुधारना: स्पीकर ओम ​बिरला ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार औद्योगिक विकास को बढ़ाना चाह रही है. एमएसएमई सेक्टर देश में सबसे ज्यादा रोजगार देता है. इनका अर्थव्यवस्था में 30 फीसदी योगदान है. अब इसे और बढ़ाना चाहिए. पीएम मोदी का भी मानना है कि ग्लोबल आर्थिक तंत्र बने, जिसमें एमएसएमई सेक्टर भी आगे रहे. केंद्र सरकार चाहती है कि लोगों का जीवन स्तर सुधरे और हर जिले के प्रोडक्ट को शामिल कर डिजिटल सिस्टम बनाया है. जिसके जरिए उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि टेक्नोलॉजी, टूरिज्म व ट्रेड में देश आगे बढ़ना चाहिए. इसी पर सभी लोगों को काम करना चाहिए.

पढ़ें: कोटा में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए समागम कार्यक्रम का आयोजन

नौकरी देने वाले बनें युवा: बिरला ने कहा कि किसी जमाने में कोटा उद्योग नगरी हुआ करता था. इसीलिए दोबारा औद्योगिक नगरी के रूप में स्थापित करने का प्रयास है. युवाओं को नौकरी लगने की जगह एंटरप्रेन्योर बनकर नौकरी देने वाला बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेल कनेक्टिविटी में कोटा बेहतर जगह पर है. बिजली की कमी भी नहीं है. चंबल नदी होने से पानी की भी कमी नहीं है. रोड कनेक्टिविटी में भी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से कोटा जुड़ा हुआ है, जिसमें 5 घंटे में दिल्ली और 8 घंटे में मुंबई पहुंचा जा सकता है. कोटा से इटावा होकर कानपुर पहुंचने के लिए भी चंबल एक्सप्रेस वे बन रहा है. जिससे 5 से 6 घंटे लगेंगे. यह सब चीजें आर्थिक प्रगति में शामिल रहेंगी.

कोटा के मारवाड़ियों से क्या बोले केंद्रीय एमएसएमई मंत्री

कोटा. दशहरा मैदान में प्रदेश का सबसे बड़ा माइक्रो, स्माल और मीडियम इंडस्ट्री उद्योग मेला आयोजित किया जा रहा है. इसका उद्घाटन शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने किया. इस मौके पर राणे ने कहा कि मारवाड़ी देश की अर्थव्यवस्था में 24 फीसदी तक योगदान करते हैं. ऐसे में कोटा के मारवाड़ी पीछे क्यों रह गए, उन्हें भी आगे आना चाहिए.

राणे ने कहा कि देश में 6 करोड़ 30 लाख एमएसएमई उद्योगपति हैं. जबकि कोटा में 36 हजार हैं. यहां की आबादी 20 लाख है. ऐसे में आबादी के अनुसार यह बढ़ना चाहिए, ताकि देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ जाए. कोटा की प्रति व्यक्ति आय सवा लाख रुपए है. जबकि देश में कई जगह पर प्रति व्यक्ति आय ढाई लाख रुपए से ऊपर है. गोवा जैसे छोटे स्टेट की भी प्रति व्यक्ति आय साढ़े चार से पांच लाख रुपए के बीच है. कोटा की प्रति व्यक्ति आय बढ़नी चाहिए. इससे देश की जीडीपी बढ़ेगी. एमएसएमई उद्योग भी अच्छी प्रगति करेंगे. मंच पर बूंदी विधायक अशोक डोगरा और कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा मौजूद थे.

पढ़ें: प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और एमएसएमई नीति 2022 जारी, जानिए क्या मिलेगा फायदा

साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मारवाड़ी का 24 फीसदी योगदान है. इनकी संख्या 1 फीसदी है. ऐसे में कोटा के मारवाड़ी पीछे क्यों रहें, उन्हें भी आगे बढ़ना चाहिए. कोटा में भी एमएसएमई सेक्टर में 60 हजार उद्योग होने चाहिए. इसी के बूते पर पर कैपिटल इनकम बढ़ेगी, जिससे रोजगार भी बढ़ेंगे और यह औद्योगिक नगरी के रूप में भी दोबारा पहचाना जाएगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका में जहां पर कैपिटा इनकम 56 लाख व ब्रिटेन में 48 लाख रुपए है. ऐसे में विकसित देशों में शामिल होना चाहिए.

कोटा दोबारा बने औद्योगिक नगरी: इस दौरान नारायण राणे ने कोटा की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि कोटा को औद्योगिक नगरी के रूप में दोबारा स्थापित करना है. इसी के लिए यह फेयर लगाया है. मंत्री राणे ने कहा कि पीएम मोदी चाहते हैं कि भारत महासत्ता और आत्मनिर्भर बने. इसलिए 2014 में उन्होंने अर्थव्यवस्था को विश्व के पायदान पर ऊपर ले जाने का संकल्प लिया था. वे दसवें नंबर से पांचवें नंबर पर ले आए हैं. उन्होंने इस साल 2023 में अब दोबारा संकल्प लिया है कि अर्थव्यवस्था को तीसरे नंबर पर ले जाएंगे. अमेरिका व चाइना के बाद भारत तीसरे नंबर पर होगा. इसके लिए देशवासियों को काम करना होगा.

पढ़ें: राज्य में 1.42 लाख करोड़ के 32 निवेश प्रस्तावों को मंजूरी, 32 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

संजय राउत के पास कोई काम-धंधा नहीं: संजय राउत के संबंध में मीडिया के सवाल करने पर नारायण राणे ने साफ कह दिया कि वे उन्हें पहचानते नहीं हैं. इसके बाद उन्होंने यह कहा कि राजस्थान के डेवलपमेंट और विकास के संबंध में जो सवाल पूछना है, मीडिया पूछ सकती हैं. लेकिन जिस व्यक्ति को पहचानते नहीं और जिसका राजस्थान से कोई ताल्लुक नहीं है, उस संबंध में कोई जवाब नहीं देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका कोई काम-धंधा नहीं है. हम भारत देश को बनाने में जुटे हुए हैं.

केंद्र चाहता है लोगों का जीवन स्तर सुधारना: स्पीकर ओम ​बिरला ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार औद्योगिक विकास को बढ़ाना चाह रही है. एमएसएमई सेक्टर देश में सबसे ज्यादा रोजगार देता है. इनका अर्थव्यवस्था में 30 फीसदी योगदान है. अब इसे और बढ़ाना चाहिए. पीएम मोदी का भी मानना है कि ग्लोबल आर्थिक तंत्र बने, जिसमें एमएसएमई सेक्टर भी आगे रहे. केंद्र सरकार चाहती है कि लोगों का जीवन स्तर सुधरे और हर जिले के प्रोडक्ट को शामिल कर डिजिटल सिस्टम बनाया है. जिसके जरिए उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते हैं कि टेक्नोलॉजी, टूरिज्म व ट्रेड में देश आगे बढ़ना चाहिए. इसी पर सभी लोगों को काम करना चाहिए.

पढ़ें: कोटा में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए समागम कार्यक्रम का आयोजन

नौकरी देने वाले बनें युवा: बिरला ने कहा कि किसी जमाने में कोटा उद्योग नगरी हुआ करता था. इसीलिए दोबारा औद्योगिक नगरी के रूप में स्थापित करने का प्रयास है. युवाओं को नौकरी लगने की जगह एंटरप्रेन्योर बनकर नौकरी देने वाला बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि रेल कनेक्टिविटी में कोटा बेहतर जगह पर है. बिजली की कमी भी नहीं है. चंबल नदी होने से पानी की भी कमी नहीं है. रोड कनेक्टिविटी में भी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से कोटा जुड़ा हुआ है, जिसमें 5 घंटे में दिल्ली और 8 घंटे में मुंबई पहुंचा जा सकता है. कोटा से इटावा होकर कानपुर पहुंचने के लिए भी चंबल एक्सप्रेस वे बन रहा है. जिससे 5 से 6 घंटे लगेंगे. यह सब चीजें आर्थिक प्रगति में शामिल रहेंगी.

Last Updated : Mar 5, 2023, 4:11 PM IST
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