कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) की एक संविदा कार्मिक ने पूर्व एचओडी इलेक्ट्रॉनिक्स और वर्तमान में डीन फैकल्टी अफेयर्स राजीव गुप्ता के खिलाफ छेड़छाड़ की दी थी. इस पर पुलिस ने एफआर लगा दी थी. आरटीयू की कमेटी ने भी राजीव गुप्ता के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया था. अब इस मामले को पुलिस ने फिर से ओपन कर दिया (case reopened against RTU Dean Faculty affairs) है. पीड़ित के बयान भी लिए गए हैं.
इस मामले में ईटीवी भारत ने समाचार प्रकाशित कर छात्रा की बात को रखा था. जिसमें छात्रों ने कहा था कि उसके साथ ज्यादती हुई, लेकिन जांच में लीपापोती हुई है. यह मामला भी राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के सामने आया था. टीम के सदस्यों ने संविदा कार्मिक युवती के माता-पिता को बुलाकर बातचीत की थी, जिसके बाद शनिवार को इस केस को भी ओपन कर दिया गया है. पुलिस इस संबंध में दोबारा से जांच-पड़ताल शुरू कर रही है. शनिवार को पीड़ित संविदा कार्मिक के बयान भी लिए हैं. दूसरी तरफ पुलिस की एक टीम ने आरोपी गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल से आमने-सामने बैठाकर भी पुलिस ने पूछताछ की है.
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इस टीम के सदस्यों ने बताया कि वह स्टाफ फैकल्टी और छात्र छात्राओं से बातचीत कर रहे हैं. इसमें सभी तथ्यों को जोड़ा जा रहा है. मूल रूप से उनका काम पुलिस जांच की मॉनिटरिंग है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एक संविदा कार्मिक की शिकायत पहले आई थी. जिस पर यूनिवर्सिटी की महिला शिकायत निवारण से जुड़ी कमेटी से भी सवाल जवाब किए गए हैं. कमेटी के कोऑर्डिनेटर प्रवीण सिंह ने बताया कि संविदा कार्मिक से जुड़ा हुआ मामला रिओपन किया गया है. जिस पर पुलिस दोबारा से तथ्य से जांच कर रही है. आज उस बालिका को बुलाकर बयान भी उसके लिए हैं.
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गिरीश परमार के मोबाइल में संविदा कर्मी और छात्राओं के फोटो: वहीं गिरीश परमार के मामले में साइबर सेल भी मोबाइलों की जांच में जुटी हुई है. सामने आया है कि परमार के मोबाइल में संविदा कर्मी सहित कई छात्राओं के फोटो मिले हैं. संविदा कार्मिक का कहना है कि आज उसे टीम ने बयान के लिए बुलाया था. जिसके बाद जयपुर से कोटा पहुंची और यहां पर उसने बयान दिए हैं. पुलिस ने पूछताछ में उसके फोटो दिखाते हुए कहा कि यह फोटो परमार के मोबाइल में मिले हैं. ये वे 8 फोटो थे, जो कि पीड़िता ने स्टेटस और व्हाट्सएप की डीपी पर लगा रही थी. जिनका स्क्रीनशॉट ले आरोपी ने अपने मोबाइल में सेव कर लिया था. पुलिस लगातार इस संबंध में रिकॉर्डेड बयान ले रही है. जिनकी मॉनिटरिंग भी दिल्ली से आई महिला आयोग टीम कर रही है.